टाइफाइड क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

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टाइफाइड क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार

टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण बीमारी है, जो साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी पाचन-तंत्र और ब्लडस्ट्रीम में बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आपके शरीर में मुंह के जरिए प्रवेश करते हैं। यदि आप टाइफाइड से संक्रमित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं तो भी आपको टाइफाइड होने का खतरा हो सकता है। टाइफाइड बुखार सामान्य तौर पर बरसात के दिनों में ज्यादा फैलता है, और खराब स्वच्छता भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण है। आइए जानते हैं, टाइफाइड कैसे होता है, इसके लक्षण क्या हैं? क्या टाइफाइड छूने से फैलता है? यह बार-बार क्यों होता है? इत्यादि। 

टाइफाइड क्या है?

टाइफाइड सालमोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह खाने-पीने के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश करती है और बैक्टीरिया इंफेक्शन, तेज बुखार के साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी समस्याएं उत्पन्न करती है। लोग इस बीमारी का शिकार दूषित पानी या भोजन ग्रहण करने से होते हैं। यह बैक्टीरिया आपके शरीर में जाने के बाद आपके आंतों में लगभग एक से तीन सप्ताह तक रहता है। उसके बाद आंतों की दीवारों के जरिए ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर जाता है। आज के समय में टाइफाइड का बेहतर इलाज हर जगह उपलब्ध है। यदि आप इसे अनुपचारित छोड़ देते हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है। 

टाइफाइड के लक्षण क्या है?

टाइफाइड के रोगियों में बैक्टीरिया प्रवेश करने के लगभग एक से तीन सप्ताह के बाद, टाइफाइड के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित है:-

  • ठंड लगना
  • पेट में दर्द
  • कब्ज 
  • डायरिया
  • सिरदर्द
  • तेज बुखार
  • कमजोरी
  • थकान
  • शरीर में दर्द
  • भूख में कमी

टाइफाइड के कारण क्या है?

टाइफाइड होने का मुख्य कारण होता है साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया। टाइफाइड बुखार तब होता है, जब उसका बैक्टीरिया किसी खाद्य पदार्थ या तरल पदार्थ के जरिए आपके शरीर में प्रवेश करता है। यह निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:-

  • संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाना
  • खराब स्वच्छता बनाए रखना
  • संक्रमित के साथ निकट संपर्क बनाना
  • प्रभावित क्षेत्रों में बार-बार यात्रा करना

टाइफाइड के उपचार क्या हैं?

टाइफाइड के मामलों में, एंटीबायोटिक चिकित्सा ही सबसे प्रभावी इलाज है। आमतौर पर सिप्रोफ्लैक्सिन, सेप्ट्रिएक्सोन इसके इलाज के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यदि सिप्रोफ्लैक्सिन उपलब्ध नहीं है तो इसके बदले एंजीथ्रोमाइसिन इसके दूसरे विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। 

टाइफाइड से बचाव कैसे करें?

डब्ल्यूएचओ के अनुसार आप टाइफाइड से बचाव के लिए दो तरह का टिकाकरण करा सकते हैं। पहला एक इनएक्टिव वैक्सिन शॉट और दूसरा लाइव वैक्सीन शॉट। इसके अलावा भी, कई उपाय ऐसे हैं, जिसे अपना कर आप बचाव कर सकते हैं:-

  • साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। खाने से पहले और वॉशरूम से आने के बाद हाथों को साबुन से धोएं। 
  • स्ट्रीट फूड खाने से परहेज करें, क्योंकि ऐसे में टाइफाइड बैक्टीरिया के मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
  • घर का बना ताजा खाना खाने की कोशिश करें।
  • कच्चे फल-सब्जियों को खाने से बचें।
  • दूषित पानी पीने से परहेज करें।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज क्या है?

टाइफाइट से राहत पाने के घरेलू उपाय नीचे दिए गए हैं, जिसे अपना कर आप अपने टाइफाइड को ठीक कर सकते हैं।

लहसुन - लहसुन किसी भी रूप में हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें मौजूद कई सारे पोषक तत्व के गुण टाइफाइड बुखार से राहत पाने में सहायता करते हैं। आप इसे घी में फ्राई करके खा सकते हैं।

लौंग - औषधीय गुणों से भरपूर लौंग टाइफाइड बुखार में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए 5 कप पानी में 4-5 लौंग डालकर अच्छे से उबालें और पानी आधा होने के बाद इसका सेवन कर सकते हैं।

तुलसी - सदियों से तुलसी के पौधों को बहुत से घरेलू बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। इसी में से एक है टाइफाइड बुखार। टाइफाइड से राहत पाने के लिए आप तुलसी का सेवन भी कर सकते हैं। इसमें कई सारे पोषक तत्वों के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए आप तुलसी पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें और फिर उसका सेवन करें। 

शहद - वैसे तो शहद के कई सारे घरेलू नुस्खें प्रचलित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, यह टाइफाइड बुखार में भी बहुत फायदेमंद है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल जैसे गुण पाए जाते हैं जो टाइफाइड बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आप गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डाल कर इसका सेवन कर सकते हैं।

टाइफाइड बुखार कितने दिन में ठीक होता है?

क्या आप जानते हैं, टाइफाइड कितने दिन तक रहता है? यदि टाइफाइड का इलाज सही समय पर किया जाता है तो यह महज 3-5 दिनों में कम होने लगता है और इसे पूरी तरह ठीक होने में 3 से 4 सप्ताह का समय लग सकता है। लेकिन यदि इसका सही समय पर जांच नहीं हुआ तो स्थिति और भी गंभीर बन सकती है।

>> यह भी जानें: क्या है बुखार ठीक करने के घरेलू इलाज और देशी दवा

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए? 

टाइफाइड में शुद्ध स्वच्छ और हल्के खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे :-

  • आसान पाचन के लिए आप उबली हुई सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। जैसे- आलू, गाजर, बिन्स आदि
  • भरपूर मात्रा में प्रोटीन सोर्स वाले पदार्थों का सेवन करें। जैसे- दाल, मशरूम इत्यादि
  • बुखार ठीक होने के लिए आप सूप का सेवन कर सकते हैं। जैसे- मिक्स वेजिटेबल सूप, टोमैटो सूप आदि
  • कैल्शियम कि कमी को पूरा करने के लिए आप लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का भी सेवन कर सकते हैं। जैसे- दही, छाछ आदि
  • टाइफाइड में आप अच्छे जूस का सेवन कर सकते हैं। जैसे- मिक्स फ्रूट जूस, अनार का जूस आदि

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए?

  • ऐसे में तेज गंध वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। जैसे - प्याज, लहसुन आदि
  • मसाला खाने से बचें। जैसे - सॉस, मिर्च, सिरका आदि
  • गैस बनाने वाले भोजन से दूर रहें। जैसे- कटहल, अनानास आदि
  • पेस्ट्री, तली हुए चीजें इत्यादि से टाइफाइड में परहेज परहेज करें।
  • मांसाहारी भोजन न करें।
  • उच्च रेशे युक्त आहार से बचें। जैसे- शक्करकंद, साबुत अनाज इत्यादि

सारांश:- टाइफाइड बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होने वाली एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। यह संक्रमित खाद्य पदार्थें या पेय पदार्थों के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करता है। बैक्टीरिया के शरीर में जाने के 1-2 सप्ताह में लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डॉक्टर की सलाह और दवाईयों के माध्यम से टाइफाइड का इलाज पूरी तरह से किया जा सकता है। अनुपचारित टाइफाइड के नुकसान भी बहुत हैं, ऐसे में कुछ खाने-पीने की चीजों का भी परहेज करना बहुत जरूरी है, जिसे उपरोक्त भागों में बताया गया है। आप घरेलू उपचार के द्वारा भी टाइफाइड का इलाज कर सकते हैं।

ऐसे गंभीर बीमारियों में अस्पताल के खर्चों से बचने के लिए आप अपना स्वास्थ्य बिमा भी करा सकते हैं। आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के केयर एडवांटेज प्लान (Care Advantage Plan) को खरीद सकते हैं और अस्पताल के वीत्तिय बोझ के संकट को कम कर सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको ऐसे मुश्किल समय में वीत्तिय रूप से डटे रहने के लिए बहुत जरूरी होता है।

डिस्क्लेमर: किसी भी तरह के नुस्खें या दवा को आजमाने से पहले डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें। हेल्थ कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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