ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह अपनी लाइफस्टाइल और डाइट पर विशेष ध्यान दे। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि हाई बीपी के पेशेंट में कोई लक्षण या संकेत देखने को नहीं मिलते हैं। आइए जानते हैं, रक्तचाप किसे कहते हैं। इसके कारण क्या होता है, ब्लड प्रेशर को कैसे नियंत्रित करें? इत्यादि।
हाई ब्लड प्रेशर में ब्लड प्रेशर 90/140 या इसके उपर पहुँच जाता है। ऐसे में शरीर के धमनियों में रक्त का दबाव बहुत बढ़ जाता है। अक्सर दिनभर में रक्त चाप अनेक बार बढ़ता और कम होता है, लेकिन अगर यह लंबे अंतराल तक अधिक रहता है तो यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता हैं। इस समस्या के कारण ह्रदय रोग, हार्ट फेल्योर और स्ट्रोक जैसी अनेक बीमारियां हो सकती हैं।
डॉक्टरों के अनुसार हाइपरटेंशन का मुख्य कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें होती हैं, जिसके कारण और बीमारियाँ भी हो सकती हैं। अगर हाइ ब्लड प्रेशर जाने के बाद दवाइयां खानी पड़े उससे बेहतर हैं की इस बीमारी से बचने के लिए हम एहतियात बरतें।
समय पर भोजन ना लेना, लंबे समय तक स्मर्टफ़ोने का प्रयोग करना और व्यायाम ना करना-इन सब आधुनिक जीवनशैली के कारण उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। इनके अलावा और भी कुछ कारण हैं जिनके लिए आप ज़म्मेदार नहीं होते हैं जैसे लिंग, उम्र, जीवनशैली इत्यादि।
आज के आधुनिक युग मे हर कोई स्ट्रेस से ग्रस्त है। पहले यह बीमारी बुज़ुर्गो में पाई जाती थी लेकिन अब यह युवको और बच्चों को भी होने लगी है। नौकरीपेशा लौग दफ़्तर के काम से स्ट्रेस में रहते हैं वही ग्रहणी जिन्हें घर संभालने का स्ट्रेस होता है। स्ट्रेस के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाले हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं जिसके कारण रक्त वाहिकाओं पर दबाव पड़ने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को तनाव से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा इस बीमारी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-
अगर आप कभी कभार सिग्रेट पीते हैं तब भी आपको हाइपरटेंशन हो सकता है। सिग्रेट में निकोटिन कोशिकाओ को संकोचित कर देता है। ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन भी आपको हाइपरटेंशन का शिकार बना सकता है।
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क्या आप भी सोचते हैं ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करना, तो अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर के आप अपने बीपी को नियंत्रित कर सकते हैं। देखें:-
ब्लड प्रेशर के बढ़ने से कोशिकायं कमज़ोर हो जाती हैं और ये एनेउरिजम का रूप ले लेती हैं। यह आपके लिए काफी ख़तरनाक हो सकता है।
इस स्मास्या से कोशिकाओं पर ज़्यादा दबाव पड़ता है जिसके कारण ह्रदय की मांसपेशियां भारी हो जाती हैं। इस कारण शरीर की ज़रूरत के मुताबिक रक्तप्रवाह नहीं होता जिससे हार्ट फेल्योर हो जाता है।
अंगो का काम ना कर पाना किडनी में रक्त वाहीकाओं को कमज़ोर बना देता है जिसके कारण कई अंग काम करना बंद कर देते है।
उच्च रक्त चाप को बिना किसी दवाई के प्रयोग से भी सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है। इसके लिए ज़रूरी है अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना। यदि आप अपने जीवन में निम्न बदलाव लाते हैं, तो आप इस ख़तरनाक बीमारी से निजात पा सकते हैं। हाइपरटेंशन से बचना है तो अपने वज़न को बढ़ने ना दें। नियमित व्यायाम से हाइपरटेंशन को कम किया जा सकता है। व्यायाम करने से दिमाग को शांति मिलती है जिससे मानसिक तनाव कम हो जाता है। सिगरेट का सेवन हमारी रक्त वाहिकाओं के लिए हानिकारक होता है। इन सब आदतों को छोड़ने से हाइपरटेंशन को कम किया जा सकता है|
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डिस्क्लेमर: हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप से संबंधित किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से तत्काल परमर्श करें। उच्च रक्तचाप के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।
Published on 21 Sep 2023
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