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Published on 3 Apr, 2024
Updated on 25 Feb, 2025
3256 Views
3 min Read
Written by Vipul Tiwary
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डायबिटिक फुट अल्सर पैरों में होने वाला एक गंभीर बीमारी है, जो डायबिटीज से ग्रसित लोगों में होता है। इसमें मरीज के पैर में घाव होता है। यह अल्सर दोनों प्रकार के डायबिटीज वाले लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारी तब होती है जब किसी कारण से आपके पैर को क्षती पहुंचती है। इससे नीचले भाग में घाव हो जाता है। ये छोटे घाव धीरे-धीरे बड़ी समस्या को जन्म दे सकते हैं। क्योंकि इनमें संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है, जो आपकी हड्डियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। पैरों के अल्सर को ठीक होने में एक सप्ताह या कई महीने भी लग सकते हैं। डायबिटीज के अल्सर होने पर दर्द नही होता है। आपका उम्र बढ़ना या लंबे समय से डायबिटीज होना, इस तरह के कारकों के कारण प्रभावित अंगों को निकालना पड़ सकता है।
डायबिटिक फुट अल्सर के प्रकार बहुत हैं, इसके तीन मुख्य प्रकार निम्नलिखित है:-
न्यूरोपैथी अल्सर लंबे समय से ग्रसित डायबिटीज मरीजों को होने वाली जटिलताओं में से है। इसमें वैसे नसों को क्षती होती है जो दर्द, तापमान और स्पर्श का आदान-प्रदान करती हैं। इसमें घाव भरने से अल्सर वाली स्कीन बहुत मोटी हो जाती है और वो नीचे के क्षेत्र को नुकसान पहुँचा सकती है, जिससे अल्सर होने का खतरा होता है। ये पैर की उंगलियों,अंगूठे और एड़ी हो सकते हैं।
इस्केमिक अल्सर का खतरा तब होता है, जब पेरिफेरल आर्टरी बीमारी के कारण शरीर में पर्याप्त रक्त का प्रवाह नहीं हो पाता है। इस प्रकार के डायबिटिक अल्सर को ठीक होने में काफी समय लगता है। साथ ही ऐसे अल्सर की तेजी से खराब होने की संभावना ज्यादा होती है। सामान्य तौर पर यह अल्सर पैरों की उंगलियों, एड़ी तथा किनारों वाले क्षेत्रो को ज्यादा प्रभावित करती है।
यह अल्सर उन लोगों को होता है, जो उपर बताए गए दोनों प्रकार के अल्सर से ग्रसित होते हैं। न्यूरोइस्केमिक अल्सर से शरीर का जो हिस्सा ग्रसित होता है, उस अंग को काटने की संभावना ज्यादा होती है। इस प्रकार के अल्सर पैस के पिछले हिस्से, मार्जिन और उंगलियों को ज्यादा प्रभावित करती है।
डायबिटिक फुट अल्सर के सभी तरह के मामलों में दर्द की संभावना नहीं होती है, इसके लक्षण निम्नलिखित है:-
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डायबिटिक फुट अल्सर की समस्या ज्यादातर उन लोगों में पाया जाता है, जो डायबिटीज के लिए इन्सुलिन का उपयोग करते हैं। वेट का बढ़ना, धुम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन इत्यादि कुछ ऐसे जोखिम कारक है, जो डायबिटिक फुट अल्सर के होने की संभावना को बढ़ाते हैं। डायबिटिक फुट अल्सर के मुख्य कारण हैं, पैरों में चोट लगना या दबाव, खराब ब्लड सर्कुलेशन, पैरों में समस्या, इत्यादि। यह समस्या उन लोगों को ज्यादा होता है जो डायबिटीज से काफी लंबे समय से ग्रसित है।
डायबिटिक फुट अल्सर पर यदि ध्यान नहीं दिया जाय तो यह एक गंभीर बीमारी बन जाती है। यदि डायबिटिक फुट अल्सर दवा इत्यादि से ठीक नहीं होता है तो सर्जरी की सिफारिस की जाती है। सर्जरी के दौरान मृत उत्तक को हटा दिया जाता है और अल्सर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
डायबिटिक फुट अल्सर सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर द्वारा संक्रमित ऊतकों को हटा दिया जाता है। और स्थिती ज्यादा गंभीर होने पर पुनर्निमाण सर्जरी की सलाह दी जाती है। इसके सर्जन को वैस्कुलर सर्जन कहा जाता है।
सामान्य रूप से, डॉक्टर फुट अल्सर देखने के बाद आपको निम्नलिखित टेस्ट के बारे में बता सकते हैं:-
डायबिटिक फुट अल्सर एक गंभीर समस्या है, जिसका इलाज नहीं कराए जाने पर यह बद से बदतर हो जाता है। यदि यह दवाई से ठीक नहीं होता है तो सर्जरी के द्वारा इसे ठीक किया जाता है, लेकिन सर्जरी में खर्चों का बोझ बढ़ जाता है। सर्जरी के लिए आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) भी ले सकते हैं, आप केयर हेल्थ के ऑपरेशन मेडिक्लेम प्लान (Operation Insurance) को ले सकते हैं और खर्चों की चिंता किए बिना अपनी सर्जरी करा सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस आपको बीमारीयों के इलाज में होने वाले खर्चों से बचाता है और आपको वित्तीय रूप से मजबूत रखता है।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी केवल संदर्भ उद्देश्यों के लिए है। सही चिकित्सीय सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्वास्थ्य बीमा लाभ पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ें।
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