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सदियों पहले से जामुन का इस्तेमाल, आयुर्वेद में उपचार के लिए किया जाता है। इसे चिकित्सा दृष्टी से भी बहुत फायदेमंद फल माना जाता है। आयुर्वेद की कई दवाओं में जामुन के बीज, फल, पत्ते, छाल आदि का उपयोग किया जाता है। यह मधुमेह रोगी के लिए बहुत लाभकारी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, जामुन खाने के बाद जिन गुठलियों को हम फेंक देते हैं, वो मधुमेह रोगियों के लिए कितना उपयोगी है। आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि, कैसे जामुन के गुठली से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है, शुगर में जामुन चूर्ण के फायदे, शुगर को जड़ से खत्म करने के उपाय क्या है, इत्यादि।
डायबिटीज एक चयापचय विकार है। जिसमें शरीर के ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है। यह जीवन भर रहने वाली बीमारी है। शरीर को उर्जा प्राप्त करने के लिए ग्लूकोज बहुत जरूरी है और यह हम जो खाना खाते है उससे प्राप्त होता है। जिसे कोशिकाएं शरीर को उर्जा देने के लिए इस्तेमाल करती है। ऐसे में यदि शरीर में इंसुलिन पर्याप्त मात्रा में मौजूद न हो तो कोशिकाएं अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाती है और कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं मिल पाता है। जिसके कारण ग्लूकोज ब्लड में ही जमा हो जाता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज या शुगर का लेवल बढ़ जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक साबित होता है।
जामुन को खाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें और खाने के बाद उसके बीज यानी गुठलियों को फेंकने की बजाय किसी साफ बर्तन में इक्ट्ठा करें, क्यों कि जामुन के बीज के फायदे बहुत सारे हैं। उसके बाद इन गुठलियों को भी अच्छी तरह से साफ कर लें और सुखने के लिए किसी साफ कपड़े पर रखकर धूप में छोड़ दीजिए।
धूप में इन्हें अच्छी तरह से सूखने में कम से कम 3-4 दिन का समय लग सकता है। उसके बाद जब गुठलियां अच्छे से सुख जाए तो उसके उपर का छिलका उतार दें और हरे वाले भाग को रख लें। सभी गुठलियों को दो हिस्सों में तोड़ दें और कुछ दिन के लिए वापस सुखने के लिए छोड़ रख दें। जब यह पूरी तरह से सूख जाए तो इसे मिक्सर में पीस लें। अब जामुन के गुठलियों का पाउडर तैयार हो चुका है, जिसे आप अच्छे से डब्बा में रख सकते हैं। जामुन पाउडर के फायदे और सेवन करने की विधी आपको नीचे बताए गए हैं।
क्या आप जानते हैं, जामुन का चूर्ण कब खाना चाहिए? आप जामुन के गुठली के पाउडर का उपयोग रोजाना सुबह खाली पेट कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक चम्मच गुठली का पाउडर मिक्स कर के सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में रहेगा।
बात जामुन के गुठली की हो या उसके रस की, दोनों ही मधुमेंह में बहुत कारगर साबित होते हैं। आइए अब जानते हैं, मधुमेह में जामुन के रस के फायदे:-
डायबिटीज के अलावा जामुन के कई और फायदे हैं। निम्नलिखित रोगों में यह फायदेमंद हो सकता है:-
आज के समय में शुगर एक आम बीमारी है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक सभी में यह समस्या देखने को मिल रही है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसका इलाज आप घर पर आसानी से कर सकते हैं, आइए जानते हैं डायबिटीज से बचाव के उपाय:-
रिसर्च में पता चला है कि जामुन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जामुल के फल के अलावा इसकी गुठली को पीसकर, जामुन गुठली चूर्ण भी बनाकर खा सकते हैं। जामुन की छाल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए जो लोग भी डायबिटीज से पीड़ित है, वो जामुन के फल का सेवन आसानी से कर सकते हैं। ध्यान रहे कि, सुबह खाली पेट जामुन खाने के फायदे से ज्यादा नुकसान है, खाली पेट इसके सेवन से पेट दर्द, एसिडिटी और जलन की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आप डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए करेला, मखाना, करीपत्ता इत्यादि का सेवन कर सकते हैं।
अनहेल्दी लाइफ स्टाइल और खान-पान की आदतें डायबिटीज का प्रमुख कारण है। मधुमेह के लिए डाइट प्लान बनाना, उसे नियंत्रित करने का एक बेहतरीन विकल्प है। इसके अलावा आप डायबिटीज के लिए स्वास्थ्य बीमा भी खरीद सकते हैं। जहां डायबिटीज के उपचार में होने वाले खर्चों को बीमा कंपनी कवर करती है। ऐसे में बीमा कंपनी के नेटवर्क हॉस्पिटल में आप अपना इलाज आसानी से करा सकते हैं, वो भी कैशलेश। आप केयर हेल्थ के डायबिटीज हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Health Insurance for Diabetes) को ले सकते हैं, जहां आपको इस बीमारी से जुड़ी सारी सुविधाएं प्रदान की जाती है।
>> जानें: डायबिटीज पेशेंट कब और क्या खाएं
डिस्क्लेमर: मधुमेह के लिए किसी नुस्खे को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। हेल्थ कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को अच्छे से पढ़ें।
Published on 25 Apr 2024
Published on 25 Apr 2024
Published on 25 Apr 2024
Published on 24 Apr 2024
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