Subscribe to get weekly insights
Always stay up to date with our newest articles sent direct to your inbox
Published on 14 Feb, 2024
Updated on 3 Apr, 2025
5842 Views
5 min Read
Written by Vipul Tiwary
favorite1Like
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होने का मतलब होता है कि आपकी रीढ़ यानी कशेरुका को बनाने वाली एक या एक से अधिक हड्डीयों का फ्रैक्चर होना। कुल छोटी-छोटी 33 हड्डियों से रीढ़ की हड्डी बनी होती हैं, जो कशेरुका के नाम से जाना जाता है, जो आपको सीधे खड़े होने में, झुकने में या मुड़ने में सहायता करते हैं। रीढ़ की हड्डी का फ्रैक्चर बाकी शरीर के अंगों के फ्रैक्चर जैसे पैर, हांथ से भिन्न होता है। इसके फ्रैक्चर में चुभन महसूस होती है और जुड़ी नसों को नुकसान पहुंच सकता है।
रीढ़ की हड्डी में चोट, गोली लगने, एक्सीडेंट होने, खेलने या गिरने आदि से लग सकती है। जिसके कारण शरीर की मांसपेशियों में मोच या हड्डीयों में फ्रैक्चर हो सकता है। इसमें हड्डी मौजूदा जगह से खिसक सकती है या गंभीर नुकसान हो सकता है। इसमें चोट अलग-अलग तरह की होती हैं जिसमें कुछ तो इलाज के द्वारा ठीक किए जा सकते हैं, लेकिन कुछ के लिए ऑपरेशन यानी सर्जरी की भी आवश्यक्ता पड़ सकती है।
इस तरह के फ्रैक्चर में आगे के हिस्सा फ्रैक्चर होता है और लम्बाई घट जाती है, इसमें पीछे वाले हिस्से को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। आमतौर पर यह फ्रैक्चर ट्यूमर या ओस्टियोपोरोसिस की वजह से होता है। इसमें आपको काफी दर्द भी हो सकते हैं और कोई लक्षण भी नहीं दिखते।
धुरी संबंधी फैक्चर आमतौर पर जब ऊंचाई से पैरों पर बल देते हुए जमीन पर गिरकर खड़े होने से होता है। इसमें हड्डी के अगले और पीछले हिस्से की लम्बाई घट जाती है। इस तरह की दुर्घटना में सर्जरी करानी पड़ सकती है।
इस तरह का फ्रैक्चर झटके से गर्दन का आगे झुक जाने से होता है। ऐसा एक्सीडेंट होने की वजह से भी हो सकता है जिसमें रीढ़ की हड्डी खींच जाती है। इसमें शरीर का उपरी भाग आगे की तरह खिंच जाता है और कुल्हा अपने स्थान पर ही रहता है।
फ्रैक्चर होने के निम्नलिखित लक्षण है:-
रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ने से निम्नलिखित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है:-
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के जोखिम कारक निम्नलिखित हो सकते है
यदि किसी कारण वस रीढ़ की हड्डी में चोट आती है तो ये फ्रैक्चर का कारण बन सकती है।
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर से निम्नलिखित उपाय हो सकते हैं:-
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:-
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर उपचार निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:-
नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट - रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इसके दर्द को खुद से ठीक होने में कम से कम 3 माह का समय लगता है। लेकिन इसकी स्थिती में कुछ दिनों में सुधार होने लगता है। दर्द के निवारण के लिए आप नीचे दिए गए उपाय को आजमा सकते हैं:-
दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग - डॉक्टर द्वारा देखने के बाद मेडिकल दुकान के दवाओं का प्रयोग करने से दर्द से राहत मिलती है। लेकिन इन दवाओं का ज्यादा समय तक उपयोग नहीं करना चाहिए ताकी इसकी आदत न लगे।
सर्जरी - यदि आपको बेल्ट पहनने से, आराम करने से या दर्द निवारक दवाएं लेने से भी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर से आराम नहीं मिलता है तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए निम्नलिखित सर्जरी किए जा सकते है।
रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होना एक गंभीर समस्या है और इसका तत्काल इलाज करवाना चाहिए। यदि यह नॉन-सर्जिकल तरीके से ठीक नहीं होता है तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है और यह आपको वित्तीय रूप से काफी प्रभावित करता है। किसी भी तरह की सर्जरी में आपको हेल्थ इंश्योरेंस(Health Insurance) काफी सहायक हो सकता है और आपको सर्जरी के खर्चों में सहायता करता है। हेल्थ इंश्योरेंस आपको हॉस्पिटल के खर्चों से बचाता है और आपको अस्पताल की टेंशन से भी दूर रखता है, साथ ही कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान करता है। आप चाहें तो केयर हेल्थ के ऑप्रेशन मेडिक्लेम प्लान (Operation Mediclaim Plan) को ले सकते हैं और अपने सर्जरी के खर्चों से निजात पा सकते हैं।
>> जाने: शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए क्या खाएं?
डिस्क्लेमर: रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर की समस्या होने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें। इंश्योरेंस प्लान के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। कृप्या ब्रोशर और प्रॉस्पेक्टस को ध्यान पूर्वक पढ़ें।
शुगर कंट्रोल कैसे करे? जानें, डायबिटीज में क्या खाना चाहिए Vipul Tiwary in Health & Wellness
Thyroid : मामूली नहीं हैं महिलाओं में थायराइड होना, जानें इसके लक्षण और घरेलू उपचार Vipul Tiwary in Diseases
हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल कैसे करें? देखें इसके उपाय Vipul Tiwary in Diseases
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण, कारण और इलाज क्या है Vipul Tiwary in Diseases
8 Health Benefits of Apple Cider Vinegar Bhawika Khushlani in Diet & Nutrition
Non-Autoimmune Disease: Types, Symptoms, Causes, and More! Sejal Singhania in Diseases
Pernicious Anaemia and Stomach Cancer: The Connection Explained Sejal Singhania in Diseases
8 Unexpected Mental Health Benefits of Nature You Must Know Jagriti Chakraborty in Mental Health