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MATERNITY HEALTH INSURANCE PLAN
जैसे ही किसी महिला में गर्भावस्था के लक्षण दिखने लगते हैं और प्रेग्नेंसी कन्फर्म होती है, वह पूरी तरह से एहतियात बरतना शुरू कर देती है। ऐसे समय में उठने-बैठने से लेकर गर्भावस्था के दौरान सोने की स्थिति तक, सभी चीजों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गर्भवती महिला के किसी भी तरह के गतिविधि का असर उसके गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और शरीर के वजन में भी बढ़ोतरी होती है। किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए हेल्दी डाइट के साथ पर्याप्त निंद बहुत जरूरी है।
इन सबके अलावा प्रेग्नेंसी में सोने का तरीका जानना भी बहुत जरूरी होता है ताकि गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। गर्भावस्था के दौरान सोने में काफी परेशानी होती है और हर किसी को पता नहीं होता है कि गर्भावस्था के दौरान कैसे सोना चाहिए। यदि आप भी उन्हीं में से एक है और अपने प्रेग्नेंसी के समय में ऐसी गलतियां कर रही हैं, तो उनमें आज से ही सुधार करें नहीं तो बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
गर्भावस्था के दौरान सोने की स्थिति बायीं तरफ होना सबसे बेस्ट माना जाता है क्योंकि बायीं तरफ सोने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और महिला को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। वैसे यदि बात करें सोने की तो किसी भी गर्भवती महिला को उस तरफ से सोना चाहिए जिधर से उसके पेट को सपोर्ट मिले। यानी सोने में किसी तरह की परेशानी, असहजता या दर्द का अनुभव न हो। साथ ही करवट बदलते समय भी ध्यान रहे की एकदम से झटके के साथ करवट न बदलें, नहीं तो समस्या खड़ी हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान कैसे सोना चाहिए यह किसी भी प्रेग्नेंट महिला के लिए जानना बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी में पीठ या पेट के बल नहीं सोना चाहिए। किसी महिला की गर्भावस्था जैसे जैसे आगे बढ़ती है, पेट के बल सोने में उतनी ही परेशानी बढ़ती है। साथ ही यदि आप पीठ के बल सोती हैं तो गर्भाशय का दबाव कमर, रीढ़ की हड्डी और आँतों पर पड़ता है जिसकी वजह से सही रक्त संचार नहीं हो पाता है और मांसपेशियों में दर्द, क्रैंप आदि की समस्या उत्पन्न होती है।
प्रेग्नेंसी में सोते समय बाईं तरफ घुटनों के बीच कम से कम दो तकिये लगा कर सोएं। इससे आपके पेल्विक एरिया जिसमें ब्लैडर, यूटेरस, वजाइना और रेक्टम होते हैं, उनके मांसपेशियों पर से दबाव कम होता है और आपको आरामदायक स्थिति में सोने में मदद मिलती है। घुटनों के बीच तकिए लगाकर सोने से आपको पीठ दर्द से भी आराम मिलता है जो गर्भावस्था में एक प्रमुख समस्या है।
सभी लोग सोते समय अपने सुविधानुसार अलग-अलग तकिये का इस्तेमाल करते हैं। यानी कई लोग छोटे तकिये का प्रयोग करते हैं तो कई लोगों को बड़ा तकिया आरामदायक लगता है, और कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बिना तकिये का सोना पसंद करते हैं। लेकिन यदि गर्भावस्था में आपको बिना तकिये के सोने में असहज महसूस हो रहा है तो आपको अपनी सुविधा अनुसार आरामदेह तकिये का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
आज के समय में प्रेग्नेंसी के दोरान सोने के लिए बाजार में अलग से तकिये मिलते हैं। जिसे आप डॉक्टर की सलाह पर खरीद कर इस्तेमाल कर सकते हैं, और सोते समय होने वाली परेशानी को कम कर सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी गर्भवती महिला को एसिडिटी की समस्या हो या सीने में जलन हो तो उन्हें भी शरीर के उपरी भाग में तकिये का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा करने से आप राहत महसूस करेंगी। लेकिन तकिये का इस्तेमाल तभी करें जब आप सहज महसूस कर रहीं हो।
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, लेकिन एक समस्या जो अक्सर गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलती है, वो है ऐसिडिटी की समस्या या सीने में जलन। यदि किसी प्रेग्नेंट महिला को इस तरह की समस्या होती है तो उन्हें अपने डिनर में ज्यादा मसाले का प्रयोग करने से बचना चाहिए। यानी रात को मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए। कुछ और भी चीजे हैं जिसकी वजह से आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है या सीने में जलन की शिकायत हो सकती है, जैसे- खट्टे फल, वसायुक्त या तले हुए खाद्य पदार्थ, मसालेदार भोजन, इत्यादि।
गर्भावस्था में बेहतर नींद पाने के लिए खुद को रिलैक्स करना बहुत जरूरी होता है। यदि आप रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध का सेवन करती हैं तो इससे आपको अच्छी नींद मिलेगी और बच्चे को भी एनर्जी प्राप्त होगी। ऐसे समय में आप अपनी पसंद की अच्छी किताबे पढ़ें, सकारात्मक बातें करें जिससे आपका मूड अच्छा हो और आप अच्छा महसूस कर सकें। ऐसा करने से आपको निंद की समस्या नहीं होगी और आप चैन से सो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में पानी पीना बहुत अच्छा माना जाता है और पानी पीने की मात्रा बढ़ाने पर भी जोर दिया जाता है। गर्भावस्था के शुरूआती समय में महिला को पानी या फ्रूट जूस का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जो उनके गर्भावस्था के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन बात जब रात को सोने के समय की हो तो तरल पदार्थों का सेवन कम करने के लिए कहा जाता है। दरअसल, रात को सोने से पहले यदि आप ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करते हैं तो आपको बार-बार पेशाब आता है और आपकी नींद खराब होती है।
गर्भावस्था में समीकृत शारीरिक श्रम बहुत जरूरी होता है। ऐसे समय में सही व्यायाम को लेकर महिलाएं परेशान रहती हैं कि कौन-सा एक्सरसाइज उनके लिए सुरक्षित है। ऐसे में आप रोजाना वॉक कर सकती हैं। वॉक करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और यह सुरक्षित भी है। यदि संभव हो तो आप रात को खाना खाने के बाद 20–25 मिनट तक टहलने की आदत बनाएं।
गर्भावस्था के दौरान सोने की स्थिति के बारे में पता होना बहुत जरूरी है ताकि आप अगली सुबह एनर्जेटिक और फ्रेश महसूस करें। साथ ही आप अपने गर्भावस्था को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए मातृत्व स्वास्थ्य बीमा भी ले सकती हैं। इसके कवरेज अलग-अलग बीमाकर्ताओं के साथ भिन्न हो सकते हैं।
इसलिए केयर हेल्थ इंश्योरेंस आपको देता है व्यापक मातृत्व स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ‘जॉय’ जिसमें कम प्रीमियम पर अधिकतम कवरेज मिलती है। यह कैशलेस हॉस्पिटलाइज़ेशन के साथ गर्भावस्था में प्रसव से पहले और प्रसव के बाद के सभी खर्चों को कवर करता है। तो अब आप सर्वोत्तम मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (Maternity Health Insurance Plan) का चुनाव कर अपनो को सही स्वास्थ सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। साथ ही आपको बतादें की, मैटरनिटी इंश्योरेंश के अलावा आप फैमिली स्वास्थ्य बीमा(family medical insurance policy) भी ले सकते हैं जहां आपके पूरे परिवार को बीमा प्राप्त होता है और आपका परिवार वित्तीय रूप से सुरक्षित रहती है।
>> जानें मैटरनिटी इन्शुरन्स के महत्वपूर्ण लाभ
डिस्क्लेमर: मैटरनिटी कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
Published on 13 Dec 2024
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