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Published on 19 May, 2023
Updated on 24 Oct, 2025
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4 min Read
Written by Vipul Tiwary
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एक स्वस्थ शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। इसमें किसी प्रकार की कमी होने से शरीर में कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। हीमोग्लोबिन आपके खून में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है, जो रेड ब्लड सेल्स में पाया जाता है। आइए जानते हैं, हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज कितनी होनी चाहिए, हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं, महिलाओं में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए, महिलाओं में खून की कमी कैसे दूर करें, इत्यादि।
हीमोग्लोबीन रेड ब्लड सेल्स को बनाने वाला एक मेटल प्रोटीन है, जिसका मुख्य काम शरीर के टिश्यू तक ऑक्सीजन पहुंचाना होता है। शरीर के किसी भी अंग में ऑक्सीजन की कमी या ज्यादा हो जाए तो उसे हीमोग्लोबिन ही बैलेंस करता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड को कोशिकाओं से बाहर निकालकर फेफड़ों में ले जाता है। यह आपके शरीर को सही तरीके से काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक वयस्क के शरीर में 4 से 5 लीटर खून होना जरूरी माना जाता है।
क्या आप जानते हैं, नार्मल हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए? पुरुषों और महिलओं में हीमोग्लोबिन लेवल अलग अलग होते हैं। हीमोग्लोबिन का सामान्य लेवल उम्र और महिला या पुरुष होने पर भी निर्भर करता है। सामान्यतौर पर, पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5 से 17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर(DL) होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0 से 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होता है।
| हीमोग्लोबिन नार्मल रेंज | |
|---|---|
|
बच्चे |
|
|
जन्म |
13.5 to 24.0 g/dl |
|
<1 महिना |
10.0 to 20.0 g/dl |
|
1-2 महिना |
10.0 to 18.0 g/dl |
|
2-6 महिना |
9.5 to 14.0 g/dl |
|
0.5 to 2 साल |
10.5 to 13.5 g/dl |
|
2 to 6 साल |
11.5 to 13.5 g/dl |
|
6-12 साल |
11.5 to 15.5 g/dl |
|
महिला |
|
|
उम्र 12-18 साल |
12.0 to 16.0 g/dl |
|
उम्र >18 साल |
12.1 to 15.1 g/dl |
|
पुरुष |
|
|
12-18 yrs |
13.0 to 16.0 g/dl |
|
>18 yrs |
13.6 to 17.7 g/dl |
हीमोग्लोबिन कम होना स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। शरीर में इसकी मात्रा कम होने पर आप निम्नलिखित लक्षण देख सकते हैं:-
गर्भवती महिलाओं के बॉडी में हार्मोनल बदलाव के कारण कई तरह की परेशानियां आती हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं में यह डर हमेशा बना रहता है कि, कहीं खून की कमी तो नहीं है। आपको बतादें कि, एनीमिया में ब्लड सेल्स में हीमोग्लोबिन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। जैसा कि उप्रोक्त भागों में बताया गया है की हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन को शरीर के सभी अंगो तक पहुंचाता है, इसलिए ऐसे में हीमोग्लोबिन सामान्य न हो तो शरीर के विभिन्न अंगों तक और बच्चे तक ऑक्सीजन को पहुंचने में समस्या होती है। गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन लेवल 12 से कम नहीं होना चाहिए, नहीं तो ज्यादा कम होने पर आपको एनीमिया हो सकता है।
>> यह भी पढ़ें - ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए?
हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले आहार निम्नलिखित है:-
हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाली बीमारियां निम्नलिखित है:-
हीमोग्लोबीन रेड ब्लड सेल्स को बनाने वाला एक प्रोटीन है, जो शरीर के सभी अंगो तक ऑक्सीजन सप्लाई करता है। यह ऑक्सीजन कम या ज्यादा होने पर उसे बैलेंस करता है। साथ ही, कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकाल कर फेफड़ों में ले जाता है। पुरुषों और महिलाओं में हीमोग्लोबिन रेंज अलग-अलग होता है। इसका लेवल उम्र और महिला या पुरुष होने पर भी निर्भर करता है।
पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होता है। कुछ खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल कर के आप हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसकी कमी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है, जैसे- एनीमिया, बीपी, दिल से जुड़ी बीमारियां, इत्यादि। आज के समय में बढ़ते बीमारियों को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी हो गई है और यह कभी भी आपको विकट परिस्थिति में डाल सकती है। ऐसे में किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज या सर्जरी के लिए, आसानी से खर्चों को जुटा पाना बहुत मुश्किल हो गया है।
पुरुषों में हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज 13.5-17.5 g/dL होता है। जबकि, महिलाओं में यह 12.0-15.5 g/dL होता है। कुछ खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल कर के आप हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ा सकते हैं। इसकी कमी से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है, जैसे- एनीमिया, बीपी, दिल से जुड़ी बीमारियां, इत्यादि। आज के समय में बढ़ते बीमारियों को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (health insurance plan)लेना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य सुविधाएं महंगी हो गई है और यह कभी भी आपको विकट परिस्थिति में डाल सकती है। ऐसे में किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज या सर्जरी के लिए, आसानी से खर्चों को जुटा पाना बहुत मुश्किल हो गया है।
हेल्थ इंश्योरेंस आपको कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है, और आप बीमारियों से लड़ने के लिए वित्तीय रूप से हमेशा तैयार रहते हैं। गंभीर बीमारियों के लिए आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के क्रिटिकल इलनेस प्लान को ले सकते हैं। जिसमें कुल 32 बीमारियों के लिए कवरेज प्रदान की जाती है। जहां आप बिमा कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में इलाज आसानी से करा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: हीमोग्लोबिन से जुड़े किसी भी लक्षण या परेशानी के बारे में पता करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें। बीमा के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
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हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाने के कई तरीके हैं। इसके लिए आप विटमिन सी और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फोलिक एसिड में समृद्ध पदार्थ लें। इसमें आप अनार, तरबूज, पालक, साग, संतरा, नींबू, कीबी, अंकुरित अनाज, मूंगफली, इत्यादि का सेवन करे सकते हैं।
जल्दी खून बढ़ाने वाले फलों में अनार शामिल है। इसमें आयरन, विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा सेब, केला, अंगूर, तरबूज, इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।
खून बढ़ाने के लिए जूस का सेवन कारगर उपाय है। आप अनार, आंवला या चुकंदर के जूस का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप पालक इत्यादि का भी जूस पी सकते हैं।
कई ऐसे फल हैं जिसके द्वारा आपको आयरन की पर्यापत मात्रा प्राप्त हो सकती है। सूखी खुबानी, अंजीर, आलुबुखारे, शरीफा, इत्यादि में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है।
नहीं, केला खाने से डायरेक्ट खून नहीं बढ़ता है। लेकिन यह हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है। केला में आयरन और फोलिक एसिड पाया जाता है। यह शरीर में खून की मात्रा को प्रभावित करता है।
सीमित मात्रा में चुकंदर के जूस का सेवन फायदेमंद हो सकता है यानी इसे सप्ताह में 2 से 3 बार पीया जा सकता है। ज्यादा मात्रा में चुकंदर का जूस पीने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
यदि आपको हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाना है तो आपको विटामिन सी और आयरन से समृद्ध खाद्य-पदार्थों का सेवन करना होगो। इसमें आप अनार, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे मेवे इत्यादि अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी से एनीमिया, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, दिल से जुड़ी बीमारियां, किडनी और लिवर संबंधी बीमारियां इत्यादि होने का खतरा हो सकता है।
खून साफ करने के लिए आप तुलसी, हल्दी, नींबू का रस, सेब का सिरका, चुकंदर इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे सभी चीजों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
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