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Published on 17 Sep, 2025
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4 min Read
Written by Vipul Tiwary
Reviewed by Care Health Insurance
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आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों की वजह से गर्भाधारण करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लगातार कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिलती, तो मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। लोग सोचते हैं कि “क्या उनमें कोई समस्या है?”, “क्या वो कभी मां या पिता नहीं बन पाएंगे?” इस तरह के भावनात्मक यात्रा में, दो मेडिकल विकल्प अक्सर सामने आते हैं – आईयूआई (IUI) और आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया। दोनों प्रक्रियाएं गर्भाधारण में सहायक होती हैं, लेकिन दोनों की जटिलताएं, खर्च, सक्सेक रेट और शारीरिक प्रक्रिया अलग-अलग होती है। आइए जानते हैं, आईयूआई क्या है, आईवीएफ और आईयूआई में क्या अंतर है, आदि। आईवीएफ और आईयूआई दोनों ही बांझपन के आधुनिक तरीके हैं, लेकिन इनकी प्रक्रिया और सफलता दर अलग-अलग होती है।
आईयूआई (इंट्रा यूटेराइन इनसेमिनेशन) एक आधुनिक प्रजनन तकनीक है, जो उन दंपत्तियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें प्राकृतिक रूप से गर्भधारण में कठिनाई हो रही है। IUI का मतलब होता है गर्भाशय के अंदर कृत्रिम गर्भाधान। इसमें पुरुष के स्पर्म को साफ़ और तैयार करके सीधे महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। इससे स्पर्म जल्दी और आसानी से अंडाणु तक पहुँच पाता है और गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
आईवीएफ और आईयूआई के बीच अंतर निम्नलिखित तरीको से समझाया गया है:-
अंतर | IUI (आईयूआई) | IVF (आईवीएफ) |
---|---|---|
फुल फॉर्म | Intrauterine Insemination | In-Vitro Fertilization |
प्रक्रिया | स्पर्म को महिला के गर्भाशय में सीधे डाला जाता है ताकि प्राकृतिक रूप से अंडाणु से मिल सके। | अंडाणु और स्पर्म को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे गर्भाशय में डाला जाता है। |
जटिलता | आसान और कम जटिल | जटिल और कई चरणों वाली |
सफलता दर | 10–20% प्रति चक्र | 40–60% प्रति चक्र (यह महिला की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है) |
कब किया जाता है | हल्की प्रजनन समस्याओं में (जैसे लो स्पर्म काउंट, ओव्यूलेशन समस्या, अनएक्सप्लेंड इंफर्टिलिटी) | गंभीर बांझपन में (जैसे दोनों ट्यूब ब्लॉक होना, लो स्पर्म काउंट, IUI असफल होना, एंडोमेट्रियोसिस आदि) |
समय | प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है | प्रक्रिया 4–6 सप्ताह तक चल सकती है (अंडाणु निकालने से भ्रूण ट्रांसफर तक) |
प्राकृतिक या कृत्रिम | गर्भाधान महिला के शरीर के अंदर प्राकृतिक तरीके से होता है | गर्भाधान शरीर के बाहर लैब में किया जाता है |
आईयूआई उपचार क्या है? आईयूआई एक आसान प्रक्रिया है। गर्भाशय में कृत्रिम गर्भाधान की पूरी प्रक्रिया नीचे विस्तार से बताया गया है:-
सामान्य तौर पर IUI महिलाओं के पीरियड के 11वें से 17वें दिन के बीच किया जाता है। इस समय महिलाओं में ओव्यूलेशन (अंडाणु निकलना) होता है, और यही गर्भधारण का सबसे अच्छा समय होता है। किसी भी महिला के लिए असल दिन हर महिला के चक्र और ओव्यूलेशन पर निर्भर करता है। इसके अलावा डॉक्टर इसका सही दिन पता करने के लिए अल्ट्रासाउंड कराते हैं, ब्लड टेस्ट के द्वारा हार्मोन की जांच करते हैं और कई बार ओव्यूलेशन ट्रिगर इंजेक्शन दिया जाता है जिसमें दवा देकर अंडाणु को तैयार किया जाता है और इंजेक्शन के 24–36 घंटे बाद आईयूआई किया जाता है।
आईवीएफ की तुलना में आईयूआई एक आसान प्रक्रिया है। भारत में आईयूआई कराने का खर्च आम तौर पर ₹10,000 से लेकर ₹15,000 तक हो सकता है,। हालाँकि यह आपकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ₹30,000 से ₹50,000 तक भी जा सकता है, जिसमें दवाएं, जांच और डॉक्टर की फीस सभी चीजें शामिल होती है। आईयूआई की लागत स्थिति के अलग-अलग कारकों जैसे दवाओं की डोज, अल्ट्रासाउंड और अस्पताल के स्थान पर निर्भर करती है।
आज के समय में महिलाओं के गर्भधारण करने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह सारी समस्याएं अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अनियमित खान-पान की वजह से होती है। ऐसे में गर्भाधारण को आसान बनाने के लिए आईवीएफ और आईयूआई जैसे तकनीक का प्रयोग किया जाता है। आईयूआई प्रक्रिया में स्पर्म को महिला के गर्भाशय में सीधे डाला जाता है ताकि प्राकृतिक रूप से अंडाणु से मिल सके और गर्भाधारण किया जा सके। आईवीएफ प्रक्रिया में अंडाणु और स्पर्म को लैब में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे गर्भाशय में डाला जाता है। यह दोनों प्रक्रिया गर्भाधारण करने में सहायक होती है।
आप प्राकृतिक रूप से गर्भाधारण के लिए अपने जीवनशैली और खान-पान का आदतों को सही कर सकते हैं। प्राकृतिक रूप से गर्भाधारण के बाद सही चिकित्सा इलाज के लिए आप मैटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस भी प्राप्त कर सकते हैं, जहां आपको गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल के खर्चों को कवर किया जाता है और आपको मानसिक शांति और वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जाती है। मातृत्व स्वास्थ्य बीमा माँ और बच्चे दोनों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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