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Published on 12 Sep, 2023
Updated on 9 Oct, 2025
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5 min Read
Written by Vipul Tiwary
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मिर्गी को डॉक्टरी भाषा में एपिलेप्सी के नाम से जाना जाता है, यह एक सामान्य क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल कंडिशन है। जिससे विश्वभर में लगभग 5 करोड़ से अधिक लोग परेशान है। मिर्गी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 नवंबर को नेशनल एपिलेप्सी डे मनाया जाता है। एपिलेप्सी दिमाग की एक बीमारी होती है, जिसके कारण व्यक्ति को बार-बार मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। यह बच्चों में एक आम स्थिति है। मिर्गी में पड़ने वाले दौरे अक्सर माता-पीता को काफी परेशान करते हैं। यह दौरे किशोरावस्था तक आते-आते बढ़ने लगते हैं। यदि इसका सही तरीके से देखभाल और इलाज किया जाए तो इसे ठीक किया जा सकता है। आइए जानते हैं, मिर्गी के लक्षण और उपाय क्या है, छोटे बच्चों को झटका क्यों आता है?, इत्यादि।
मिर्गी चौथी सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के साथ हो सकती है। मीर्गी का दौरा पड़ते समय बच्चा अपनी सोचने-समझने की शक्ति खो देता है और मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती है। मिर्गी सभी बच्चों में अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है, यह बच्चों की उम्र पर निर्भर करता हैं और इसे दवा के माध्यम से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। मिर्गी में कई बार व्यक्ति गिर जाता है और उसके शरीर में झटके आने लगते हैं, मुंह से झाग भी आ सकता है।
बच्चे या नवजात शिशु में मिर्गी के लक्षण उनके स्थिति और उम्र पर निर्भर करता है:-
क्या आप जानते हैं, मिर्गी क्यों आती है? बच्चों में मिर्गी का दौरा पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। मिर्गी का दौरा अनुवांशिक कारणो से भी हो सकता है। बच्चों में मिर्गी के दौरे पड़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-
क्या आप जानते हैं, मिर्गी के 2 मुख्य प्रकार क्या हैं? किसी व्यक्ति को मिर्गी कई तरह से परेशानी में डाल सकती है, जहां व्यक्ति को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। यह परेशानी तब होती है जब न्यूरॉन और मस्तिष्क के बीच का संचार सूचारू रूप से नहीं हो पाता है। वर्तमान में मिर्गी के दौरे 60 से ज्यादा प्रकार के होते हैं। मस्तिष्क के प्रभावित भाग के आधार पर इसे सामान्यकृत और आंशिक में बांटा गया है। जब मिर्गी किसी विशेष स्थिती या आयु के आधार पर होता है तो इसे मिर्गी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। बच्चों में होने वाले सामान्य मिर्गी के दौरे निम्नलिखित है:-
मिर्गी का इलाज पेशेंट की उम्र, संपूर्म स्वास्थ्य स्थिति और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है। इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित चीजों का इस्तेमाल कर सकता है:-
यदि कोई अपने बच्चे में मिर्गी के दौरे से अनजान है, तो वैसे में यह स्थिति बहुत ही भयावह और दर्दनाक हो जाती है। जानकारी के अभाव में ज्यादातर पैरेंट्स बहुत डर जाते हैं। आइए जानते हैं बच्चों में मिर्गी का दौरा पड़ने पर क्या करना चाहिए:-
एक बार दौरा आने का मतलब यह नहीं होता की बच्चे को मिर्गी है। ऐसे लोग भी होते हैं जिसके पूरे जीवनकाल में सिर्फ एक दौरा या एक से अधिक दौरे ही पड़ते हैं। कई बार दौरा अलग-अलग परिस्थितियों में भी आ सकती है, यह उच्च तापमान या विषाक्तता की वजह से भी हो सकता है।
मिर्गी एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जिसमें पीड़िता के दिमाग में असामान्य गतिविधियां होने लगती है। जिस तरह शॉर्ट-सर्किट में दो तारों के बीच क्रॉस-कनेक्शन होता है और करंट का प्रवाह गलत दिशा में होता है, वैसे ही दिमाग में असामान्य गतिविधियां होती है। यह चौथी सबसे आम न्यूरोलॉजिकल बीमारी है।
मिर्गी के लक्षण बेहोश होना, बोलने में समस्या होना, भावनाओं में बदलाव, तनाव, बात को समझने में परेशानी, बच्चों का एक टक एक ही जगह पर देखना, सांस लेने में परेशानी, मांसपेशियों में दर्द इत्यादि। बच्चों में मिर्गी के कारण इंफेक्शन, ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक, बच्चों के सिर में चोट लगना इत्यादि है।
यदि बात करें मिर्गी के प्रकार की तो यह 50 से ज्यादा प्रकार की होती है, जिसके कुछ प्रकारों को उपरोक्त भागों में बताया गया है। मिर्गी का इलाज कई तरह से होता है, जिसमें मस्तिष्क सर्जरी, एंटी-एपिलेप्टिक दवाएं, मिर्गी की दवाएं, लाइफस्टाइल में बदलाव, सर्जरी इत्यादि है। यदि किसी को मिर्गी का दौरा पड़ता है, तो आपको कैसे ख्याल रखना चाहिए, यह उपरोक्त भागों में बताया गया है।
एपिलेप्सी कई गंभीर बीमारियों के लिए जोखिम कारक भी हो सकता है। इसलिए आज के समय में बदलते लाइफस्टाइल के कारण आपको हेल्थ इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी है। यह आपको गंभीर बीमारियों में अस्पताल के भारी खर्चों से बचाता है और मुश्किल घड़ी में आपको वित्तिय रूप से मजबूत रखता है। आप केयर हेल्थ के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान (health insurance) को खरीद सकते हैं और अस्पताल के भारी खर्चों से बच सकते है। आप चाहें तो, फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस (health insurance for family)भी ले सकते हैं, जहां आपको परिवार के सभी सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्राप्त होता है।
>> जाने: ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या है? यह कैसे ठीक होता है?
डिस्क्लेमर: बच्चों में मिर्गी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, पता चलने पर डॉक्टर से तत्काल परामर्श करें। हेल्थ इंश्योरेंस के दावों की पूर्ति पॉलिसी के शर्तों और नियमों के अधीन है।
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मिर्गी का इलाज मरीज की बीमारी के उपर निर्भर करता है। यह जरूरी नहीं कि सभी मरीजों की दवा 3-5 साल तक चले। कुछ मरीजों को 6 महीने, साल भर या एक सप्ताह ही मेडिसिन खाने की जरूरत पड़ती है। कुछ मरीजों को आजीवन दवा खाने की जरूरत पड़ सकती है।
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