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लिवर फेलियर के लक्षण, कारण और इलाज क्या है?

  • Published on 12 Jul, 2024

    Updated on 8 Jun, 2025

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शरीर को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए लिवर का स्वास्थ होना बहुत जरूरी है। लिवर हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों में सहायता करता है। यह खाना पचाने से लेकर भोजन और पेय पदार्थों को ऊर्जा में परिवर्तित करने तक सभी कार्य करता है। यह आपके खून से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, रक्त संचार नियंत्रित करता है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। आइए जानते हैं, लिवर फेलियर क्या है, लिवर फेल होने के लक्षण क्या है, लिवर फेल कब होता है, इत्यादि।

लिवर फेलियर क्या है?

क्या आप अपने आप को थका हुआ या कमजोर महसूस कर रहे हैं, त्वचा पर पीलापन नजर आ रहा है, यह लक्षण लिवर फेलियर के संकेत हो सकते हैं। लिवर फेलियर तब माना जाता है जब आपके लिवर का कोई बड़ा भाग काम करना बंद कर देता है और उसका इलाज असंभव होता है। लिवर का खराब होना एक आपातकालीन स्थिती है और ऐसे में तत्काल प्रभाव से इलाज की आवश्यक्ता होती है।

वैसे लिवर अचानक खराब नहीं होता है, यह कई सालों में धीरे-धीरे खराब होता है। हालंकि, अचानक से लिवर फेल होना एक असामान्य घटना है, जिसमें लिवर तेजी से खराब होता है और शुरुआत में हमें पता नहीं चल पाता है। इसके अलावा यदि हम बात करें की लिवर इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है तो इंफेक्शन की स्थिति, प्रकार, गंभीरता और इलाज पर निर्भर करता है। आमतौर पर, हल्के या मध्यम लिवर संक्रमण कुछ दिनों या सप्ताह में ठीक हो जाता है और कुछ मामलों में महीनों या साल भी लग सकते हैं।

लिवर फेलियर कितने प्रकार के होते हैं?

लिवर फेलियर दो प्रकार के होते हैं:-

  1. एक्यूट लिवर फेलियर - एक्यूट लिवर फेलियर की स्थिति में लिवर तेजी से प्रभावित होता है। इसमें लिवर कुछ दिन या कुछ सप्ताह में खराब हो सकता है। यह स्थिति अचानक हो सकती है इसमें बिना किसी लक्षणों का अनुभव किए लिवर की क्षति हो सकती है। यह ड्रग्स का जयादा उपयोग, मशरूम के विषाक्तता इत्यादि के कारण हो सकता है।
  2. क्रोनिक लिवर फेलियर - क्रोनिक लिवर फेलियर में लिवर बहुत धीरे-धीरे प्रभावित होता है। इसके लक्षणों का पता चलने में कई महिने या कई साल लग सकते हैं। क्रोनिक लिवर फेलियर अक्सर सिरोसिस के कारण होता है, यह लम्बे समय तक शराब के सेवन से होता है।

लिवर खराब होने के शुरुआती लक्षण क्या है?

लीवर खराब होने पर शरीर में कौन कौन से बदलाव होते हैं? लिवर खराब की पहचान, लिवर खराब होने के लक्षणों के आधार पर किया जा सकता है। लिवर खराब होने पर क्या होता है, यह जानने के लिए लक्षणों को देखें:-

  • भूख में कमी
  • थकान
  • कमजोरी
  • वजव कम होना
  • दस्त
  • पीलिया
  • एडिमा
  • गहरे रंग का यूरीन
  • पेट में तरल पदार्थ का बनना
  • आसानी से चोट लगना

यह लक्षण कई दूसरी समस्याओं के कारण भी हो सकते हैं। और इसके कारण लिवर की परेशानी का निदान करने में कठिनाई हो सकती है। कई मामलों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं, जब तक की यह दयनीय स्थिति में नहीं पहुंच जाता है।

लिवर फेलियर के कारण क्या है?

लिवर इन्फेक्शन कैसे होता है, यह कई कारणों पर निर्भर करता है। इसके सामान्य कारण निम्नलिखित है:-

  • वायरल हेपेटाइटिस - हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी यह सभी लिवर फेल होने का कारण बन सकता हैं।
  • शराब - शराब का ज्यादा सेवन लिवर के लिए हानीकारक होता है। शराब लिवर की बीमारी का कारण बनता है।
  • फैटी लिवर - इस स्थिति में लिवर में अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाता है, जिसके कारण सिरोसिस का खतरा होता है और लिवर खराब हो सकता है।
  • ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस - ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस मामले में इम्यून सिस्टम लिवर सेल्स पर अटैक करता है जिसके कारण लिवर को नुकसान पहुंचता है और सूजन की समस्या हो जाती है, जो लिवर फेलियर को बढ़ावा देता है।

लिवर खराब होने का इलाज क्या है?

लिवर खराब होने का इलाज लिवर की गंभीर स्थिति को देखते हुए किया जा सकता है। लिवर फेलियर का इलाज निम्नलिखइत है:-

  • यदि लिवर में थोड़ी बहुत खराबी है, डैमेज है तो उसे दावाई से ठीक किया जा सकता है। इसमें ऐसी दवाई दी जाती है जो लिवर को और ज्यादा खराब होने से बचाती है, सूजन को कम करती है और ब्लड सर्कुलेशन ठीक करने में मदद करती है।
  • यदि किसी वायरस के कारण लिवर खराब है तो वायरस के शरीर में रहने तक उसके लक्षणों का इलाज किया जाता है। ऐसे मामलों में लिवर कभी बिना किसी उपचार के भी ठीक हो सकता है।
  • लिवर खराब होने का एक मात्र संपूर्ण इलाज है लिवर ट्रांसप्लांट। इस मामले में खराब लिवर को सर्जरी के द्वारा हटा दिया जाता है और उस जगह पर डोनर के द्वारा दिए गए लिवर को सफलतापूर्वक लगा दिया जाता है। लेकिन ऐसे में, लिवर महंगे होते है और बॉडी रिजेक्शन का भी खतरा रहता है।
  • कुछ केसेज में, लिवर के खराब हिस्सों को ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है, इसमें लिवर के खराब वेसल्स की रिपेयर की जाती है।

सारांश

शरीर को चलाने के लिए लिवर बहुत महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर से खाद्य और पेय पदार्थों को ऊर्जा में बदलती है। लिवर फेलियर होता है जब लिवर का कोई बड़ा भाग काम करना बंद कर देता है और उसका इलाज संभव नहीं होता है। लिवर फेलियर दो प्रकार के होते हैं, एक्यूट लिवर फेलियर और क्रोनिक लिवर फेलियर। एक्यूट में लिवर अचानक किसी स्थिति में खराब होता है और क्रोनिक में लिवर धीरे-धीर काफी समय बाद खराब होता है।

लिवर खराब होने के लक्षण में भूख न लगना, थकान, पीलिया, एडिमा, इत्यादि है। लिवर फेलियर के कारण में वायरल हेपेटाइटिस, अल्कॉहल, फैटी लिवर, ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, इत्यादि है। लिवर फेलियर के इलाज में लिवर ट्रांसप्लांट, दवाएं, सर्जरी इत्यादि शामिल है। इससे अलग बात करें, तो खान-पान की खराब आदतों से कई सारी बीमारियां जुड़ी है। खराब जीवनशैली और खराब डाइट दोनों ही बीमारियों के प्रमुख कारण है।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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