हृदयरोग: लक्षण, प्रकार, कारण, इलाज और इंश्योरेंस

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हृदयरोग: लक्षण, प्रकार, कारण, इलाज और इंश्योरेंस

दिल से संबंधित बीमारियां एक गंभीर समस्या हैं, जिन्हें समय पर और निरंतर देखभाल की आवश्यकता होती है। भारत में, हृदय रोगों के कारण होने वाली मौतों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि देखी गई है। यह एक चौंकाने वाली बात है कि, परिवार के मेडिकल इतिहास की तुलना में, खराब जीवनशैली इस वृद्धि के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। जोखिम वाले कारकों में गतिहीन जीवन शैली, मोटापा, तनाव और अस्वास्थ्यकर आहार की आदतें शामिल हैं। 

अगर आपको या आपके किसी भी प्रियजन को दिल की बीमारी का पता चला है, तो आपको सबसे पहले हृदय रोग  के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कवर खरीदना चाहिए। यह आवश्यक है, क्योंकि हृदय रोग के उपचार विशेष रूप से प्राइवेट अस्पतालों में महंगे होते हैं। ऐसे में हृदय से संबंधित रोगों का खर्च आपकी जमा पूंजी पर बहुत भारी पड़ सकता है।

केयर हेल्थ इंश्योरेंस हृदय रोगों के लिए अनुकूलित योजनाएं प्रदान करता है। ‘केयर हार्ट’ एक हेल्थ प्लान है जो पहले से मौजूद हृदय रोगों  के लिए कवरेज प्रदान कर के आपको भारी इलाज के खर्चों से बचाता है और सही समय पर सही उपचार के द्वारा आपके हृदय स्वास्थ्य की रक्षा करता है।

क्या आप जानते हैं कि दिल की बीमारी कितने प्रकार की होती है? हृदय रोग किसके कारण होता है? हृदय रोगों के नाम क्या होते हैं? इत्यादि। ऐसी परिस्थितियों से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए और सही उपचार के लिए, आपको हृदय रोगों के प्रकार के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। 

हृदय रोग क्या हैं?

हृदय एक ऐसा अंग है जो लगातार ब्लड को पंप कर के ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। यह अगर अपने नियमित कार्य को सही से नहीं कर पाता है तो इससे कई तरह के रोग उत्पन्न होते हैं । यहां स्वास्थ्य की स्थिति मुख्य रूप से रक्त वाहिकाओं और संचार प्रणाली से संबंधित होती है। कभी-कभी, यह विकृति और हृदय से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ी होती हैं।

हृदय रोगों के प्रकार

हृदय रोग कई तरह के होते हैं, जो की निम्नलिखित हैं :

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD): यह एक चिकित्सा स्थिति है जब कोरोनरी धमनियां - जो हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार होती हैं - पट्टिका जमा होने के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  • अतालता (अर्थिमिया): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं । उदाहरण के लिए, टैकीकार्डिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय तीव्र गति से धड़कता है।
  • कार्डियोमायोपैथी: यह एक ऐसी समस्या है  जहां हृदय की मांसपेशियां बड़ी और मोटी हो जाती हैं।
  • एथेरोस्क्लेरोसिस: यह एक चिकित्सा स्थिति है जहां धमनियां सख्त हो जाती हैं।
  • रूमेटिक हृदय रोग: यह एक ऐसी स्थिति है  जहां दिल के वाल्व स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जो आमवाती बुखार (रूमेटिक फीवर) के कारण होता है।
  • हार्ट इंफेक्शन: बैक्टीरिया या वायरस के कारण दिल में संक्रमण।
  • जन्मजात हृदय दोष: ऐसी स्थितियां हृदय से संबंधित असामान्यताएं हैं जो रोगी में जन्म से मौजूद होता हैं। उदाहरण के लिए, दो दिल कक्षों के बीच एक छेद।

हृदय रोग के कारण क्या है?

निम्नलिखित कुछ प्रमुख कारण हैं जो किसी व्यक्ति में दिल की बीमारियों के लिए जिम्मेदार होते हैं:

  • लिंग: विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है।
  • आयु: किसी व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है।
  • फैमिली मेडिकल हिस्ट्री: यदि परिवार के इतिहास में, किसी सदस्य को हृदय रोग है तो यह परिवार के अन्य व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
  • मधुमेह और उच्च रक्तचाप: यदि मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों को नियंत्रित नहीं किया जाता है और इनका इलाज नहीं किया जाता है, तो वे हृदय की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
  • लाइफस्टाइल: जैसा कि पहले कहा गया है, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा, जंक फूड खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर आदि दिल की बीमारियों की संभावनाएं बढ़ती हैं।

हृदय रोग के लक्षण क्या है?

हृदय रोग के लक्षण और उपचार निम्नलिखित है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए:-

  • छाती में दर्द
  • सीने में जकड़न
  • साँसों की कमी
  • गर्दन, जबड़े, गले, पेट, पैर या बाजुओं में दर्द
  • अनियमित दिल की धड़कन (धीमी या तेज)
  • पैरों या भुजाओं में सुन्नपन
  • चक्कर आना या बेहोशी
  • थकान
  • जी मिचलाना

हृदयरोग के निदान और उपचार

शारीरिक टेस्ट के अलावा, डॉक्टर किसी भी दिल की बीमारी का पता लगाने के लिए व्यक्ति को ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं। अन्य नैदानिक टेस्ट में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम, इकोकार्डियोग्राम, स्ट्रेस टेस्ट, सीटी स्कैन और हार्ट एमआरआई शामिल हैं - ये सभी किसी व्यक्ति की हृदय स्थितियों की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त करने के लिए अच्छे तरीके हैं।

हृदय रोग के उपचार इस बात पर निर्भर करते हैं कि एक व्यक्ति किस हृदय स्थिति से पीड़ित है। जटिलताओं को रोकने के साथ-साथ बीमारी को ठीक करने और नियंत्रित करने में दवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। गंभीर हृदय की स्थिति वाले रोगियों में, जहां धमनियों में रुकावट होती है, सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

यही कारण है कि हृदय रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा फायदेमंद साबित होता है क्योंकि ये पॉलिसी उपचार के खर्चों को कवर करती है और आपके  वित्त पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा दिया गया  ‘केयर हार्ट’ (Heart Insurance) वार्षिक हृदय स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी प्रदान करता है, जो उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है जिन्हें हृदय रोगों के लिए समय पर उपचार की आवश्यकता होती है।

आप इस बात से पूरी तरह सहमत होंगे कि बीमारी की रोकथाम निश्चित रूप से इलाज से बेहतर है। यहां तक कि चिकित्सा विशेषज्ञ यानी डॉक्टर जोखिम कारकों को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती उपाय सुझाते हैं। यह एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करके किया जा सकता है, जैसा कि नीचे बताया गया है:

  • सामान्य स्तर पर रक्तचाप बनाए रखना
  • स्वस्थ खाद्य पदार्थ से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना
  • योग और ध्यान के माध्यम से तनाव को संभालना
  • चलने और व्यायाम करके एक सक्रिय जीवन जीना
  • उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए पौष्टिक और कम सोडियम वाले आहार लेना
  • दिल की जटिलताओं को रोकने के लिए ब्लड शुगर की जांच करना
  • धूम्रपान छोड़ना और शराब और कैफीन का अधिक सेवन ना करना

>>जानिए हृदय रोग के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्यों आवश्यक है?

डिस्क्लेमर: हृदय रोग के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।

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सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.हार्ट की बीमारी कैसे होती है?

आज के समय में हार्ट की समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। यह जीवनशैली में बदलाव, अनियमित खान-पान, खराब डाइट, आनुवंशिकी, ब्लड प्रेशर, मोटापा, नशा, मानसिक तनाव इत्यादि से हार्ट की बीमारी के जोखिम कारक हो सकते हैं।

Q.दिल के दौरे के लक्षण क्या है?

दिल के दौरे के लक्षण में छाती या शरीर के उपरी हिस्से में बेचैनी, छाती में दर्द और दबाव महसूस होना, ठंड लगना या ठंड में पसीना आना, इत्यादि।

Q.किसकी अधिकता के कारण हृदय रोग होता है?

अनहेल्दी डाइट, सोडियम, ट्रांस वसा, संतृप्त वसा की अधिकता और फल-सब्जियों और फाइबर की कम मात्रा वाला डाइट हृदय रोग को बढ़ावा दे सकता है।


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