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विश्व जनसंख्या दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

  • Published on 4 Jul, 2025

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विश्व जनसंख्या दिवस हर साल पूरी दुनिया में 11 जुलाई को मनाया जाता है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी और घनी आबादी वाला देश है। जनसंख्या के मामले में यह सिर्फ चीन से पीछे हैं और भविष्यवाणी की जाती है कि आने वाले समय में यह चीन को भी पीछे छोड़ सकता है। 2030 तक भारत को सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनने की संभावना है। यदि हम बात करें दुनिया के जनसंख्या की तो, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार आने वाले समय में दुनिया की जनसंख्या बहुत तेजी बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के आधार पर साल 2050 तक अनुमानित जनसंख्या 9.7 बिलियन तक पहुंच सकती है। आइए जानते हैं, विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है।

विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास क्या है?

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा 1989 में की गई थी। अधिकारिक तौर पर इसका पहला उत्सव 11 जुलाई, 1990 में मनाई गई, जिसमें कुल 90 से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था। 1987 तक विश्व की जनसंख्या 5 अरब के करीब पहुंच गई थी और इस बढ़ती जनसंख्या की रफ्तार और समस्याओं को लेकर देशों को चिंता होने लगी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या विस्फोट, परिवार नियोजन, गरीबी और जनसंख्या, मानवाधिकार, लैंगिक समानता और मातृ स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है।

विश्व जनसंख्या दिवस 2025 थीम क्या है?

विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम है, युवा वर्ग को ऐसा समर्थ बनान, जहां वे निष्पक्ष और आशाजनक दुनिया में अपने मनचाहे परिवार की रचना कर सकें। इसका मतलब है कि युवा वर्ग को अपने भविष्य बनाने में मदद करना है, की कब परिवार शुरू करें, कितने बच्चे हो और कैसे हेल्दी और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं। ये सभी चीजें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सहायता तक समानता पर भी ध्यान केंद्रित करती है। ताकि वे एक निष्पक्ष और सुरक्षित दुनिया में अपने सपनों का दुनिया बना सकें।

विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व और उद्देश्य क्या है?

विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य उद्देश्य बढ़ती जंनसंख्या के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना है और जनसंख्या से जुड़े मामलों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना है। इसमें संसाधनों का सही उपयोग, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा, असमानता, गरीबी, सतत विकास जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना शामिल है। जनसंख्या वृद्धी में परिवार नियोजन बहुत मजबूत कड़ी है। विश्व जनसंख्या दिवस के उद्देश्य और महत्व को हम निम्नलिखित तरीकों से समझ सकते हैं।

जनसंख्या विस्फोट

जनसंख्या विस्फोट का सिधा सा अर्थ है किसी क्षेत्र या देश की जनसंख्या का तेज गती से या अचानक बढ़ जाना। इसमें जन्म दर बहुत ज्यादा होती है और मृत्यु दर कम होती है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या कई समस्याओं को पैदा करती है, जैसे- संसाधनों की कमी, पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, जीवन स्तर में कमी, इत्यादि है। ऐसे में विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य इन तमाम समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करना और समाधान का उपाय बताना है।

महिला सशक्तिकरण

परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के मामलों में महिलाओं का मुख्य रोल होता है। इस दिन महिलाओं को उनके अधिकार को लेकर जागरूकता फैलाई जाती है। यदि महिलाएं अपने जीवन, स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़े फैसला लेने के काबिल होती हैं, तो वह न केवल अपने परिवार को बल्कि पूरे समाज के भविष्य को सकारात्मक दिशा प्रदान करती है।

परिवार नियोजन

विश्व जनसंख्या दिवस का मुख्य उद्देश्य परिवार नियोजन के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। परिवार नियोजन को फैमिली प्लानिंग भी कहते हैं। परिवार नियोजन समय की मांग है। इसमें व्यक्ति को अपने बच्चों की संख्या और उनके बीच के अतंराल को समझना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए गर्भनिरोधक विधियों को अपनाया जा सकता है, जो अनचाहे गर्भधारण को रोकने और दो बच्चों के बीच के अंतराल को रखने में कारगर साबित होता है। इसमें फैमिली प्लानिंग को लेकर उचित योजना बनाई जानी चाहिए। परिवार नियोजन के दो पहलु है, स्वास्थ्य योजना और वत्तीय योजना।

  • स्वास्थ्य योजना - परिवार नियोजन में जनसंख्या नियंत्रण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य का ख्याल रखना होता है। इसमें महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर विचार होता है। किसी भी महिला का शरीर जन्म देने के लिए तैयार होना चाहीए नहीं तो गर्भाधारण से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। अनचाहे गर्भाधारण को रोकने के लिए गर्भ निरोधक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। गर्भावस्था में मां और बच्चे के स्वास्थ्य का भरपूर ख्याल रखना चाहिए। दूसरे गर्भाधारण के बीच कुछ सालों का अंतराल होना चाहिए। यह महिला के शरीर में पोषक-तत्वों की कमी को पूरा करता है। मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बच्चे के जन्म से पहले और बाद में दोनों का स्वास्थ्य देखभाल की जानी चाहिए।
  • वित्तीय योजना - वित्तीय योजना परिवार के भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बनाने में सहायता करती है। परिवार बढ़ने पर मां और बच्चे के सही स्वास्थ्य के लिए बार-बार हॉस्पिटल के चक्कर लगाने की जरूरत पड़ सकती हैं। स्वास्थ्य जांच की जरूरत हो सकती है। आज के समय में अस्पताल में डिलिवरी की लागत बढ़ चुकी है। अस्पताल में भर्ती होने से लेकर दवाएं, टेस्ट और कई तरह की सुविधाएं है जिसके खर्चे का खास ध्यान रखना पड़ता है। परिवार में बच्चे का आना मां-पिता के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चे के आने के साथ ही यह सुनिश्चित करना होता है कि बच्चे को सही परवरिश, पर्याप्त शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ मिले। और आज के समय में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों ही महंगे हैं। ऐसे में वित्तीय योजना आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है। यहां पर स्वास्थ्य बीमा योजनाएं आपके वित्तीय योजना को सफल बनाने में कारगर है।

परिवार के लिए स्वास्थ्य बीमा योजनाएं क्या है?

वित्तीय नियोजन में स्वास्थ्य बीमा एक जरूरी पहलू है। किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित स्वास्थ्य समस्याओं के भारी खर्चों से बचने के लिए स्वास्थ्य बीमा लेना महत्वपूर्ण कदम है। अपने या अपने परिवार के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आप व्यक्तिगत या फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं। यह आपके परिवार नियोजन में वित्तीय योजनाओं को संतुलित रखने में सहायक होता है। आज के समय में परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आसानी से ऑनलाइन खरीदी जा सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखें, जैसे- प्रीमियम कम और कवरेज ज्यादा हो, नेटवर्क हॉस्पिटल की संख्य ज्यादा हो, बाकी कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो। इसके अलावा आप बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के लिए इसकी दूसरे प्लान्स के साथ तुलना करें, इत्यादि।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।

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