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Published on 29 May, 2025
Updated on 30 May, 2025
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3 min Read
Written by Vipul Tiwary
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देश-दुनिया में एक बार फिर से कोरोना को लेकर चर्चा तेज हो गई है। हांगकांग, सिंगापुर, चीन और अमेरिका के बाद यह कोरोना वायरस एशिया के कई देशों में फैल चुका है। अब यह भारत में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है। कोरोना के बुरे प्रभाव से उबरे भारत में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। कोरोना के दो नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 की एंट्री ने लोगों के बीच डर पैदा कर दिया है और यह चिंता का कारण भी बन गया है। आइए जानते हैं, ये दोनों नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 कितना खतरनाक है।
मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर द्वारा स्थापित आईएनएसएसीओजी (INSACOG) के आकड़ों के आधार पर वर्तमान समय में कोरोना के दो नए वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 - JN.1 पाए गए हैं। इसमें तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मामला अप्रैल में पाया गया, जबकि LF.7 के चार मामले गुजरात में पाए गए थे। इस नए वैरिएंट के बारे में जानने से पहले हम जानेंगे ,वैरिएंट क्या होता है?
किसी भी वायरस को फैलने के लिए उस वायरस से एक होस्ट(जानवर या इंसान) का संक्रमित होना जरूरी होता है। यह वायरस एक दूसरे में फैलने के दौरान बहुत सारी कॉपी बनाते हैं। लेकिन जब कोई कॉपी बनाता है तो यह जरूरी नहीं कि वह पहले वाले कॉपी की तरह हू-ब-हू बनें। ऐसे में बढ़ते समय के साथ वायरस अपने जीन सीक्वेंस में थोड़ा बदलाव शुरू कर सकता है। इस पूरे प्रक्रिय के अंतराल में वायरस में किसी भी प्रकार के परिवर्तन को म्यूटेशन के नाम से जानते हैं। इस नए म्यूटेशन वाले वायरस को ही वैरिएंट कहा जाता है।
कोरोना वायरस के दोनों वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 कोरोना के JN.1 में बदलाव होने के कारण बने है। भारत में सबसे ज्यादा फैलने वाला वेरिएंट अभी तक JN.1 है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, NB.1.8.1 कोरोना वैरिएंट कम जोखिम पैदा करता है, लेकिन फिर भी यह अन्य वेरिएंट की तुलना में बहुत तेजी से फैल सकता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को हरा सकता है।
यदि दोनों नए वेरिएंट की बात करें तो इसमें हल्के कोरोना के समान लक्षण नजर आते हैं और सामान्य फ्लू के लक्षण मिलते हैं। इस मामले में ज्यादात्तर रोगी हॉस्पिटल में भर्ती हुए बिना ही घर पर इलाज कर के जल्दी ठीक हो जाते हैं। एक्सपर्ट और डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण करने वाले इस नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। ये वेरिएंट भले ही तेजी से फैलने वाले हैं या ज्यादा संक्रामक हैं लेकिन अभी तक इसके ज्यादा गंभीर मामले नहीं मिले हैं। इसमें डिजीज के माइल्ड लक्षण होते हैं, जैसे खांसी, जुकाम, गले में खराश, इत्यादि।
डॉक्टर कहते हैं की जो लोग पहले से बीमारियों से ग्रस्त हैं, जैसे हृदय रोग, मधुमेह या प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर करने वाली बीमारियां है, उन्हें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
रिपोर्ट के आधार पर कोरोना के नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 - JN.1 भी श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं। जिसके कारण इसके लक्षण पहले जैसे ही देखने को मिलते हैं। कोरोना के नये वेरिएंट के लक्षण निम्नलिखित है:-
स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों का कहना है कि स्थितियां नियंत्रण में हैं लेकिन सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। कोरोना से बचने के निम्नलिखित सावधानियां है:-
देश में कोरोना के मामले दिन-प्रतीदिन बढ़ने लगे हैं। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए जरूरी सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। अभी हाल में कोरोना के दो से तीन नए वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहे हैं। कोरोना के नए वेरिएंट का प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है लेकिन गंभीर मामलों के जिम्मेदार नहीं है। कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित मरीजों को अस्पताल में एडमिट हुए बिना भी ठीक किया जा सकता है।
गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को ज्यादा सावधान रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि यह ऐसे लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। कोरोना से बचाव के लिए आप हेल्थ पॉलिसी भी खरीद सकते हैं, आप केयर हेल्थ के “कोरोना वायरस हेल्थ इंश्योरेंस” को खरीद कर कोरोना के नए वेरिएंट से अपनी सुरक्षा कर सकते हैं। इस पॉलिसी के अंतर्गत आपको प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन, डे केयर ट्रीटमेंट, क्वारेंटाइन कवरेज, कोविड हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चे जैसी कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं आपको दी जाती है।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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