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प्रेगनेंसी में फिट कैसे रहें? देखें, गर्भावस्था में एक्सरसाइज के फायदे

  • Published on 3 Oct, 2025

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किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था का समय बहुत ही खूबसूरत और प्यारा होता है, लेकिन जितना खूबसूरत और प्यारा होता है उतना ही कठीन भी होता है। इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के शारीरिक, मानसिक और हार्मोनल बदलाव आते है। इस बदलाव को और खुशहाल और आसान बनाने के लिए महिला को गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज और योग करना बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी में योग और एक्सरसाइज गर्भवती महिला और पेट में पल रहे बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है, बशर्ते कि डॉक्टर की सलाह लेकर किया जाए। सही एक्सरसाइज करने से शरीर स्वस्थ रहता है, डिलीवरी आसान हो सकती है, और मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। आइए जानते हैं, प्रेग्नेंसी में करने योग्य सुरक्षित एक्सरसाइज या योगासन के बारे में।

प्रेगनेंसी के समय फिट कैसे रहें?

प्रेग्नेंसी में करने योग्य सुरक्षित एक्सरसाइज(तीनों ट्राइमेस्टर में डॉक्टर की सलाह लेकर करें):-

  • वॉकिंग: सबसे सुरक्षित और आसान एक्सरसाइज है। यह दिल की सेहत, वजन नियंत्रण और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • प्रेग्नेंसी योग: प्रेग्नेंसी में योग करना शरीर में लचीलापन बढ़ाता है। इससे पीठ दर्द, तनाव, और अनिद्रा में राहत मिलती है। मेडिटेशन और प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है।
  • केगेल एक्सरसाइज: केगल एक्सरसाइज से पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं। जिससे डिलीवरी में मदद और बाद में यूरिन कंट्रोल में सहायक होती है।
  • स्वीमिंग: तैरने से पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। इससे वजन का दबाव नहीं पड़ता है, जिससे जोड़ों को आराम मिलता है।
  • लाइट स्ट्रेचिंग: शरीर की जकड़न और मांसपेशियों में खिंचाव से राहत मिलती है। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होती है।
  • प्रेग्नेंसी पिलाटे: यह एक सुरक्षित और प्रभावी व्यायाम है जिससे कोर मसल्स मजबूत होती हैं। यह शरीर को मज़बूत, लचीला और संतुलित बनाता है। बैलेंस और मुद्रा में सुधार आता है।

गर्भावस्था में एक्सरसाइज के दौरान क्या सावधानियां बरतें?

गर्भावस्था में निम्नलिखित सावधानियाँ बरतें:

  • डॉक्टर से सलाह जरूर लें
  • ओवरएक्सरसाइज या थकावट से बचें
  • कभी भी पेट पर दबाव ना डालें
  • बहुत गर्म या बंद जगह में एक्सरसाइज न करें
  • पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें

यदि चक्कर, दर्द, ब्लीडिंग या असामान्य लक्षण हों तो तुरंत बंद करें और डॉक्टर से परामर्श करें।

प्रेगनेंसी में एक्सरसाइज के फायदे क्या है?

प्रेग्नेंसी में नियमित और सुरक्षित एक्सरसाइज करने के कई फायदे होते हैं, जो माँ और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद हैं। प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज के फायदे निम्नलिखित है:-

  • शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है - इससे वजन संतुलित रहता है, थकान और कमजोरी कम होती है। कमरदर्द, पीठदर्द और जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है
  • दिल और फेफड़ों की सेहत सुधरती है - हृदय और रक्त संचार बेहतर होता है, ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।
  • नींद में सुधार होता है - अच्छी नींद आती है, नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।
  • मानसिक तनाव कम होता है - इससे डिप्रेशन, चिंता और मूड स्विंग्स में राहत मिलती है, मन शांत और स्थिर रहता है।
  • डिलीवरी आसान हो सकती है - पेल्विक मसल्स मजबूत होती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है और प्रसव पीड़ा को सहन करने की शक्ति बढ़ती है।
  • पाचन तंत्र बेहतर रहता है - एक्सरसाइज से कब्ज से राहत मिलती है। गैस और सूजन की समस्या कम होती है।
  • डिलीवरी के बाद रिकवरी तेज होती है - मसल्स पहले से मजबूत होती हैं, जिससे शरीर जल्दी सामान्य होता है और वजन जल्दी घटता है।
  • शिशु के लिए भी फायदेमंद - एक्सरसाइज से माँ का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे बच्चे को बेहतर ऑक्सीजन और पोषण मिलता है।

प्रेगनेंसी में किन बातों का ख्याल रखें

प्रेग्नेंसी एक बहुत ही खास और नाजुक समय होता है, जिसमें महिला के शरीर और मन दोनों में बहुत बदलाव आते हैं। इस दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:-

  • एक्सरसाइज करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें:
  • हल्की और सुरक्षित गतिविधियाँ चुनें
  • अपने शरीर के संकेतों को समझें – अगर थकावट, दर्द या कोई असहजता लगे तो एक्सरसाइज बंद करें
  • नियमित डॉक्टर से चेकअप कराएं। समय-समय पर प्रेग्नेंसी चेकअप कराना जरूरी है। अल्ट्रासाउंड, ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, शुगर लेवल आदि की जांच कराते रहें।
  • संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें। अपने डाइट में हरी सब्ज़ियाँ, फल, दाल, दूध, सूखे मेवे आदि शामिल करें। फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन ज़रूर लें। बाहर का तला-भुना और जंक फूड को सीमित करें।
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई सप्लीमेंट्स लें। आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड आदि समय पर लें। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें।
  • हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें। वॉकिंग, योग या डॉक्टर की सलाह से एक्सरसाइज करें। थकान महसूस होने पर आराम करें।
  • मानसिक तनाव से दूर रहें। पॉजिटिव सोचें, मनपसंद म्यूजिक सुनें, मेडिटेशन करें। तनाव, चिंता या डिप्रेशन हो तो किसी से बात करें या काउंसलिंग लें।
  • नुकसानदायक चीजों से बचें। धूम्रपान, शराब, तंबाकू से पूरी तरह दूर रहें। कैफीन (चाय, कॉफी) की मात्रा सीमित रखें। भारी वजन उठाना, ज्यादा झुकना या फिसलने वाले स्थान से बचें।
  • अच्छी नींद लें और आराम करें। दिन में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। बाएं करवट सोने की आदत डालें – इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें। संक्रमण से बचने के लिए हाथ धोना, साफ पानी पीना जरूरी है। खुले या अधपके खाने का सेवन न करें।

आपातकाल के लक्षणों पर ध्यान दें:

नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • तेज पेट दर्द
  • वेजाइनल ब्लीडिंग
  • लगातार सिरदर्द या चक्कर
  • तेज बुखार
  • बच्चे की मूवमेंट में कमी

गर्भावस्था के दौरान महिला के मानसिक और भावनात्मक सहयोग से यह समय आसान और सुखद बन सकता है। एक्सरसाइज और योग से महिला का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है और नॉर्मल डिलिवरी के चांसेज बढ़ सकते हैं। आज के समय में खराब लाइफ स्टाइल और अनियमित खान-पान की वजह से गर्भधारण करना एक भारी टास्क बन चुका है और उससे भी ज्यादा मुश्किल नॉर्मल डिलिवरी होना। जिसकी वजह से सिजेरियन में ज्यादा खर्चे होते है और आगे के लिए परेशानी भी बढ़ सकती है।

ऐसे में गर्भावस्था के लिए मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस आपके बहुत काम आता है। यदि आप भी फैमिली प्लानिंग की योजना बना रहे हैं तो आप केयर हेल्थ के मातृत्व स्वास्थ्य बीमा प्लान को खरीद सकते हैं। यहां आपको गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल के खर्चों को कवर किया जाता है, जो आपको मानसिक शांति और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, कैशलेस अस्पताल में भर्ती, इन-पेशेंट देखभाल, डे केयर उपचार, उन्नत प्रौद्योगिकी विधियां, नवजात शिशु कवर, अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और बाद के कवर, इत्यादि जैसी कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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