ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

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ब्लड इन्फेक्शन क्या है? जानें, इसके लक्षण और इलाज

क्या आप जानते हैं, ब्लड में इन्फेक्शन कैसे होता है? ब्लड इन्फेक्शन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो शरीर में संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है। यह आपके शरीर में कई घातक बीमारियों को जन्म दे सकती है। इसके कारण शरीर के कई अंग भी काम करना बंद कर देते हैं। इसलिए ब्लड इन्फेक्शन को लेकर सतर्कता बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं, ब्लड इन्फेक्शन क्या है? इसके लक्षण और कारण क्या है? शरीर में इन्फेक्शन कैसे होता है? खून में इन्फेक्शन का इलाज कैसे करें? इत्यादि।   

ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) क्या है? 

ब्लड में इन्फेक्शन तब होता है, जब आपके ब्लड में कोई संक्रमण हो। इस स्थिति को सेप्सिस या सेप्टिसीमिया के नाम से भी जानते हैं। ब्लड इन्फेक्शन तब होता है जब ब्लड में घूलने वाले रासायन के कारण शरीर में सूजन के साथ जलन पैदा होने लगती है। इसकी वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव उत्पन्न होने लगते हैं। जिसमें शरीर के कई अंग प्रभावित होते है, और काम करना बंद भी कर सकते हैं।   

सेप्सिस यदि सेप्टिक शॉक का रूप ले लेता है तो ब्लड प्रेशर अचानक कम होने लगता हैं, और मृत्यु भी हो सकती है। सेप्टिक शॉक वो होता है, जिसमें इन्फेक्शन बहुत ज्यादा फैल जाता है और शरीर के कई अंग प्रतिक्रिय करना बंद कर देते है। ब्लड इंफेशन किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह समस्या बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है। ब्लड इन्फेक्शन की शुरुआती इलाज में पेशेंट को एंटीबायोटिक्स और नसों में तरल पदार्थ दिए जाते हैं ताकि हालत गंभीर होने से बचाया जा सके। 

ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) के लक्षण क्या है?

ब्लड इन्फेक्शन को तीन चरणों में बांटा गया है, पहला शुरुआती सेप्सिस, दूसरा गंभीर सेप्सिस तीसरा सेप्टिक शॉक। ऐसे में शुरुआत में ही सेप्सिस का उपचार कराएं।

खून में इन्फेक्शन होने के लक्षण, शुरुआती दौर में

  • एक मिनट में 20 बार से ज्यादा सांस लेना
  • बॉडी टेम्परेचर में बदलाव 
  • एक मिनट में 90 से ज्यादा बार दिल धड़कना 

ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण, स्थिति गंभीर होने पर

  • कठिनाई से सांस लेना
  • मानसिक स्वास्थ्य में अचानक परिवर्तन
  • यूरीन कम आना
  • पेट दर्द
  • दिल का असामान्य रूप से धड़कना

सेप्टिक शॉक के लक्षण

  • सेप्टिक शॉक के लक्षण भी गंभीर खून में इन्फेक्शन होने के लक्षण जैसा ही होता है, साथ में इसमें ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है।

ब्लड इन्फेक्शन के कारण क्या है?

अंडर रिएक्शन(इम्यून सिस्टम सही तरीके से काम नहीं करता है) या ओवर रिएक्शन(वायरस इम्यून सिस्टम के प्रति हानीकारक ट्रिगर के रूप में काम करता है) के कारण यह इंफेकशन हो सकता है। ब्लड इन्फेक्शन का मुख्य कारण बैक्टीरियल संक्रमण माना जाता है। लेकिन यह कई अन्य संक्रमण से भी हो सकता है। निमोनिया, मेनिन्जाइटिस, यूरिन इन्फेक्शन, अपेंडिसाइटिस आदि जैसे गंभीर बीमारी वाले लोगों में भी ब्लड इन्फेक्शन के जिखिम ज्यादा होते हैं। बैक्टीरिया, सर्जिकल कट, स्किन अल्सर के माध्यम से भी यह फैल सकता है।

ब्लड इन्फेक्शन किसे हो सकता है?

  • छोटे बच्चे
  • वृद्ध लोग
  • इम्यून सिस्टम कमजोर करने वाली दवाईयों का सेवन करने वाले लोग
  • डायबिटीज पेशेंट
  • सर्जरी पेशेंट

ब्लड इन्फेक्शन से कैसे बचें?

यदि आप ब्लड इन्फेक्शन के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो आपको तत्काल डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। ब्लड इन्फेक्शन को फैलने से रोकने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं। 

  • वैक्सीनेशन - नियमित रूप से वैक्सीनेशन कराते रहें।
  • स्वच्छता - अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें। सर्जरी कट या जखमों की साफ-सफाई करते रहें।
  • इम्यून सिस्टम - जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, उनको विशेष ध्यान देना चाहिए। सम्बन्धित लक्षणों का पता चलते ही डॉक्टर को दिखाएं।
  • किसी भी प्रकार के बाहरी चोट और खरोच के लिए अपने फैमिली डॉक्टर से परामर्श करते रहें। 
  • अपने छोटे से छोटे घाव की अच्छे से ड्रेसिंग करें और उचित एंटीसेप्टिक उपाय करें।
  • डॉक्टर से परामर्श किए बिना किसी भी दवा या एंटीबायोटिक का उपयोग न करें।

ब्लड इन्फेक्शन का इलाज कैसे करें?

क्या आप जानते हैं, खून में इन्फेक्शन कैसे ठीक होता है? ब्लड में इन्फेक्शन यानी सेप्सिस के लिए तत्कालिक उपचार बहुत अच्छा माना जाता है। जिन लोगों को गंभीर सेप्सिस होता है, उन्हें बहुत करीब से उपचार और देखभाल करने की जरूरत होती है। यदि किसी को गंभीर सेप्सिस है या सेप्टिक शॉक है तो उन्हें सपोर्ट सिस्टम पर भी रखा जा सकता है(जैसे- अलग से ऑक्सीजन सपोर्ट और नसों में तरल पदार्थ देना, इत्यादि), ताकि हृदय और श्वास के कार्यों को जारी रखा जा सके। 

यदि मरीज को सेप्सिस होने की संभावना है, तो डॉक्टर आपको निम्नलिखित टेस्ट करने को बोल सकते हैं:-

  • शरीर में मौजूद किसी भी द्रव(ब्लड, यूरीन) में बैक्टीरिया की जांच हो सकती है।
  • ब्लड में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद एसिड 
  • इन्फेक्शन श्रोत का पता लगने के लिए सीटी स्कैन, एक्स-रे, अलट्रासाउंड इत्यादि का उपयोग किया जा सकता है।
  • प्लेटलेट की संख्या में कमी
  • ब्लड में व्हाइट ब्लड सेल का लेवल कम या ज्यादा होना
  • किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट

जांच के बाद, यदि पता चलता है कि आपको ब्लड इन्फेक्शन (सेप्सिस) है, तो डॉक्टर आपको आईसीयू(ICU) में एडमिट होने की सलाह दे सकते हैं। जहां आपके संक्रमण को रोकने की कोशिश की जाती है और शरीर के जरूरी कार्यों वाले अंग और ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच की जाती है। 

इसके बाद जब ब्लड में इन्फेक्शन के कारण का पता चल जाता है, तो बीमारी के बैक्टीरिया को खत्म करने वाली दवाई दी जाती है। यदि किसी मामले में सेप्सिस गंभीर होता है तो अन्य प्रकार का उपचार भी किया जा सकता है।

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ब्लड इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए?

ब्लड में इन्फेक्शन को दूर करने के लिए, इलाज के साथ-साथ अपने आहार पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, आइए जानते हैं, ब्लड इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए:- 

  • विटामिन सी और विटामिन डी को अपने आहार में शामिल करें - बल्ड में इन्फेक्शन के मामले में विटामिन सी और डी शामिल करने से आपको बहुत फायदा हो सकता है। विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ खट्टे फल जैसे नींबू, आंवला, संतरा, ब्रोकली आदि को अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। विटामिन डी के लिए आप दूध, अंडा, मछली आदि का सेवन कर सकते हैं, साथ ही आप विटामिन डी के लिए थोड़े देर धूप में खड़े रह सकते हैं। अपने आहार में प्रोबायोटिक्स को भी शामिल कर सकते हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ - इन्फेक्शन के मामले में आप एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं, जैसे- डार्क चॉकलेट, बीन्स, चुकंदर, हल्दी, ग्रीन टी, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी इत्यादि। 
  • बीटा कैरोटीन खाद्य पदार्थ भी बहुत जरूरी है, जैसे- केला, पालक, गाजर, शकरकंद, जड़ वाली सब्जियां और साग इत्यादि।
  • विटामिन ई - खाद्य पदार्थ जैसे एवोकाडो, नट्स और बीज, पालक, साग, हरी पत्तेदार सब्जियां इत्यदि विटामिन ई से भरपूर होती है। अपनी डाइट में आप इसे शामिल कर सकते हैं।

ब्लड इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है?

ब्लड इन्फेक्शन का सही समय पर इलाज शुरु होने के बाद 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। इन्फेक्शन का पता चलने के लगभग एक घंटे के भीतर एंटीबायोटिक उपचार की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए। अंतःशिरा एंटीबायोटिक दवाएं  लगभग 3-4 दिन में टेबलेट से बदला जाता है। ब्लड इन्फेक्शन की गंभीरता के आधार पर ठीक होने का समय बढ़ भी सकता है। यदि सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो स्थिति बदतर हो सकती है और शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं, और साथ ही और भी कई समस्याएं पैदा हो सकती है।

सारांश:- ब्लड इन्फेक्शन को सेप्सिस भी कहते हैं। बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी जैसे सूक्ष्मजीव जब हमारे शरीर में कहीं से आ जाते है तो संक्रमण होता है। संक्रमण लक्षण और बिना लक्षण दोनों तरह के हो सकते हैं। इन्फेक्शन की स्थिति के आधार पर लक्षण अलग-अलग होते हैं। टिकाकरण और दवाईओं के माध्यम से आपके शरीर में इन्फेक्शन का इलाज किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि आप शुरुआती दौर में ही डॉक्टर से परामर्श करें। इसके अलावा आप कुछ बातों का ध्यान रखकर भी ब्लड इन्फेक्शन से बचाव कर सकते हैं, जैसा की उपरोक्त भाग में बताया गया है।  

हालांकि, आप स्वास्थ्य समस्याओं के खर्चों के बोझ से बचने के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंश पॉलिसि भी ले सकते हैं। इस तरह की बीमारियों के लिए आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Plan) को खरीद सकते हैं। यहां, आप वित्तिय बोझ की चिंता किए बिना, नेटवर्क हॉस्पिटल में अपना उपचार आसानी से करा सकते हैं। 

डिस्क्लेमर: ब्लड इन्फेक्शन से जुड़े कोई भी लक्षण या संकेत मिलने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श करें। इंश्योरेंस प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।




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