शादी के तीन साल बाद, अदिति और समय ने, पितृत्व में प्रवेश करने का फैसला किया। पर एक साल तक इंतेज़ार करने के बाद भी जब उन्हे संतान सुख ना प्रापत हो सका तो दोनो ने डॉक्टर से परामर्श करना उचित समझा। और जल्द ही, अदिति को एक गंभीर इनफर्टिलिटी (बांझपन) की समस्या का पता चला । उसकी स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया की उसके केस में एक सर्जरी करना अत्यंत आवशक है । अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर भरोसा करते हुए, उसने शहर के सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटल में भारती होना उचित समझा । सर्जरी के बाद, हॉस्पिटल के बिल भुगतान के समय उन्हें यह पता चला की उसका दावा उसकी बीमा कंपनी ने खारिज कर दिया है । अदिति और समय के पेरो तले ज़मीन ही खिसक गयी । उन्हें हॉस्पिटल का सारा खर्च अपनी जेब से ही देना पड़ा । इस घटना का उनके जीवन और वित्त पर काफ़ी घहरा प्रभाव पड़ा। बाद में, उन्हें पता चला कि इनफर्टिलिटी (बांझपन) का उपचार बीमा कंपनी के एक्सक्लूषन्स के तहत आता है जिसके अंतर्गत वह प्रतिपूर्ति पाने की हकदार नहीं थी।
इसलिए, इस तरह की भ्रांतियों से बचने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें और जाने कि स्वास्थ्य बीमा के तहत किस प्रकार की बीमारियाँ शामिल नहीं होती हैं। लेकिन, इससे पहले आइए समझते हैं कि क्या होता है हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूषन्स?
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ये ऐसी स्थितियाँ,मामले, मेडिकल प्रोसीजर्स, ट्रीट्मेंट्स, बीमारियाँ, आदि हैं जो IRDA द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा दावा नीति के अंतर्गत नहीं आते हैं। बीमा प्रदाता के पास इस दावे को अस्वीकार करने का पूर्ण अधिकार है। यदि आप ऐसी किसी भी कारण की वजेह से अस्पताल में भरती होते हैं जो एक्सक्लूषन्स के अंदर आते हैं तो आपको अस्पताल और दवाओं का खर्च खुद से ही उठना पड़ेगा। आगे पढ़ें हेल्थ इन्शुरन्स क्या कवर नहीं करती:
पहले से मौजूद रोग (प्री एग्ज़िस्ट्ग डिसीज़स): किसी भी बीमारी का निदान / किसी घटना की सर्जरी / घटना से गुजरना, जिसके संकेत या लक्षण पहली बार पॉलिसी अवधि के 30 दिनों के भीतर शुरू होते हैं।
स्व-संक्रमित चोट (सेल्फ़ इनफ्लिक्टेड इंजुरी): आत्म लगी चोट जैसे कि आत्महत्या, आत्महत्या का प्रयास, आदि के लिए व्यय।
शराब के सेवन के कारण चोट लगना: शराब या नशीली दवाओं के उपयोग / दुरुपयोग / दुरुपयोग के लिए उत्पन्न या होने वाले खर्च।
संचरित रोग (ट्रॅन्स्मिटेड डिसीज़स): एड्स और अन्य संचरित रोगों के उपचार के लिए चिकित्सा व्यय।
गर्भावस्था उपचार: गर्भपात और इसके परिणामों से उत्पन्न होने वाले उपचार।
बांझपन उपचार (इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट): बांझपन और इन विट्रो निषेचन से संबंधित परीक्षण और उपचार का दावा नहीं किया जा सकता है।
जन्मजात रोग: जन्मजात बीमारी के लिए किए गए खर्च भी स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत नहीं आते हैं। ये जन्म के दोष के कारण होने वाली बीमारियां या विकलांगता हैं।
स्थायी बहिष्करण (पर्मनेंट एक्सक्लूषन्स): युद्ध, दंगा, हड़ताल और परमाणु हथियारों से प्रेरित अस्पताल में भर्ती को स्थायी बहिष्करण माना जाता है।
कॉस्मेटिक सर्जरी: प्लास्टिक सर्जरी, कॉस्मेटिक उपचार और प्रत्यारोपण भी बीमा पॉलिसी के अंतर्गत नहीं आते हैं।
>>क्लिक करें पढ़ने के लिए कैसे करें हेल्थ इंश्योरेंस में क्लेम सेटल्मेंट?
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी एक वित्तीय सहायता है जो आपके स्वास्थ्य खर्चों को कवर करती है। हालांकि, बीमा प्रदाताओं के लिए सभी प्रकार की बीमारियों को कवर करना मुश्किल है। इसलिए, हेल्थ इन्शुरन्स एक्सक्लूषन्स एक पॉलिसीधारक को जिम्मेदारी देता है कि वह छोटे मेडिकल खर्चों के खिलाफ दावा न करे। यदि आप स्वास्थ्य बीमा का विकल्प चुनने की योजना बना रहे हैं, तो केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा दी जाने वाली केयर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को प्राथमिकता दें । जिसमें आपको मिलता है अधिकतम कवरेज व न्यूनतम एक्सक्लूषन्स।
डिस्क्लेमर: प्लान की सुविधाएँ, लाभ और कवरेज भिन्न हो सकते हैं। कृपया ब्रोशर, सेल्स प्रोस्पेक्टस, नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें।
Published on 24 Mar 2023
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