जामुन की गुठली से डायबिटीज कंट्रोल कैसे करें?

HEALTH INSURANCE FOR DIABETES


benefits of jamun seed for diabetics in hindi

सदियों पहले से जामुन का इस्तेमाल, आयुर्वेद में उपचार के लिए किया जाता है। इसे चिकित्सा दृष्टी से भी बहुत फायदेमंद फल माना जाता है। आयुर्वेद की कई दवाओं में जामुन के बीज, फल, पत्ते, छाल आदि का उपयोग किया जाता है। यह मधुमेह रोगी के लिए बहुत लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, जामुन खाने के बाद जिन गुठलियों को हम फेंक देते हैं, वो मधुमेह रोगियों के लिए कितना उपयोगी है। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि, कैसे जामुन के गुठली से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है, डायबिटीज का इलाज क्या है, शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय क्या है, इत्यादि।

डायबिटीज क्या है?

डायबिटीज एक चयापचय विकार है। जिसमें शरीर के ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है। यह जीवन भर रहने वाली बीमारी है। शरीर को उर्जा प्राप्त करने के लिए ग्लूकोज बहुत जरूरी है और यह हम जो खाना खाते है उससे प्राप्त होता है। जिसे कोशिकाएं शरीर को उर्जा देने के लिए इस्तेमाल करती है। ऐसे में यदि शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में मौजूद न हो तो कोशिकाएं अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती है और कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं मिल पाता है। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही जमा हो जाता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज या शुगर का लेवल बढ़ जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होता है।

डायबिटीज में जामुन की गुठली का कैसे करें इस्तेमाल?

जामुन को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें और खाने के बाद उसके बीज यानी गुठलियों को फेंकने की बजाय किसी साफ बर्तन में इक्ट्ठा करें। उसके बाद इन गुठलियों को भी अच्छी तरह से साफ कर लें और सुखने के लिए किसी साफ कपड़े पर रखकर धूप में छोड़ दीजिए। 

धूप में इन्हें अच्छी तरह से सूखने में कम से कम 3-4 दिन का समय लग सकता है। उसके बाद जब गुठलियां अच्छे से सुख जाए तो उसके उपर का छिलका उतार दें और हरे वाले भाग को रख लें। सभी गुठलियों को दो हिस्सों में तोड़ दें और कुछ दिन के लिए वापस सुखने के लिए छोड़ रख दें। जब यह पूरी तरह से सूख जाए तो इसे मिक्सर में पीस लें। अब जामुन के गुठलियों का पाउडर तैयार हो चुका है, जिसे आप अच्छे से डब्बा में रख सकते हैं।

जामुन गुठली के पाउडर का सेवन कैसे करें?

आप जामुन के गुठली के पाउडर का उपयोग रोजाना सुबह खाली पेट कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच गुठली का पाउडर मिक्स कर के सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा।

डायबिटीज में जामुन के रस के फायदे क्या है? 

बात जामुन के गुठली की हो या उसके रस की, दोनों ही मधुमेंह में बहुत कारगर साबित होते हैं। आइए अब जानते हैं, मधुमेह में जामुन के रस के फायदे:-

  • जामुन के रस में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इसमें मौजूद एसिड यौगिक भोजन को स्टार्च में बदलने की गति को धीमा कर देते है, इससे मधुमेह का स्तर नियंत्रित रहता है।
  • जामुन का रस इंसुलिन संवेदनशीलता और गतिविधि दोनों को बढ़ाता है।
  • इसके जूस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे डायबिटीज पेशेंट को अतिरिक्त फायदा मिलता है।
  • जामुन के रस और आम के रस को बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से भी शुगर में फायदा मिलता है।
  • जामुन की पत्तियों को नीम और मेथीदाना के साथ उबाल कर सेवन करने से भी डायबिटीज का स्तर कम होता है।

जामुन किस रोग की दवा है?

डायबिटीज के अलावा जामुन के कई और फायदे हैं। निम्नलिखित रोगों में यह फायदेमंद हो सकता है:- 

  • भूख में कमी - भूख में कमी या भूख न लगने की समस्या को जामुन के सेवन के द्वारा ठीक किया जा सकता है। आप कुछ दिनों तक जामुन का सेवन कर के इसके लाभ को देख सकते हैं।
  • कब्ज - जामुन कब्ज के साथ-साथ पेट के अन्य दूसरे रोगों में भी फायदा पहुंचाता है। जामुन का सिरका एक बेहतरीन इलाज के तौर पर काम करता है।
  • कान का दर्द - यदि कान में घाव होता है या कान से पस आता है तो जामुन की गुठली के पाउडर को शहद में मिलाकर एक से दो बुंद कान में डाल लें, इससे कान का बहना या दर्द होना बंद हो जाता है।
  • बवासीर या पाइल्स - पाइल्स में जामुन के फूलों के 20 मिली रस में थोड़ी सी शक्कर मिक्स करें। इसे दिन भर में तीन बार पीने से पाइल्स में खून का स्राव बंद हो जाता है।
  • पथरी - पथरी या किडनी स्टोन में जामुन के कई फायदे हैं। ऐसा माना जाता है कि पके हुए जामुन का सेवन करने से पथरी गल जाती है। इसके अलावा जामुन के 10 मिली जूस में हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से युरिनरी ट्रैक में फंसी हुई पथरी टूटकर यूरीन के रास्ते बाहर निकल जाती है। 
  • यह खून की कमी को भी दूर करता है।

शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय क्या है?

आज के समय में शुगर एक आम बीमारी है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक सभी में यह समस्या देखने को मिल रही है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसका इलाज आप घर पर आसानी से कर सकते हैं, आइए जानते हैं डायबिटीज से बचाव के उपाय:- 

  • करेला - करेला स्वाद में भले ही कड़वा होता है लेकिन इसके फायदे बहुत हैं। इसमें हाइपोग्लाइकेमिक बायो−केमिकल पदार्थ पाया जाता है, जो बल्ड शुगर के हाई लेवल का इलाज करने में कारगर साबित है। 
  • करीपत्ता - यदि आप करेले के कड़वे स्वाद का सेवन करने में असमर्थ हैं तो आप करीपत्ते का सेवन कर सकते हैं। दिन भर में 2-3 बार करीपत्ता चबा सकते हैं। यह ब्लड शुगर को बहुत हद तक नियंत्रण में करता है।
  • मखाना - मखाना कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह दिल की समस्या हो या जोड़ों की सबमें फायदा करता है। लेकिन यदि आपको डायबिटीज की समस्या है तो आपको रोजाना खाली पेट 6-7 मखाने के दानों का सेवन करना होगा। कुछ दिन तक ऐसा करने से ब्लड में शुगर लेवल ठीक हो जाता है।
  • जामुन - जैसा की आपने जामुन के बारे में उपरोक्त भाग में भी पढ़ा है। यह इंशुलिन रेग्युलेशन में बहुत फायदेमंद होता है। आप जामुन के साथ-साथ उसके पत्तों को भी सुबह-शाम चबा सकते हैं।

सारांश:- 

रिसर्च में पता चला है कि जामुन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जामुल के फल के अलावा इसकी गुठली को पीसकर, जामुन गुठली चूर्ण भी बनाकर खा सकते हैं। जामुन की छाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए जो लोग भी डायबिटीज से पीड़ित है, वो जामुन के फल का सेवन आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा आप डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए करेला, मखाना, करीपत्ता इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।

अनहेल्दी लाइफ स्टाइल और खान-पान की आदतें डायबिटीज का प्रमुख कारण है। मधुमेह के लिए डाइट प्लान बनाना, उसे नियंत्रित करने का एक बेहतरीन विकल्प है। इसके अलावा आप डायबिटीज के लिए स्वास्थ्य बीमा भी खरीद सकते हैं। जहां डायबिटीज के उपचार में होने वाले खर्चों को बीमा कंपनी कवर करती है। ऐसे में बीमा कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल में आप अपना इलाज आसानी से करा सकते हैं, वो भी कैशलेश। आप केयर हेल्थ के डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Health Insurance for Diabetes) को ले सकते हैं, जहां आपको इस बीमारी से जुड़ी सारी सुविधाएं प्रदान की जाती है।

>> जानें: डायबिटीज पेशेंट कब और क्या खाएं

डिस्क्लेमर: मधुमेह के लिए किसी नुस्खे को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। हेल्थ कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को अच्छे से पढ़ें।




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