जब भी शरीर में कोई शारीरिक समस्या या परेशानी होती है, तो यह किसी न किसी बीमारी की ओर संकेत करती है। ऐसी ही एक बीमारी है डायबिटीज, जिस पर शुरू में ध्यान नहीं दिया जाए, तो समय के साथ यह बीमारी गंभीर हो सकती है। वैसे तो डायबिटीज एक आम बीमारी है, लेकिन जब यह गंभीर हो जाती है तो हार्ट से लेकर किडनी तक, सभी प्रभावित हो जाते हैं।
डायबिटीज लंबे समय तक चलने वाली स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें रोगी के ब्लड में शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है और यह किडनी को प्रभावित करती है। किडनी वह अंग है, जो ब्लड को छानने और हमारे शरीर से अपशिष्ट को हटाने के लिए जिम्मेदार होता हैं। हालांकि, जब उनके कार्य में गड़बड़ी हो जाती है, तो अनियंत्रित डायबिटीज से किडनी फेलियोर भी हो सकता है।
ऐसे मामले में, डायलिसिस, दवाओं और प्रत्यारोपण के रूप में उपचार की आवश्यकता हो सकती है। खर्च के बारे में तनाव-मुक्त रहने के लिए, हेल्थ इंश्योरेंस को खरीदना बेहतर विकल्प है। डायबिटीज के लिए हेल्थ इंश्योरेंस में, सभी संबंधित उपचारों को कवर किया जाता है।
डायबिटीज रोगियों में किडनी की बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, इसका उपचार जटिलताओं के विकास को रोकने के लिए किया जाता है। आप अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव कर के समस्याओं को कम कर सकते हैं।
डायबिटीज के रोगियों में, हाई ब्लड शुगर का स्तर शरीर में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। यह किडनी के सामान्य कार्यों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इस क्षति के कारण, किडनी ब्लड को ठीक से फिल्टर करने में असमर्थ होती हैं और शरीर के ब्लड में अपशिष्ट पदार्थों के साथ अतिरिक्त पानी और सॉल्ट बने रह जाते हैं। ऐसी स्थिति से प्रभावित लोगों के यूरीन सैंपल में प्रोटीन की उपस्थिति हो सकती है।
डायबिटीज से तंत्रिका क्षति भी हो सकती है और मूत्राशय (ब्लैडर) को खाली करने की शरीर की क्षमता प्रभावित हो सकती है। ब्लैडर पर जो दबाव बनता है, उससे आगे चलकर किडनी को चोट पहुंच सकता है। इसके अलावा, अधिक समय तक शुगर युक्त यूरीन की उपस्थिति से बैक्टीरिया के तेजी से बढ़ने के कारण संक्रमण (इन्फेक्शन) हो सकता है।
केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा ‘केयर फ्रीडम’ (डायबिटीज इंश्योरेंस) जैसी स्वास्थ्य योजनाओं में डायबिटीज के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ कवरेज की पेशकश की जाती है, जिसमें डायलिसिस कवर प्रति 1,000 तक प्रतिदिन 24 महीने तक सीमित है।
यूरीन टेस्ट, ब्लड प्रेशर जांच, ब्लड टेस्ट, किडनी अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी सहित विभिन्न नैदानिक परीक्षणों के माध्यम से किडनी की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।
रोग की पुष्टि होने के बाद, डॉक्टर उपचार की सिफारिश कर सकता है जो आमतौर पर जरूरी होता है, क्योंकि इससे किडनी खराब होने लगते हैं। शुरुआती चरणों में, दवाएं प्रभावी हो सकती हैं और डायबिटीज रोगियों में हाई ब्लड शुगर, रक्तचाप और अन्य हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए इसकी आवश्यकता हो सकती है।
अंततः जब किडनी फेल हो जाती है तो डायलिसिस उपचार की आवश्यकता हो सकती है, जो कि सप्ताह में एक बार या उससे अधिक बार हो सकती है, यह स्थितियों पर निर्भर करता है। अन्य समाधान में किडनी ट्रांसप्लांट द्वारा इसे कंट्रोल किया जाता है। किडनी ट्रांसप्लांट में खराब किडनी को हेल्दी किडनी के साथ बदल दिया जाता है।
डायबिटीज में किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज में मरीज को काफी खर्च हो सकता है। किसी भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा दी गई सबसे अच्छी सलाह यह है कि, ऐसी बीमारियों की शुरुआत को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएं। यह निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
बीमारी से निपटने के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी भी ले सकते हैं। जहां आप चिंता मुक्त हो कर इस गंभीर बीमारी के वित्तीय संकट से बच सकते हैं। आप केयर हेल्थ के क्रिटिकल इंश्योरेंस प्लान को चुन सकते हैं और कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में अपना इलाज करा सकते हैं। इसमें आपको डे केयर ट्रीटमेंट से लेकर एक साथ कई बीमारियों के लिए कवरेज मिलती है। यहां आप अपने सुविधानुसार अपने इंश्योरेंस प्लान का चुनाव कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: डायबिटीज में किडनी संबंधी कोई परेशानी होने पर आप डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें। हेल्थ कवरेज के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है। प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
Published on 28 Sep 2023
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