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Published on 7 Sep, 2024
Updated on 13 Oct, 2025
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5 min Read
Written by Vipul Tiwary
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आज के समय में महिलाओं में कमर दर्द की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। खासकर, 30-35 साल की महिलाएं कमर दर्द से ज्यादा परेशान रहती है। यह जरूरी नहीं की वृद्धावस्था में ही कमर दर्द हो बल्की कम उम्र कि महिलाओं को भी कमर दर्द की समस्या होने लगी है। एक रिसर्च की माने तो कमर दर्द की समस्या पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखने को मिलती है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि कमर दर्द होने के पीछे कारण क्या है और इसका इलाज कैसे करें। आइए जानते हैं, महिलाओं में कमर दर्द के कारण क्या है, पीठ में दर्द का इलाज कैसे करें, इत्यादि।
महिलाओं में कमर दर्द की समस्या की कई वजहें हो सकती है। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है:-
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अक्सर कमर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जब कोई महिला प्रिग्नेंट होती है तो लिगामेंट को शिथिल करने के लिए रिलैक्सिन नामक हार्मोन रिलीज होता है, जो पेट को जरूरत के हिसाब से बड़ा होने देता है और इस हार्मोन के कारण गर्भावस्था में कमर दर्द की समस्या हो सकती है।
महिलाओं में माहवारी के समय जब अत्यधिक दर्द होता है तो उसे डिस्मेनोरिया के नाम से जाना जाता है। इसमें कमर दर्द की समस्या तीन से चार दिनों तक रहती है।
हर महीने पीरियड्स आने के कुछ दिन पहले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम महिलाओं को प्रभावित करता है, जिसमें शारीरिक और मानसिक कमजोरी हो जाती है। जिसके कारण महिलाओं के सिर में दर्द, पैरों में दर्द और कमर में दर्द होता है। सभी महिलाओं में इसके लक्षण के दर्द अलग-अलग हो सकते हैं।
एंडोमेट्रिओसिस एक ऐसी समस्या है जिसमें एंडोमेट्रियल ऊत्तक गर्भाश्य के बाहर बढ़ने लगते हैं। इसके कारण अनियमित पीरियड्स और कमर दर्द की समस्या हो सकती है।
स्पाइनल ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या बहुत आम समस्या है। यह रीढ़ के ज्वाइंट को जोड़ने वाले जोड़ के घिस जाने या किसी कारण नुकसान हो जाने से होता है। उम्र बढ़ने या कई अन्य कारणो से महिलाओं में यह बहुत कॉमन समस्या है। इससे जांघ और पीठ के नितंबो में भी दर्द की समस्या हो सकती है।
मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो लगभग 50 की उम्र में देखने को मिलता है। एक महिला मेनोपॉज में तब प्रवेश करती है जब उसके पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं और इसी के साथ कई तरह के शारीरिक परिवर्तन आते हैं। इस स्थिति में महिलाओं को मेनोपॉज में कमर दर्द होना शुरू हो जाता है।
किसी भी स्थिति में कमर या पीठ में दर्द होना एक जटिल स्थिति है। यह दर्द लंबे समय तक हो सकता है। यदि कमर में तेज दर्द की समस्या है तो आप ओवर द काउंटर दवा ले सकते हैं, इसके लिए दर्द निवारक दवाइयां का उपयोग किया जा सकता है। ऐसे स्थिति में बेड रेस्ट की सलाह नहीं दी जाती है, इसमें तब तक काम करने कि सलाह दी जाती है जब तक दर्द को बरदास्त किया जा सकता है। जिन कामों को करने से आपके कमर दर्द में बढ़ोतरी होती है उन्हें नहीं करनी चाहिए। यदि लंबे समय तक घरेलू उपचार करने के बाद भी कमर दर्द ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से परामर्श करें और उचित इलाज करें।
यदि आप कमर दर्द से परेशान हैं तो कुछ घरेलू उपचार अपना कर दर्द से निजात पाया जा सकता है। महिलाओं में कमर दर्द के घरेलू उपचार निम्नलिखित है:-
आज के समय में महिलाओं में कमर दर्द की समस्या होना सामान्य हो गया है। कम उम्र की महिलाओं में भी कमर में दर्द की समस्या देखने को मिलने लगी है। इसके कारण में गर्भावस्था, डिस्मेनोरिया, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, मेनोपॉज, अनियमित पीरियड्स, इत्यादि है। इसके इलाज के लिए आप ओवर द काउंटर दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं या घरेलू इलाज का तरीका अपना सकते हैं।
यदि इससे भी ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से परामर्श करें। कमर दर्द के घरेलू इलाज के लिए हीटींग पैड का इस्तेमाल करें, गर्म पानी से स्नान करें, आइस पैक का प्रयोग करें, एक्सरसाइज करें, सोते समय तकिया का इस्तेमाल करें, इत्यादि। आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कब क्या हो जाए,यह कह पाना बहुत मुश्किल है, अनियमित खानपान और अनहेल्दी लाइफस्टाइल बीमारी का सबसे बड़ा कारण है।
इसलिए बढ़ती चिकित्सा महंगाई को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) लेना बहुत जरूरी है। यह आपको बीमारी के इलाज के लिए वित्तीय रूप से सहायता प्रदान करती है। आप केयर हेल्थ के परिवारिक स्वास्थ्य बीमा प्लान (Family Health Insurance) को खरीदने पर विचार कर सकते हैं। इसमें आपको परिवार के सभी सदस्यों के लिए कवरेज प्रदान की जाती है। यह आपको वार्षिक स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चे को भी कवर करता है और कई सारी स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान करती है।
>> जाने: सर्वाइकल पेन के लक्षण, कारण और घरेलू इलाज
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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पीरियड्स के दौरान दर्द एक तरह के रसायन या हार्मोन के कारण होता है जिसे प्रोस्टाग्लैंडिंस के नाम से जानते हैं। पीरियड्स में गर्भाशय ऊतक प्रोस्टाग्लैंडिंस का उत्पादन करते हैं, जिसकी वजह से मांसपेशियों में सिकुड़न होती है और कमर में दर्द उत्पन्न होता है।
कमर दर्द से राहत पाने के लिए आप प्रोटीन फूड, ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटी इंफ्लेमेटरी फूड, हरी सब्जियां और ताजे फल इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। जैसे- अखरोट, बादाम, दूध, अंडे, दाल, पालक, ब्रोकोली, चेरी, सेब, खट्टे फल, इत्यादि।
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