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टेस्टोस्टेरोन क्या है? देखें, टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान

  • Published on 12 Jun, 2025

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टेस्टोस्टेरोन एक तरह का स्टेरॉइड हार्मोन होता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाया जाता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के अंडकोष और महिलाओं के अंडाशय द्वारा बनाया जाता है और यह दोनों हार्मोन पिट्यूटरी हार्मोन के तहत कार्य करते हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के कार्य संपूर्ण शारीरिक विकास, मनोदसा और प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखना है।

टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में आवाज भारी होने, चेहरे पर बाल आने, मांसपेशियां बढ़ाने इत्यादि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जबकि महिलाओं में यौन इच्छा , मनोदसा सुधारने, हड्डियों के विकास और हेल्थ के लिए सही होता है। कई रिसर्च में इस बात का भी पता चला है कि यह अन्य कार्य जैसे- हड्डियों की मजबूती,शारीरिक विकास, दिमाग बढ़ाने, कामोत्तेजक, इरेक्टाइल फंक्शन, कोलेस्ट्रोल कम करने, मनोदसा में सुधार लाने, इत्यादि जैसी कई अन्य स्थितियों के लिए जिम्मेदार होता है।

पुरुषों में 40 साल के बाद टेस्टोस्टेरोन लेवल में कमी आने लगती है जबकि महिलाओं में परियड्स का चक्र बंद होने बाद यानी रजोनिवृति के बाद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी होने लगती है। आइए जानते हैं, टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे बढ़ाये, टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान, टेस्टोस्टेरोन लेवल कैसे बढ़ाएं, इत्यादि।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कम होने के कारण क्या है?

यदि आपको भी नहीं पता हैं कि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे कम होता है तो जान लें, इसके कई कारण हो सकते हैं। टेस्टोस्टेरोन घटने के मुख्य कारण निम्नलिखित है:-

  • उम्र का ज्यादा होना
  • पुरानी बीमारियां
  • जीवनशैली की खराब आदतें
  • पिट्यूटरी और हाइपोथैलेमस की शिथिलता
  • दवाएं
  • हाइपोगोनाडिज्म
  • मोटापा
  • शारीरिक गतिविधी न करना
  • पर्यावरणीय कारक
  • गलत डाइट अपनाना
  • अनुवांशिक कारक

टेस्टोस्टेरोन कम होने के लक्षण क्या है?

टेस्टोस्टेरोन के कम होने के लक्षण सभी व्यक्तियों में अलग-अलग होती हैं। इसके सामान्य लक्षणों शामिल है:-

  • यौन इच्छा में कमी
  • शुक्राणुओं की संख्या में कमी
  • मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन
  • इरेक्शन की समस्या
  • मांसपेशियों की ताकत में कमी
  • हड्डियों के घनत्व में कमी
  • शारीरिक उर्जा में कमी
  • बाल झड़ना
  • एकाग्रता
  • अनिद्र
  • टेस्टिकल्स में सिकुड़न

टेस्टोस्टेरोन लेवल कितना होना चाहिए?

महिलाओं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कितना होना चाहिए? महिलाओं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल अलग-अलग होता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर, नॉर्मल टेस्टोस्टेरोन लेवल 300 से 1000 नैनो ग्राम प्रति डेसीलीटर(ng/dL) होता है। और महिलाओं में सामान्य टेस्टोस्टेरोन लेवल 15 से 70 नैनो ग्राम प्रति डेसीलीटर(ng/dL) होता है। टेस्टोस्टेरोन लेवल को ब्लड टेस्ट के द्वारा मापा जाता है। सामान्य टेस्टोस्टेरोन लेवल से नीचे का स्तर टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी को दर्शाता है। इसके कम होने के कई कारण है होते हैं जिसके बारे में उपरोक्त भाग में बताया गया है।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन कैसे बढ़ाये?

स्वयं को हेल्दी रखने और फिट रखने के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि टेस्टोस्टेरोन लेवल कैसे बढ़ाएं। टेस्टोस्टेरोन लेवल को दो तरह से ठीक किया जा सकता है। पहला प्राकृतिक रूप से और दूसरा चिकित्सा के द्वारा। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने के उपाय निम्नलिखित है:-

विटामिन डी का सेवन करें

लो टेस्टोस्टेरोन वाले लोगों में अक्सर विटामिन डी की कमी देखी गई है। नियमित रूप से सुबह सूर्य की रोशनी का ताप लेना आपके विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए बेहतर होता है। इसके अलावा आप विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप मछली, अनाज, पनीर, अंडे इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। आप विटामिन डी सप्लीमेंट का भी सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

तनाव से दूर रहें

रिसर्च के आधार पर यह पाया गया है कि ज्यादा लंबे समय तक तनाव में रहना कार्टिसोल हार्मोन लेवल को बढ़ा सकता है और अचानक से कार्टिसोल हार्मोन में वृद्धी टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम कर सकती है। यदि आप ज्यादा तनाव लेते हैं तो चाहें कुछ खा-पी लें या घरेलू नुस्खें अपना लें, टेस्टोस्टेरोन लेवल नहीं बढ़ेगा। ऐेसे स्थिति में टेंशन फ्री रहने की कोशिश करें।

हेल्दी फैट का सेवन करें

शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए विटामिन और पोषक तत्वों के साथ हेल्दी फैट की जरूरत होती है। एक रिसर्च में पाया गया है कि यदि किसी डाइट में फैट के रूप में एनर्जी लेवल 40 प्रतिशत से कम है तो टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है। ओमेगा-3 हेल्दी फैट है जो टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके लिए आप मछली, नट्स, अवोकाडो, अंडा इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। ऐसे ही मोनोसैचुरेटेड फैट आपके टेस्टोस्टेरोन पर सीधा असर डालता है, आप मूंगफली, पीनर बटर इत्यादि से इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं। नारियल में हल्दी फैट भरपूर मात्रा में पाई जाती है।

संतुलित आहार का सेवन करें

किसी भी निरोग व्यक्ति के लिए हेल्दी व बैलेंस डाइट बहुत जरूरी है। यहां पर संतुलित आहार का मतलब यह है कि अपने आहार में उन सभी पोषक तत्वों को शामिल करें, जिनकी शरीर को जरूरत होती है। जैसे प्रोटीन, कार्ब्स, हेल्दी फैट, फाइबर, जिंक, इत्यादि। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन आपके टेस्टोस्टेरोन लेवल को बनाए रखने में सहायक हो सकती है और शरीर में फैट बर्न का काम करती है। लंबे समय तक भूख रहने से हार्मोन लेवल में नकारात्मक बदलाव होते हैं।

जिंक की मात्रा को बढ़ाएं

टेस्टोस्टेरोन को निर्माण के लिए जिंक बहुत जरूरी तत्व होता है। शरीर में जिंक की कमी टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी का कारण बन सकती है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थों में से है पनीर, दूध, दही, नट, रेड मीट, सेम, मछली, इत्यादि। इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर के आप जिंक की कमी को पूरा कर सकते हैं।

टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान क्या है?

टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान किसी व्यक्ति के लिंग और आयु पर निर्भर करते हैं। पुरुषों में फायदेमंद साबित हो सकता है, जैसे- मांसपेशियों और हड्डियों के लिए अच्छा होता है, यौन इच्छा के लिए सही है, हार्ट हेल्थ इत्यादि। लेकिन वही महिलाओं में यह समय से पहले यौवन का कारण बन सकता है, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल आ सकते हैं, मासिक धर्म अनियमित हो सकता है, बाल झड़ना, इत्यादि जैसी समस्याएं हो सकती है।

सारांश

टेस्टोस्टेरोन एक तरह का हार्मोन होता है, जो पुरुषों और महिलाएं दोनों में पाया जाता है। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के कार्य संपूर्ण शारीरिक विकास, मनोदसा और प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखना है। टेस्टोस्टेरोन लेवल 19-20 साल के आयु में सबसे ज्यादा होता है और 30 साल के बाद उम्र बढ़ने के साथ कम होने लगता है। इसको सही रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल और पौष्टिक डाइट का सेवन करें, नियमित रूप से व्यायाम करें, इत्यादि।

आज के समय में खुद को हेल्दी व फिट रखना बहुत बड़ा टास्क हो गया है, क्योंकि अनियमित खान-पान और खराब जीवनशैली बच्चों से लेकर बड़ों और बुजुर्गों तक सभी को अपनी चपेट में ले रहा है। सभी लोग कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी बिमारी के शिकार हो जाते हैं और एक बार अस्पताल में भर्ती होने का मतलब आपकी जमापूंजी को भारी नुकसान पहुंच सकती है। इसलिए समय को देखते हुए वर्तमान समय में स्वास्थ्य बीमा होना बहुत अनिवार्य है।

स्वास्थ्य बीमा आपको किसी भी गंभीर बिमारी के इलाज में आपकी जमापूंजी की रक्षा करते हुए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। आप केयर हेल्थ के फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को खरीद सकते हैं, जहां आपको एक ही पॉलिसी में परिवार के सभी सदस्यों के लिए कवरेज प्रदान की जाती है। इसमें आपको प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन, एंबुलेंस कवर, वार्षिक स्वास्थ्य जांच जैसी कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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