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क्या आप जानते हैं कि सामान्य इंसान हर दिन 30,000 तक साँसे लेता हैं। यानी की आपके फेफड़े जीवन में बिना रुके निरंतर काम करते हैं। यदि यह रुक जाए या खराब हो जाए तो आप सांस नहीं ले सकते। विषाक्त स्मॉग, ग्लोबल वार्मिंग, वाहन प्रदूषण और कारखानों का धुआं इन दिनों वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं जो श्वसन प्रणाली(रेस्पिरेटरी सिस्टम) को प्रभावित कर रहे हैं। लोग आमतौर पर अपनी सांस की समस्याओं की अनदेखी करते हैं जब तक कि वे एक पुरानी बीमारी नहीं बन जाते हैं। इसका इलाज सही टाइम पेर होना ज़रूरी है अन्यतः यह आपके जीवन और वित्त इस्थिति को बूरी तरह प्रभावित कर सकता है। हमारी यह पूर्ण गाइड, आपको सांस की बीमारियों के दुष्प्रभाव से बचाने में आपकी मदद करेगी। आइये सबसे पहले शुरू करते है की सांस की बीमारी(श्वसन रोग) क्या होती है?
सांस रोग में विभिन्न प्रकार की रोगजनक स्थितियां शामिल होती हैं जो आपके श्वसन तंत्र को प्रभावित करती हैं। श्वसन पथ में एल्वियोली, ब्रोन्ची, ट्रेकिआ, ब्रोन्किओल्स, प्लुर और श्वास की तंत्रिकाएं और मासपेशियां होते हैं। सांस रोग आपके ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। यह आमतौर पर आपके साइनस से शुरू होता है और आपके मुखर डोरियों (वोकल कॉर्ड्स) और फेफड़ों को प्रभावित करता है।
श्वसन संबंधी बीमारियाँ हानिकारक होती हैं जो आपके ऊपरी और निचले श्वसन तंत्र को बिगाड़ सकती हैं। नीचे पढ़ें इसके तीन प्रकार:
ये रोग आपके फेफड़ों में ऑक्सीजन और अन्य गैसों को ले जाने वाली नलियों को प्रभावित करता है। यह श्वसन प्रणाली में मार्ग को संकीर्ण व अवरुद्ध कर सकता है। फेफड़े का कैंसर, अस्थमा, तपेदिक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), वातस्फीति, ब्रोंकाइटिस और ब्रोन्किइक्टेसिस आम वायुमार्ग की बीमारियां हैं।
ये रोग फेफड़े के टिश्यूस (ऊतक) की संरचना को प्रभावित करते हैं। इसके परिणामस्वरूप फेफड़े के टिश्यूस में सूजन हो जाती है और सांस लेने में कठिनाई होती है। पुल्मनरी फाइब्रोसिस और सारकॉइडोसिस फेफड़े के टिश्यू रोग हैं।
यह तब होता है जब फेफड़ों में रक्त वाहिकाओं में थक्का जम जाता है, सूजन हो जाती है, या निशान पड़ जाते हैं। यह फेफड़ों की ऑक्सीजन प्राप्त करने और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करने की क्षमता को प्रभावित करता है। नतीजतन यह हृदय के कामकाज को प्रभावित करता है। पुल्मनरी (फुफ्फुसीय) उच्च रक्तचाप सबसे आम फेफड़ों का संचलन रोग है जिसमें प्रभावित लोग बहुत कम सांस ले पाते हैं।
लाखों लोग विभिन्न प्रकार के श्वसन रोगों से पीड़ित हैं। ये रोग विभिन्न कारणों से हो सकते हैं। कुछ सामान्य कारण हैं:
सांस संबंधी विकार से पीड़ित लोगों में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं:
एक बार जब आप श्वसन विकार का निदान कर लेते हैं तो घबराएं नहीं। डॉक्टर से परामर्श करें और निम्नलिखित उपचारों को भी शामिल करें:
कई कारक आपके फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन आप उन्हें रोक सकते हैं। आप निवारक उपाय नीचे पढ़ सकते हैं जो आपको इसके जोखिमों को सीमित करने में मदद करते हैं।
बढ़ती चिकित्सीय महंगाई और इलाज की बढ़ती लागत आपकी सारी बचत और पैसा ख़तम कर सकती है। व्यापक हेल्थ पॉलिसी आपकी सुरक्षा के रूप में कार्य करता है। नीचे पढ़ें इसके महत्व:
फेफड़े आपके शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं। भारत में सांस की बीमारी एक आम समस्या है और इससे गंभीर नुकसान होता है। केयर हेल्थ इंश्योरेंस दे रहा है आपके और आपके परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला अधिकतम कवरेज और कम प्रीमियम के साथ। ये हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy)आपकी और आपके परिवार की उपचार लागतों को कवर करती हैं। तो आज ही केयर की मेडिकल पॉलिसी में निवेश कर अपने और अपने परिवार के स्वस्थ और खुशहाल जीवन को सुनिश्चित करें।
डिस्क्लेमर: सांस की बीमारी के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।
Published on 12 Dec 2024
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