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आईवीएफ (IVF) इलाज कैसे और कब होता है? जानें कितना खर्च आता है

  • Published on 27 Mar, 2023

    Updated on 30 Jun, 2025

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गलत लाइफस्टाइल और प्रदूषित वातावरण के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं और उन्हीं में से एक है, प्रग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं। जहां महिलाएं बच्चे को जन्म देने में असमर्थ होती है। कुछ ऐसे ही समस्याओं के समाधान के लिए बना है आईवीएफ (IVF) यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन। जहां आईवीएफ प्रक्रिया के द्वारा बाँझ दम्पत्तियों का उपचार किया जाता हैं और उन्हें अपनी संतान होने का सुख प्राप्त होता है।

आईवीएफ क्या होता है? (ivf kya hai)

आज के समय में, खान-पान से लेकर रहन-सहन तक, सभी चीजें बदल गई हैं। लोगों के जीवन-जीने का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। जिसका असर महिलाओं के प्रेग्नेंसी पर भी पड़ता है। इन सब के कारण महिलाओं को कंसिव करने में भी दिक्कतें आती है। यदि कंसिव हो भी जाये तो मिसकैरेज जैसी समस्याएं हो जाती है या प्रेग्नेंसी सफलता पूर्वक नहीं हो पाती है। ऐसे समस्याओं से ही निजात पाने के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट किया जाता है।

आइवीएफ को इन विट्रो फर्टीलाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है। जब महिला का शरीर ऐग को फर्टिलाइज करने में सक्षम नहीं होता है, तो उसे लैब में फर्टीलाइज कराया जाता है। इसमें महिला के ऐग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। एक बार जब इसके संयोजन से भ्रूण का निर्माण हो जाता है, तो उसे वापस महिला के गर्भाशय में डाल दिया जाता है।

दूसरे शब्दों में कहे तो, आईवीएफ ट्रीटमेंट स्त्री के ऐग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण का निमार्ण किया जाता है। उसके बाद उस भ्रूण को वापस महिला के गर्भाशय में स्थानांतरिक दिया जाता है। इसे आईवीएफ कहते हैं। आईवीएफ को हिंदी में भ्रूण प्रत्यारोपण भी कहा जाता है और आईवीएफ के द्वारा जन्में शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।

आईवीएफ कैसे करते हैं? (ivf kya hota hai in hindi)

आईवीएफ कितने दिन में होता है? आईवीएफ प्रक्रिया करने से पहले महिला और पुरुष दोनों की जांच की जाती है। उसके बाद जांच की रिपोर्ट के आधार पर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।

सबसे पहले पुरुष के सीमेन (स्पर्म) को लैब में दिया जाता है, जहां उसके अच्छे और खराब शुक्राणुओं को अलग-अलग किया जाता है। उसके बाद महिला के शरीर से इंजेक्शन के द्वारा उसके अंडे को बाहर निकाल कर फ्रीज किया जाता है। फिर लैब में अंडे के उपर अच्छे शुक्राणु जो सक्रिय है, उनको रखा जाता है और प्राकृतिक रूप से फर्टिलाइज होने के लिए छोड़ दिया जाता है।

उसके बाद फर्टिलाइजेशन के तीसरे दिन तक भ्रूण तैयार हो जाता है, जहाँ कैथिटर उपकरण की सहायता से उसे महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है। भ्रूण स्थानांतरित करने के कुछ घंटे बाद महिला अपने घर जा सकती है। फिर दो सप्ताह बाद महिला को गर्भाशय की जांच के लिए बुलाया जाता है और प्रेग्नेंसी टिप्स दिए जाते हैं।

आईवीएफ प्रक्रिया क्या है? (ivf treatment in hindi)

आईवीएफ कैसे किया जाता है? आईवीएफ कैसे होता है, इस पूरी प्रक्रिया को हम निम्नलिखित तरीको से भी समझ सकते हैं (ivf process in hindi):-

  • डॉक्टर परामर्श - आईवीएफ ट्रीटमेंट के बारे में विचार करने से पहले डॉक्टर से परामर्श होता है।
  • ओवेरियन स्टिमुलेशन - अंडाशय में अंडे की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ हार्मोनल दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं। क्या आप जानते हैं, आईवीएफ इंजेक्शन कितने दिन दिए जाते हैं? अंडे की संख्य बढ़ाने के लिए महिला को 4-6 या 6-12 दिनों तक दवाएं और इंजेक्शन चलते हैं। यह महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है।
  • ट्रिगर इंजेक्शन - इससे अंडो को मैच्योर बनाया जाता है, जिसमें लगभग 36 घंटे का समय लगता है।
  • अंडा निकालना - इसमें महिला के अंडाशय से मैच्योर अंडो को बाहर निकाला जाता है। जिसमें लगभग आधे घंटे का समय लग सकता है।
  • स्पर्म लेना - उसी दिन पुरुष पार्टनर से स्पर्म लिया जाता है और सक्रिय स्पर्म को अलग कर लिया जाता है।
  • फर्टिलाइजेशन - अंडे और स्पर्म को लैब में फर्टिलाइजेशन के लिए रखा जाता है।
  • भ्रूण विकास - फर्टिलाइजेशन के बाद अंडा जब भ्रूण बन जाता है, तो उसके विकास को मॉनिटर करने के लिए 5-6 दिन तक लैब में ही रखा जाता है।
  • भ्रूण स्थानांतरण - इसमें डॉक्टर विकसित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित करते हैं।
  • गर्भाशय जांच - भ्रूण स्थानांतरण के दो सप्ताह बाद, महिला को गर्भाशय की जांच के लिए बुलाया जाता है और सफलता की पुष्टी की जाती है।

आईवीएफ का खर्च कितना है? (How much does IVF cost)

भारत में आईवीएफ (IVF) इलाज के लिए समान्य खर्च 90,000 रुपये से लेकर 1,50,000 रुपये के बीच आता है। इसके अलावा यह निम्नलिखित कारकों पर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं:-

  • अस्पताल
  • स्थान
  • सुविधाएं
  • महिला की स्वास्थ्य स्थिति

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आईवीएफ गर्भावस्था के लक्षण क्या है? (What are the symptoms of IVF pregnancy?)

आईवीएफ इलाज के बाद यदि महिला प्रेग्नेंट होती है तो निचे दिये गए लक्षण नजर आ सकते हैं:-

  • ऐंठन
  • मतली या जी मिचलाना
  • ब्लीडिंग
  • कमजोरी और थकान
  • स्तन में दर्द
  • डिस्चार्ज में बदलाव
  • सूजन
  • पीरियड मिस होना
  • यूरीन पास करने की आवश्यक्ता में बढ़ोतरी

आईवीएफ के बाद क्या सावधानी बरतें? (What precautions should be taken after IVF?)

आईवीएफ उपचार के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी सावधानियों का सख्ती से पालन करें, इससे सफल इलाज की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। आईवीएफ के बाद सावधानी बरतने के लिए आप निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रख सकते हैं:-

  • भारी सामान उठाने से बचें
  • समय-समय पर दवाएं लेते रहें
  • संतुलित आहार का सेवन करें
  • हेल्दी वजन बनाए रखें
  • शारीरिक संबंध बनाने से बचें
  • नशीले पदार्थों से दूर रहें
  • स्ट्रेश ना लें
  • हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाएं

सारांश

जब महिला कंसिव करने में असमर्थ होती है, तो आईवीएफ इलाज किया जाता है। कहने को यह प्रक्रिया महंगी और जटील है, लेकिन जिनके बच्चे नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए यह वरदान से कम नहीं है। आईवीएफ के द्वारा महिला के ऐग और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है, और भ्रूण बनने तक लैब में रखा जाता है, फिर भ्रूण विकसित होने के बाद उसे फिर से महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

इस इलाज का कुल खर्च लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक आता है और आप सफलता पूर्वक पैरेंट्स बन सकते हैं। दूसरे केस में, यदि आप फैमिली प्लानिंग कर रही हैं और प्रकृतिक रूप से गर्भधारण करती है या प्रेग्नेंट होती हैं, तो आप हॉस्पिटल के खर्चों से निपटने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पॉलिसी भी ले सकती हैं। जहां आपके प्रेग्नेंसी का खर्च हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी उठाती है और आप चिंता-मुक्त पूरा ध्यान अपनी फैमिली की देखभाल में लगा सकते हैं।

आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के मैटरनिटी हेल्थ पॉलिसी (Maternity Health Policy) को ले सकते हैं, जिसमें कम प्रीमियम पर अधिकतम कवरेज मिलती है। यह कैशलेस हॉस्पिटलाइज़ेशन के साथ गर्भावस्था में प्रसव से पहले और बाद के सभी खर्चों को कवर करता है। यहां आप सर्वोत्तम मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को अपने सुविधानुसार चुन सकते हैं। इसके अलावा, यदि आप चाहें तो फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान(health insurance plans for family) भी ले सकते हैं, जो एक ही पॉलिसी में आपके पूरे परिवार को बीमा प्रदान करती है और आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

डिस्क्लेमर: मैटरनिटी कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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