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फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है और यह कितने दिन में ठीक होता है?

  • Published on 29 May, 2023

    Updated on 1 Jun, 2025

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फंगल संक्रमण एक ऐसा संक्रमण है, जो पुरुष, महिला, बच्चे, बुजुर्ग किसी को भी प्रभावित कर सकता है। यह संक्रमण शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है, जैसे- हांथ पर, सिर पर, उंगलियों में, मुंह में या शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है। वैसे सभी प्रकार के फंगस हानिकारक नहीं होते हैं। कुछ छोटे-छोटे फंगस होते हैं जो हवा के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और हमें संक्रमित करते हैं। इसलिए कवकता के इलाज के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। चलिए जानते हैं, फंगल इन्फेक्शन क्या है, फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है, फंगल इन्फेक्शन को जड़ से खत्म कैसे करें? इत्यादि।

फंगल इन्फेक्शन क्या है?

अलग-अलग प्रकार के फंगस जब संक्रमण का कारण बनते हैं, तो उसे फंगल संक्रमण या फंगल इन्फेक्शन कहते हैं। यह इन्फेक्शन आपके इम्यूनिटी को कमजोर करता है। फंगल इन्फेक्शन एक छोटे से दाद-घाव से लेकर जानलेवा इन्फेक्शन जितना बड़ा हो सकता है, जो शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकता है। फंगस कहीं भी हो सकता है, हवा, पानी, मिट्टी, पौधे, इत्यादि।

कई तरह के कवक(फंगस) ऐसे भी है, जो हमारे शरीर में भी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ अच्छे भी होते हैं और कुछ हानिकारक भी। हानीकारक वाले फंगस को जल्दी हटाना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि ये किसी भी माहौल में जिंदा रह सकते हैं। क्या आप जानते हैं, फंगल इन्फेक्शन कैसे दिखता है? फंगल इंफेक्शन शरीर के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से दिखता है। यह दानों की तरह भी हो सकता है या त्वचा पर लाल, उभरी हुई या सूजन के रूप में दिखाई दे सकता है।

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण क्या है?

फंगल संक्रमण शरीर के किस हिस्से पर हुआ है, इसके आधार पर लक्षण भिन्न हो सकते हैं। त्वचा पर होने वाले सामान्य लक्षण निम्नलिखित है:-

  • त्वचा पर रैशेज होना
  • स्किन के उपर पपड़ी आना या खाल निकलना
  • संक्रमण वाले हिस्से पर खुजली या दर्द होना
  • त्वचा का लाल होना
  • त्वचा पर दाने निकलना
  • स्किन से सफेद पाउडर की तरह पदार्थ आना
  • त्वचा में दरारे होना

फंगल इन्फेक्शन के कारण क्या है?

जैसा की उपरोक्त भागों में बताया गया है कि फंगस कहीं भी हो सकते हैं जैसे- हवा, पेंड-पौधे, पानी, मिट्टी इत्यादि। यहां हम बात करेंगे फंगल इन्फेक्शन होने के कई कारणों के बारे में, जो उन्हें बढ़ने में मदद करते हैं:-

  • कमजोर इम्यून सिस्टम फंगल इन्फेक्शन के प्रमुख कारण है।
  • ज्यादा नम या गर्म वातावरन के साथ नम त्वचा क्षेत्र भी इस संक्रमण का एक कारण है।
  • आनुवांशिक कारक या पारिवारिक इतिहास भी फंगल इन्फेक्शन का कारण हो सकता है।
  • फंगल इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी संक्रमण आपको हो सकता है।
  • अक्सर छोटे बच्चों में नैपी रैशज भी होते हैं, जब बच्चा लंबे समय तक गीली नैपी पैड पहने रहता है।

प्राइवेट पार्ट में फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन्फेक्शन की मुख्य वजह प्राइवेट पार्ट को साफ न रखना है। जिसके कारण उनमें कई तरह के फंगस, वायरस और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। और इसके नाम पर बीते कुछ सालों में ‘इंटीमेट केयर प्रोडक्ट्स’ का एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है। लेकिन, यदि प्राइवेट पार्ट के हाइजीन की बात करें तो सारा ध्यान महिलाओं पर चला जाता है, जबकि पुरुषों में संक्रमण फैलने का रिस्क ज्यादा होता है। प्राइवेट पार्ट में फंगल इन्फेक्शन के कारण निम्नलिखित है:-

  • प्राववेट पार्ट में स्वच्छता का ध्यान नहीं रखना।
  • असुरक्षित यौन संबंध
  • सेक्सुअल एक्टिविटी में हाइजीन मेंटेन नहीं करना।
  • प्राइवेट पार्ट में रोजाना साबुन, क्रिम इत्यादि का इस्तेमाल करना।
  • गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन भी प्राइवेट पार्ट में फंगल इन्फेक्शन के जोखिम को बढ़ा सकता है।
  • टाइट कपड़े पहनने से प्राइवेट पार्ट में गर्मी और नमी बनी रहती है, जो फंगल के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।

फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए?

फंगल इन्फेक्शन में निम्नलिखित चीजों को खाना चाहिए, जिससे आपको राहत मिलती है:-

  • नारियल तेल - नारियल तेल को अपने डाइट में शामिल करें। यह एक एंटी-माइक्रोबियल डाइट है, जिसमें कई और भी फायदे होते हैं। इसमें लॉरिक एसिड और कैप्रीलिक एसिड तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है, जो इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
  • लहसुन - फंगल इन्फेक्शन में लहसुन का सेवन बहुत लाभकारी होता है। इसमें एलिसिन नामक पदार्थ ज्यादा होते हैं, जो फंगस और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। आप फंगल इन्फेक्शन के लक्षणों को कम करने के लिए, खाली पेट लहसुन का सेवन कर सकते हैं। आप गुनगुने पानी के साथ लहसुन की 1-2 कलियों का सेवन कर सकते हैं, ऐसा करने से फायदा मिलता है।
  • अदरक - अदरक में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो आपको फंगल इन्फेक्शन में राहत प्रदान करते हैं। आप फंगल इन्फेक्शन को बढ़ने से रोकने के लिए खाली पेट सुबह में अदरक का सेवन कर सकते हैं। आप अदरक को काढ़ा या रस के रूप में पी सकते हैं।
  • हल्दी - हल्दी एक शक्तिशाली एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट होता है। इसमें करक्यूमिन पाया जाता है। हल्दी का सेवन संक्रमण आदि को कम करने में मदद करता है। आप इसका सेवन दाल, सब्जी में करने के अलावा दूध में भी हल्दी डालकर सेवन कर सकते हैं।

>>इसे भी देखें - ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

फंगल इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए?

कई खाद्य-पदार्थ ऐसे होते हैं, जिसे आपको फंगल इन्फेक्शन होने पर परहेज करना चाहिए। देखें, निम्नलिखित चीजों से आपको बचने की कोशिश करनी चाहिए:-

  • फंगल इन्फेक्शन के मामलों में आपको हाई शुगर खाद्य-पदार्थ के सेवन से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
  • ऐसे में आपको काजू, पिस्ता इत्यादि का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
  • ग्लूटेन वाले खाद्य पदार्थ से भी आपको बचना चाहिए, जैसे- जौ, गेहूं, राई इत्यादि।
  • रिफाइंड तेल से भी परहेज करनी चाहिए, यह आपके फंगल इन्फेक्शन को बढ़ा सकता है।

फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

फंगल इन्फेक्शन को ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह इन्फेक्शन की स्थिती और गंभीरता पर निर्भर करता है। दवाइयों का असर सभी व्यक्तियों में अलग-अलग होता है। आमतौर पर इन्फेक्शन को ठीक होने में, कुछ दिन से लेकर कुछ सप्ताह का समय लग सकता है। फंगल इन्फेक्शन आपको दोबारा कभी-भी हो सकता है। एंटीफंगल दवाओं का नियमित रूप से प्रयोग करने पर, लगभग सात दिनों में इसका असर दिखने लगता है। साथ ही, कुछ मामले में डॉक्टर आपको ज्यादा समय तक दवाईयों का सेवन करने के लिए बोल सकते हैं।

फंगल का घरेलू उपचार क्या है?

फंगल इन्फेक्शन का घरेलू इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:-

  • लहसुन - लहसुन में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने में बहुत प्रभावी होता है। लहसुन का नियमित रूप से सेवन आपको इंफेक्शन से बचाने में सहायक होता है।
  • तुलसी - तुलसी के पत्तों में भी एंटी-वायरल. एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाए जाते हैं, जो आपको संक्रमण से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप तुलसी के पत्तियों को पीस कर पस्ट बना सकते हैं और इंफेक्शन वाली जगह पर लगा सकते हैं।
  • दही - किसी भी तरह के फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए दही का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला गुड बैक्टीरिया यानी प्रोबायोटिक फैक्टर, आपके पेट को हेल्दी रखने के साथ-साथ दूसरे इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इससे आपकी इम्यून सिस्टम की मजबूती भी बनी रहती है।
  • टी ट्री ऑयल - टी ट्री ऑयल में भी नेच्युरल एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं, जो आपके फंगल संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं। आप इसके तेल को नारियल तेल में मिक्स कर के लगा सकते हैं।
  • हल्दी - हल्दी में एंटीफंगल, एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो आपको किसी भी संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं या संक्रमण वाली जगह पर हल्दी का लेप लगा सकते हैं। इसके हीलिंग गुण आपकी समस्या को ठीक करने के साथ दोबारा होने से भी रोकती है।

सारांश

फंगल इन्फेक्शन एक तरह का ऐसा संक्रमण है, जो जीवन में एक बार लगभग सभी को होता है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है और शरीर में कहीं भी हो सकता है। इसमें शरीर के त्वचा पर पपड़ीदार परत, खुजली, लाल चकत्ते इत्यादि हो सकते हैं। इसे ठीक होने में कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महिनों का समय लग सकता है। यह ठीक होने के बाद वापस कभी भी हो सकता है।

फंगल इन्फेक्शन होने पर आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए, जो इसे बढ़ावा दे सकते हैं। और कुछ खाद्य-पदार्थ ऐसे भी हैं जो संक्रमण को कम कर सकते हैं, जैसे- लहसुन, हल्दी, अदरक, इत्यादि। वैसे भी, आज के दौर में चिकित्सा व्यवस्था की महंगाई को देखते हुए सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक अच्छा विचार है, जो आपको किसी भी आपात स्थिति में वीत्तिय रूप से सहायता प्रदान करता है। आप केयर हेल्थ के फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को ले सकते हैं, जहां किसी भी गंभीर बीमारियों के लिए, अस्पताल के खर्चों को कवर किया जाता है।

डिस्क्लेमर: फंगल इन्फेक्शन से जुड़े किसी भी तरह के नुस्खे या दवा को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें। स्वास्थ्य बीमा के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान फायदे और कवरेज अलग-अलग हो सकते हैं। कृपया सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।

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