Buy Online to Avail 5% Digital Discount
कुपोषण एक ऐसा शब्द है जिसके सुनते लोगों के मन में कई तरह के विचार और चित्र आने लगते हैं। यह एक ऐसी स्थिती है जो किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में आज के समय में भी कुपोषण की समस्या बनी हुई है जिसके लिए भारत सरकार कई योजनाएं और जागरुकता अभियान चलाती है। साथ ही कई ऐसे कार्यक्रम का आयोजन भी करती है जिससे इस कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सके।
वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2020 के बारे में बात करें तो भारत 107 देशों की इस सूची में 94वें स्थान पर था। इसके साथ जो रिपोर्ट मिली थी उसमें भारत की 14 प्रतिशत आबादी अल्पपोषित है और बच्चों में बौनेपर की दर 37.4 प्रतिशत है। जैसे-जैसे गरिबी बढंती है, लोगों में पौष्टिक आहार की कमी होने लगती है और कुपोषण की समस्या उत्पन्न होती है।
कुपोषण के कारण एनीमिया, घेंघा रोग, बच्चों के हड्डियों का कमजोर होना, इत्यादि की समस्या होती है, जिसके कारण शिशुओं की मृत्यु दर बढ़ने लगती है, जो कि समाज और देश के लिए सही नहीं है। कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है, जैसे- मनरेगा, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिड-डे मील, समेकित बाल विकास सेवा, इत्यादि।
कुपोषण एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। दरअसल, वो सभी पोषक तत्व जो हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी होता है, वह पोषण कहलाता है। जैसे- आपके आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, वसा, लवण, पानी और खनिज जैसे प्रमुख पोषण तत्वों का होना बहुत जरूरी है। लेकिन, यदि हमारे आहार में ये सभी पोषक तत्व उपलब्ध नहीं होते हैं तो व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो सकता है।
कुपोषण दो तरह के होते हैं:-
कुपोषण के लक्षण निम्नलिखित है:-
कुपोषण के सामान्य कारणों में निम्नलिखित चीजे शामिल हो सकती है:-
कुपोषण से बचने के लिए आप निम्नलिखित चीजों को अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं:-
कुपोषण को एक स्वास्थ्य समस्या माना गया है, जो कि बच्चे या बड़े किसी को भी हो सकती है। आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। कोई बच्चा या व्यक्ति कुपोषण का शिकार तब होता है, जब उसके आहार में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद नहीं होते है, जैसे- फैट्स, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, प्रोटीन, खनिज-लवण और पानी इत्यादि।
कुपोषण दो तरह के होते हैं, अल्पपोषण में पोषक तत्वों की कमी होती है और आपका लंबाई और वजन कम हो जाता है। दूसरा होता है अतिपोषण, इसमें शरीर को आवश्यक्ता से ज्यादा पोषक तत्व मिलते हैं, जिसके कारण मोटापा या वजन बढ़ना हो सकते हैं। कुपोषण के लक्षण में, डिप्रशन, चिड़चिड़ापन, थकान, असामान्य रूप से शरीर से वसा का कम होना, इंफेक्शन, चोट का जल्दी ठीक नहीं होना, इत्यादि है।
इसके मुख्य कारण है, स्वास्थ्य आहार की महंगाई, जागरुकता की कमी, नशे का ज्यादा सेवन, इत्यादि। इससे बचने के लिए अपने आहार में पर्याप्त खनिज-पदार्थों वाली चीजों का सेवन करें। हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाएं, रेग्यूलर एक्सरसाइज करें, शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन करें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, इत्यादि है। कुपोषण से थोड़ा हट कर बात करें तो सामान्य लोगों में भी बीमारियों की कमी नहीं है। कई लोग किसी न किसी तरह की बीमारियों से परेशान है, तो ऐसे में स्वास्थ्य बीमा सभी के लिए बहुत जरूरी पहलू है।
आज के चिकित्सा महंगाई को देखते हुए सभी लोगों को स्वास्थ्य बीमा कराना चाहिए क्योंकि यह आपको गंभीर बीमारियों में इलाज के खर्चों से बचाता है। हेल्थ इंश्योरेंस आपको कैशलेस सुविधा के साथ कई और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान करता है। आप केयर हेल्थ के क्रिटिकल इलनेस प्लान (critical insurance plan) को ले सकते हैं, जो कुल 21 से ज्यादा गंभीर बीमारियों को अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में कवर करती है। साथ ही आपको वार्षिक स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी प्रदान करती है।
>> जाने: चुनें अपनी जरूरत के हिसाब से बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
Published on 2 May 2024
Published on 2 May 2024
Published on 2 May 2024
Published on 1 May 2024
Published on 1 May 2024
GET FREE QUOTE