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Published on 19 Aug, 2025
Updated on 20 Aug, 2025
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5 min Read
Written by Vipul Tiwary
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गर्भपात जिसे अक्सर मिस्कैरेज भी कहा जाता है। मिसकैरेज एक दुखद घटना है जो दुनिया भर के कई कपल्स को प्रभावित करती है। गर्भपात होना, कपल्स को भावनात्मक और शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाती है। मिसकैरेज होने के बाद, महिलाओं का शरीर सामान्य होने पर ब्लीडिंग, ऐंठन, थकान जैसी लक्षणों का अनुभव हो सकता है। आइए जानते हैं, गर्भपात क्या है, अधूरा गर्भपात के लक्षण और कारण क्या है, इत्यादि।
मिसकैरेज या गर्भपता एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जब ठहरा हुआ गर्भ किसी कारण से समाप्त हो जाता है। यानी आपकी प्रेगनेंसी के 20 वें सप्ताह के पहले भ्रूण की मृत्यु हो जाने की स्थिति को मिसकैरेज कहा जाता है। आंकड़ों की बात करें तो गर्भावस्था के 15 प्रतिशत मामलों में गर्भपात की स्थिति देखने को मिलती है। इसमें भी 10 में से 8 गर्भपात पहली तिमाही में होते हैं, इसका मतलब है ज्यादातर मामलों में मिसकैरेज पहली तिमाही में होते हैं। जो मिसकैरेज 20 वें सप्ताह के बाद होते हैं, उन्हें “लेट मिसकैरेज” कहा जाता है।
मिसकैरेज के प्रकार उसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इसके लक्षणों की पहचान कर समय पर मेडिकल सहायता लेने के लिए गर्भपात के प्रकार को जानना जरूरी है। गर्भपात के प्रकार निम्नलिखित है:-
इस दौरान गर्भावस्था के शुरुआती समय में ब्लीडिंग होती है और हल्का दर्द हो सकता है। लेकिन अभी गर्भ सुरक्षित सहता है। अगर समय से इसका सही इलाज कर लिया गया तो गर्भ को बचाया जा सकता है। यह लक्षण गर्भपात की तरफ इशारा होता है।
इस तरह के गर्भपात में गर्भाशय ग्रीवा खुलना शुरू हो जाता है और ब्लीडिंग के साथ दर्द होता है। इसमें गर्भपात होना तय होता है और इसे रोका नहीं जा सकता है।
अधुरा गर्भपात के लक्षण और उपाय क्या है? इस तरह के मिसकैरेज में गर्भावस्था के कुछ उत्तक गर्भ से बाहर निकल जाते हैं और कुछ गर्भाशय में ही रह जाते हैं। इसमें ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है और बचे हुए भाग को निकालने के लिए इलाज की जरूरत होती है।
पूर्ण गर्भपात में गर्भ के उत्तक पूरी तरह के बाहर निकल जाते हैं। इसमें ब्लीडिंग और दर्द कम होने के साथ खत्म हो जाते हैं।
मिस्ड मिसकैरेज में भ्रूण के दिल की धड़कन रुक जाती है और गर्भाशय के उत्तक शरीर के बाहर नहीं निकल पाते हैं। महिला के शरीर को उस समय इसका पता नहीं चलता है, नाहीं इसके कोई लक्षण होते हैं। इस स्थिति का अल्ट्रासाउंड के बाद ही पता लगाया जा सकता है।
बार-बार बच्चा क्यों गिर जाता है या बार-बार मिसकैरेज क्यों होता है? रिकरंट मिसकैरेज में महिला को 3 या उससे ज्यादा बार गर्भपात होता है। बार-बार मिसकैरेज होना किसी अंदरूनी समस्या की तरफ इशारा करती है, जिसका इलाज और जांच बहुत जरूरी है। यह स्थिति अक्सर गर्भाशय और हार्मोनल की गड़बड़ी की वजह से हो सकता है।
सामान्य रूप से मिसकैरेज गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह से पहले होता है। मिसकैरेज या अधूरा गर्भपात के लक्षण इसके प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। यहां मिसकैरेज के कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:-
गर्भपात अचानक समाप्त होना या बार-बार मिसकैरेज होने का कारण कई हो सकते हैं। मिसकैरेज की रोकथाम और भावनात्मक रूप से तैयार होने के लिए इसके इसके कारणों का जानना बहुत जरूरी है। गर्भपात के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित है:-
गर्भपात से शत-प्रतिशत बचाव संभव नहीं है, ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार भ्रूण में प्राकृतिक रूप से दिक्कतें भी होती है। इसके बावजूद भी जीवनशैली में बदलाव करके और चिकित्सा देखभाल कर के गर्भपात के खतरे को कम किया जा सकता है:-
गर्भपात आपको शारीरिक और भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भपात का सही इलाज महिला के स्वास्थ और जरूरतों के आधार पर तय किया जाता है। प्राथमित तौर पर गर्भपात के उपचार का विकल्प निम्नलिखित है:-
शुरुआती गर्भपात जो खासकर पहली तिमाही में होता है, इसमें बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के गर्भावस्था के टिस्यूज सामान्य रूप से बाहर निकल सकते हैं, इसे अपेक्षित प्रबंधन कहते हैं। इसमें महिला के ज्यादा ब्लीडिंग और इंफेक्शन का ध्यान रखा जाता है और निगरानी होती है।
इस प्रक्रिया में दवाओं का इस्तेमाल, मिसकैरेज के दौरान गर्भावस्था के उत्तकों को तेजी से बाहर निकालने में मदद के लिए किया जाता है। आमतौर पर इस प्रक्रिया को घर पर किया जा सकता है लेकिन गर्भपात खत्म हो गया है, इसका पता करने के लिए अस्पताल में जांच करवानी होगी।
गर्भपात के गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसमें सबसे सामान्य प्रक्रिया है डी एंड सी यानी डायलेशन और क्यूरेटेज। जहां गर्भाशय ग्रीवा को फैलाकर बचे हुए गर्भाशय टिस्यू को एक खास तरह के डिवाइस से बाहर निकाला जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब ज्यादा ब्लीडिंग और गंभीर संक्रमण हो या जब गर्भाशय के ऊत्तक दवा से बाहर नहीं नकल पाते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान सामान्य या लोकल एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जब बच्चा गर्भ में नहीं ठहर पाता है और किसी कारणवस समाप्त हो जाता है, उसे मिसकैरेज या गर्भपात माना जाता है। मिसकैरेज कई कारणों से हो सकता है, यह भारी-भरकम काम करने से भी हो सकता है या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी हो सकता है। मिसकैरेज के प्रकार कई रूपों में उपरोक्त भाग में बताया गया है, जैसे- अधूरा मिसकैरेज, बार-बार मिसकैरेज, पूर्ण मिसकैरेज, मिस्ड मिसकैरेज, इत्यादि। इसका इलाज कई तरह से किया जाता है यह उसके प्रकार और महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।
सामान्य मिसकैरेज अपने आप पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है और कुछ मामलों में दवाइयों की जरूरत पड़ती है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जिसके लिए आपको अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे समय में शारीरिक और भावनात्मक रूप से महिला समेत पूरे परिवार को नुकसान पहुंचता है। मिसकैरेज से बचने के लिए महिला के साथ-साथ पूरे परिवार को महिला का भरपूर ख्याल रखना चाहिए। इसमें समय पर हेल्दी डाइट और संतुलित आहार का सेवन करें, फोलिक एसिड और विटामिन्स लेते रहें, स्ट्रेस से दूर रहें, पर्याप्त नींद लें, भारी-भरकम काम करने से बचें, नियमित रूप से ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कराएं और सबसे जरूरी समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें।
इससे आपको सफल गर्भाधारण करने में मदद मिलेगी और आप हेल्दी तरीके से बच्चे को जन्म दे सकती है। गर्भाधारण के संपूर्ण प्रक्रिया के लिए आप मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को खरीद सकती है, जहां आपको मातृत्व संबंधी खर्चों के लिए कवरेज प्रदान किया जाता है। केयर हेल्थ के मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में आपको प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा, आधुनिक प्रौद्योगिकी उपचार, 90 दिनों तक नवजात शिशु के लिए कवरेज, गर्भावस्था के लिए मेडिक्लेम सुविधा, प्रसव के दौरान किसी भी जटिलता के मामले में पूर्ण इन-पेशेंट देखभाल के साथ और भी कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है। तो आप आंख बंद करके मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के बारे में विचार कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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4 सप्ताह यानी 1 महिने की गर्भावस्था में गर्भपात के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। इसमें योनि से ब्लीडिंग, पेट में ऐंठन या दर्द, योनी से क्लॉट्स या ऊत्तक का निकलना, थकान और गर्भावस्था के लक्षणों का कम होना है।
सुरक्षित गर्भपात का मतलब है, सभी मेडिकल गाइडलाइन का पालन करते हुए, कुशल डॉक्टर और सही चिकित्सा प्रक्रिया से रजिस्टर्ड अस्पताल में किया गया गर्भपात। जो कानूनी नियमों के शर्तों के अनुसार हो।
अधूरा गर्भपात में तत्काल प्रभाव से डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर आपकी स्थिति की जांच कर के सही इलाज तय करता है। इसमें दवाई या सर्जरी कुछ भी हो सकता है, यह सब मिसकैरेज की स्थिति और प्रकार पर निर्भर करता है।
6 सप्ताह में गर्भपात यानी लगभग डेढ़ महीने का गर्भावस्था समय होता है। ऐसे में गर्भपात के लक्षण में हल्का स्पॉटिंग से लेकर भारी ब्लीडिंग, पीठ या पेट में पीरियड्स जैसा या उससे ज्यादा दर्द, गर्भावस्था के लक्षणों का अचानक कम होना, गर्भाशय से ऊत्तको का बाहर निकलना, इत्यादि।
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