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गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक अनोखा एहसास होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने को 9 महिने के लिए घर में कैद कर लें। आज के समय में बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं जो गर्भावस्था के दौरान ऑफिस जाती हैं, घूमने जाती हैं, अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाती है और इन सबके बावजूद भी उनकी डिलीवरी आसानी से होती है। लेकिन यदि आपकी प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की परेशानियां आ रही है तो आपको ट्रैवल के दौरान विशेष ध्यान रखना होगा।
घूमने के शैकीन लोग अक्सर वीकेंड या छुट्टियों में घूमने का प्लान बना लेते हैं लेकिन यदि साथ में प्रेग्नेंट महिला हो तो न चाहते हुए भी प्लान को कैंसिल करना पड़ता है। क्योंकि गर्भावस्था में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ध्यान रखना होता है। ऐसे समय में महिलाओं को शारीरिक और मानसिक परेशानियां ज्यादा होती हैं और हल्की सी गलती भी गर्भावस्था और शिशु के लिए समस्या खड़ी कर सकती है। तो आइए जानते हैं, प्रेगनेंसी में सफर करना चाहिए या नहीं, प्रेग्नेंसी में यात्रा के दौरान खास ध्यान रखने वाली बातें, इत्यादि।
प्रेगनेंसी का पहला महिना पेट में पल रहे भ्रूण और गर्भवती महिला दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे मे किसी महिला को निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए:-
प्रेगनेंसी में सफर करना चाहिए या नहीं, यह महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अपने गर्भावस्था के दौरान आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती है। गर्भ में पल रहा शिशु पूरी तरह से हेल्दी हो, इसके लिए जरूरी है कि आपके गर्भाशय पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े। यात्रा के दौरान आपको लगने वाले झटके या पेट पर दबाव, जच्चा और बच्चा दोनों के लिए हानिकारक हो सकते है। यदि आपकी गर्भावस्था बिल्कुल सही है यानी आपका गर्भ और शिशु दोनों स्वस्थ्य है, किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं है तो आप डॉक्टरों की सलाह पर पूरी तैयारी और प्लान के साथ सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकती हैं।
लेकिन आपको कुछ जगहों पर ट्रैवल करने से बचना चाहिए, जैसे- संक्रमित जगह, पोल्यूशन वाली जगह, खराब रास्ते आदि। साथ ही डॉक्टर द्वारा दिए गए सूझाओं का पूर्ण रूप से पालन करें। यदि प्रेग्नेंसी हाई रिस्क वाली है या आपको पूरी तरह से आराम के लिए कहा गया है तो ऐसे में यात्रा ना करें, ये नुकसानदायक हो सकता है। अधिकतर मामलों में, प्रेग्नेंट महिलाएं अपने डिलीवरी डेट के पास आने तक यात्रा कर सकती हैं।
जब किसी महिला के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की वजह से गर्भावस्था जोखिम में होता है तो उसे हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के नाम से जाना जाता है। ऐसी स्थिती में महिलाओं को नॉर्मल गर्भावस्था से ज्यादा देखभाल करने की जरूरत होती है। ऐसी स्थितियों में बच्चे को भी बीमारियों का खतरा होता है। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में निम्नलिखत स्थितियां शामिल हैं:-
गर्भावस्था के दौरान यात्रा करने का सबसे सही समय दूसरी तिमाही होता है। दूसरी तिमाही में जटिलताओं का सबसे कम रिस्क होता है। पहली तिमाह में ज्यादातर महिलाओं को उल्टी-मतली या थकान जैसी कई समस्याएं होती है, जिसके कारण उस समय यात्रा करना मुश्किल होता है। चाहे आप ट्रैवल करना चाहते हों या नहीं, पहले तीन महीने आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है, क्योंकि इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस अपने चरम पर होती है और झटकों के कारण मिसकैरेज होने की संभावना ज्यादा होती है।
अब बात करते हैं, गर्भावस्था के 8वें महीने में यात्रा करना चाहिए या नहीं? आप तीसरे तिमाही में यात्रा के दौरान ज्यादा थका हुआ और असहज महसूस कर सकती हैं। इस समय में आपको कार, बस, ट्रेन में लंबी दूरी तय करने से बचना चाहिए। हवाइ सफर की बात करें तो जब तक महिला और उसके गर्भ में पल रहा बच्चा ठीक है, तब तक, यानी प्रेग्नेंसी के 36 सप्ताह तक हवाई यात्रा सुरक्षित रहती है, जबकि जुड़वा बच्चों के मामले में 32 हफ्ते तक हवाई सफर सुरक्षित होता है।
वैसे तो गर्भावस्था में कोई भी यात्रा अपने स्वास्थ्य को देखते हुए करनी चाहिए। लेकिन जब हम समुद्री यात्रा की बात करते हैं तो ज्यादातर समुद्री जहाज 28वें हफ्ते के बाद के यात्रा के लिए मना करते है, यानी आप गर्भावस्था के 7 महिने बाद यात्रा नहीं कर सकते हैं। और कुछ मामलों में प्रेग्नेंसी के 24वें सप्ताह से ही समुद्री यात्रा के लिए मनाही होती है। समुद्री यात्रा के दौरान गर्भवती महिला को डॉक्टर के पर्चे की जरूरत पड़ती है, जिसमें की डिलीवरी की अनुमानित तारीख लिखी हो और साथ में लिखा हो की वह यात्रा करने के लिए फिट हैं।
वैसे तो यह जानना बहुत जरूरी है, कि गर्भावस्था में सीढ़ी चढ़ें या नहीं। ऐसे समय में महिलाओं को काफी सावधानीयां बरतने की जरूरत होती है। आपको बतादें कि गर्भावस्था में सीढ़ीयां चढ़ने के फायदे भी हैं। गर्भवती महिलाएं सीढ़ियां चढ़ सकती है, इससे उनके शरीर का संतुलन बना रहता है और हेल्दी महसूस करती है। यह एक तरह से आपके एक्सरसाइज का काम करता है, जो गर्भावस्था में सुरक्षित होता है। ऐसे में सीढ़िया चढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज की परेशानी कम होती है, हाई बीपी की समस्या नहीं होती है, आपका स्वास्थ्य सही रहता है।
गर्भावस्था में कुछ बाते जो आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, वो है सिढ़ियां चढ़ने में फिसलने या गिरने का डर बना रहता है, तो ऐसे में आपको सतर्क रहना चाहिए। तेज-तेज सीढ़ियां चढ़ने से सांस फुलने इत्यादि की समस्या हो सकती है। ज्यादा सीढ़ियां चढ़ने से गर्भपात (मिसकैरेज) की भी समस्या हो सकती है।
यदि आप गर्भवती है और ट्रैवल प्लान बना रही हैं तो जाने से पहले कुछ जानकारी आपकी यात्रा को शानदार और सुरक्षित बना सकती है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंट महिलाओं को यात्रा के दौरान किन बातों को ध्यान रखना चाहिए:-
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Published on 12 Dec 2024
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