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  • Published on 16 Apr, 2024

    Updated on 14 Oct, 2025

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बीते कुछ सालों में “एंग्जायटी” जैसे शब्द आपने खूब सुना होगा। यदि आपके आसपास के लोग यह कहते हों कि उन्हें एंग्जायटी डिसऑर्डर है, या उन्हें एंग्जायटी अटैक आते हैं तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। क्या आप जानते हैं, एंग्जायटी डिसऑर्डर है क्या? यह आपके शरीर को कैसे प्रभावित करता है? कई बार लोग एंग्जायटी डिसऑर्डर से परेशान होते हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि यह कोई डिसऑर्डर या बीमारी है।

जानकारी के आभाव में यह समस्या धीरे-धीरे और गंभीर बन जाती है और लोगों को अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। आज के समय में काम की भूख और नैत्तिक जिम्मेदारियों के दबाव में लोग शायद अपने आप को कहीं खो बैठे हैं। घर और ऑफिस या व्यवसाय के काम में लोग इतना व्यस्थ हो चुके हैं कि उनके पास खुद के लिए समय नहीं बचा है।

दो पल निकाल के यदि वो बैठते भी हैं तो काम के बारे में ही सोचते रहते हैं और टेंशन लिए फिरते हैं। यही कारण है कि आज के दौर में हर दूसरा व्यक्ति एंग्जायटी-डिप्रेशन जैसी समस्या से जुझ रहा है। रिश्तों में खटास, परिवारिक तनाव, काम का बोझ, भविष्य के बारे में चिंता, जीवनयापन की जिम्मेदारियां, इत्यादि एंग्जायटी का मुख्य कारण बनते जा रहे हैं।

एंग्जायटी डिसऑर्डर क्या है? (Anxiety Disorder)

एंग्जायटी डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है, जिसमें मरीज के अंदर तेज बेचैनी के साथ घबराहट, चिंता, डर और नकारात्मक विचार महसूस होते हैं। ऐसे में हाथ का कांपना, घबराहट होना, पसीना आना इत्यादि हो सकते हैं। इसके अलावा यदि आप सही से निंद नहीं लेते हैं तो भी यह समस्या आपको हो सकती है। यदि समय रहते इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह ज्यादा घातक हो सकता है।

एंग्जाइटी के लक्षण क्या होते हैं ? (Anxiety ke Lakshan)

एंग्जाइटी के लक्षण और उपाय निम्नलिखित है:-

  • बेचैनी
  • घबराहट
  • निंद की समस्या
  • सांस की तकलीफ
  • जी मिचलाना
  • पाचन से जुड़ी समस्या
  • कमजोरी 
  • चक्कर आना
  • ज्यादा पसीना आना
  • हाथ-पैर का ठंडा होना
  • सुन्न या झुनझुनाहट
  • शांती से या स्थिर से बैठने नहीं पाना
  • शुष्क मुंह
  • थकान और कमजोरी
  • काम में मन न लगना
  • अचानक दिल की धड़कन बढ़ना
  • नकारात्मक विचार आना

एंग्जाइटी के कारण क्या है? (Types of Anxiety in Hindi)

एंग्जायटी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है:-

  • तनाव - जीवन में घटी कोई बड़ी घटना या तनावपूर्ण स्थिति आपके लिए बड़ी चिंता पैदा कर सकती है। जैसे - आपके परिवार में किसी व्यक्ति की मौत, काम का टेंशन या किसी परेशानी को लेकर चिंतित रहना।
  • आघात - यदि किसी बच्चे या व्यक्ति ने किसी दर्दनाक घटना का सामना किया है तो उन्हें अपने जीवनकाल में एंग्जायटी डिसऑर्डर होने का जोखिम ज्यादा होता है।
  • बीमारी के कारण डिप्रेशन - किसी गंभीर बीमारी के कारण आपको इलाज और भविष्य को लेकर चिंता हो सकती है। यह एंग्जायटी का कारण बन सकता है।
  • अल्कोहल या ड्रग्स - अल्कोहल या ड्रग्स का दुरुपयोग करने से भी आपको एंग्जायटी डिसऑर्डर हो सकता है या उसके लक्षण खराब हो सकते हैं।

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एंग्जायटी को कैसे खत्म करें ? (Anxiety Kaise Thik Kare)

एंग्जायटी डिसऑर्डर का उपचार कई तरह से किया जा सकता है। दवा, मनोचिकित्सा और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के जरिए एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज संभव है। इसके इलाज का बेहतर तरीका दो प्रक्रियाओं का संयोजन होता है और जो दिर्घकालिक रूप से किया जाता है। अधिक्तर मामलों में, इसका इलाज सफलता पूर्वक पूरा किया जाता है।

  • दवा - एंग्जायटी की समस्याओं को दूर करने के लिए कई एन्टीडिप्रेसेन्ट दवाओं को इसके इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • मनोचिकित्सा - मनोचिकित्सा या साइकोथेरेपी एक प्रकार की काउन्सिलिंग है जो मानसिक बीमारियों के लिए भावनात्मक रूप से सहायता करता है। इसमें मनोचिकित्सक आपके एंग्जायटी डिसऑर्डर को समझाने और उसका सामना करने के लिए बातचीत करते हैं।
  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी - यह एक प्रकार की थेरेपी है जहां आपके सोचने के तरीकों और व्यवहार में बदलाव जिसके कारण एंग्जायटी उत्पन्न होती है, उसकी पहचान करना बताया जाता है। यह एक तरह से बातचीत की थेरेपी है जो आपको सोचने और व्यवहार करने के तरीकों को बदलकर समस्याओं का समाधान करने में मदद करती है।

सारांश

आज के दौर में लोगों को चैन से सांस लेने तक की फुर्सत नहीं है, सभी इतने ज्यादा व्यस्त हो चुके हैं कि सिर्फ काम की चिंता उन्हें दिन भर बनी रहती है। ऑफिस हो या घर, रिश्तेदार हो या पड़ोसी सभी को लेकर लोग तनाव में रहने लगे हैं। और यही चिंता का कारण है कि लोग एंग्जायटी जैसी समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। एंग्जायटी डिसऑर्डर एक मानसिक बीमारी है, जिसमें मरीज के अंदर तेज बेचैनी, घबराहट, चिंता, डर और नकारात्मक विचार आते हैं।

यदि आप सही निंद नहीं लेते हैं तो भी यह समस्या आपको हो सकती है। एंग्जाइटी के लक्षण में, बेचैनी, घबराहट, जी मिचलाना, पाचन की समस्या, सुन्नता, हाथ-पैर ठंडा होना, नकारात्मक विचार, इत्यादि। एंग्जायटी के कारण में, तनाव, बीमारी के कारण डिप्रेशन, अलकोहल या ड्रग्स सेवन, आघात, इत्यादि। एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज तीन तरह से हो सकता है, दवा, मनोचिकित्सा, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी।

इसके आलावा, आपको कोशिश करना चाहिए कि आप अपने चिंता का समाधान करते रहें और एक हेल्दी लाइफस्टाइल का अनुपालन करें। एक बात और है जिसे हमें समझना होगा की वर्तमान जीवनशैली को देखते हुए, आज के दौर में सभी के पास स्वास्थ्य बीमा बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य बीमा आपको गंभीर बीमारियों के इलाज में वित्तीय रूप से काफी सहायता करता है। ऐसे मुश्किल समय में, यदि आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आपको मेडिकल लोन की आवश्यकता नहीं होगी।

आप चिंता मुक्त होकर अपने इलाज पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। स्वास्थ्य बीमा आपको वार्षिक स्वास्थ्य जांच से लेकर एम्बुलेंस सेवा, डे केयर ट्रीटमेंट, आदि जैसे कई सारी सुविधाएं प्रदान करती है। आप केयर हेल्थ के व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Health Insurance Policy) को ले सकते हैं, जहां आपके कई गंभीर बीमारियों को कवर किया जाता है और साथ ही कई सारी सुविधाएं भी मिलती है, जैसे कैशलेस सुविधा, एंबुलेंस की सुविधा, प्री और प्रोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा, डे केयर, इत्यादि।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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