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Published on 6 Feb, 2023
Updated on 1 Oct, 2025
10468 Views
3 min Read
Written by Vipul Tiwary
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यदि आप वयस्क हैं तो आपने हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि दोनों में क्या अंतर होता है और कौन सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग स्ट्रेस से जूझते हैं। जिसकी वजह से लोगों में ज्यादातर दिल की बीमारी देखने को मिलती है। पहले ज्यादातर बुजर्गों में दिल की बीमारी होती थी। लेकिन आजकल ये बीमारी सभी उम्र के लोगों में आम हो गई है। इन बिमारियों में अगर समय पर इलाज न मिले, तो व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
वैसे तो कई तरह की बीमारियों से लोगों की जान जाती है। लेकिन दिल की बीमारी में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest vs heart attack)से ज्यादा लोगों की मौते होती है। मगर क्या आप जानते हैं इन दोनों में क्या फर्क है? बहुत ही कम लोग हैं जो दिल का दौरा और कार्डियक अरेस्ट में अन्तर के बारे में जानते होंगे। अक्सर लोग इन दोनों को एक ही बीमारी समझने की भूल करते हैं। चलिए आज हम आपको कार्डिएक अरेस्ट बनाम हार्ट अटैक के बारे में बताते हैं।
किसी भी व्यक्ति के दिल के अंदर सही तरीके से खून नहीं पहुंचने पर दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक होता है। कई बार आपने भी देखा होगा, किसी के छाती पर हाथ रखकर दबाया जाता है। इससे हृदय में ब्लड सर्कुलेशन शुरू हो जाता है। दूसरे और आसान शब्दों में इसे कहें तो दिल के अंदर खून का प्रवाह रुक जाता है जिससे दिल काम करना बंद कर देता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है।
हार्ट अटैक में हृदय धड़कते रहता है। भले ही हृदय की मांसपेशी को खून ना मिल पा रहा हो। जब हार्ट अटैक होता है तो अचानक ही ह्रदय की किसी मांसपेशी में खून का संचार रुक जाता है लेकिन बाकी के शरीर के हिस्सों में खून का संचार होते रहता है। हार्ट अटैक में व्यक्ति होश में रहता है। आप यहां देख सकते हैं, हार्ट अटैक के लक्षण, क्या है।
हार्ट पेशेंट के लक्षण निम्नलिखित है:-
कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब ह्रदय के भीतरी विभिन्न हिस्सों के बीच सूचनाओं का आपसी आदान प्रदान खराब हो जाता है। इस स्थिति में हृदय, शरीर में खून पंप करना बंद कर देता है जिसकी वजह से पेशेंट को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। ज्यादातर मामलों में इस समय मरीज बेहोश हो जाते हैं। कार्डियक अटैक में दिल के अंदर खून का संचार तो होता है लेकिन वो शरीर के बाकी हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता है।
हृदय(दिल) का काम शरीर के सभी हिस्सो तक खून पहुंचाना होता है। खून के जरिए शरीर के सभी अंगो में ऑक्सीजन पहुंचता है। वहीं यदि शरीर के किसी भी हिस्से में खून का संचार न हो तो वो हिस्सा काम करना बंद कर देता है। ऐसे मामलों में दिल धड़कना बंद कर देता है। इस वजह से इंसान बेहोश हो जाता है और सांस नहीं ले पाता है। कार्डियक अरेस्ट के कारण लोगों की मौत भी हो सकती है। कार्डियक अरेस्ट की समस्या उन लोगों को ज्यादा होती है जिन्हें एक बार पहले भी हार्ट अटैक आ चुका है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण निम्नलिखित है:-
हृदय रोग के उपचार इस बात पर निर्भर करते हैं कि एक व्यक्ति किस हृदय स्थिति से पीड़ित है। जटिलताओं को रोकने के साथ-साथ बीमारी को ठीक करने और नियंत्रित करने में दवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। गंभीर हृदय की स्थिति वाले रोगियों में, जहां धमनियों में रुकावट होती है, सर्जरी की आवश्यकता भी हो सकती है।
ऐसे मामलों में हार्ट अटैक और कार्डियक वाले रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि ये पॉलिसी आपके बीमारी के संपूर्ण उपचार के लिए खर्चों को कवर करती है। जिसके कारण आपके उपर वित्तिय रूप से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और आप बीमारी से लड़ने के लिए डटे रहते हैं। केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा दिया गया हार्ट मेडिक्लेम (Heart Mediclaim) वार्षिक हार्ट हेल्थ चेकअप की सुविधा भी प्रदान करता है। यह हदृय की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। जिन लोगों को भी हार्ट संबंधी समस्या है और समय-समय पर इलाज की आवश्यक्ता होती है, उनके लिए यह हेल्थ पॉलिसी बहुत उपयोगी है। उपचार तथा सावधानी के साथ-साथ आप इस बेहतरीन स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकते हैं।
>> जानिए हृदय रोग के लिए हेल्थ इंश्योरेंस क्यों आवश्यक है?
डिस्क्लेमर: हृदय रोग के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।
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