महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचने के उपाय

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‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के मुताबिक, हार्ट की बीमारी के कारण दुनिया भर में हर साल लगभग एक करोड़ 70 लाख लोग मरते हैं। हार्ट कि बीमारी में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण होती हैं। भारत में भी लाखों की संख्या में दिल के मरीज मौजूद हैं।

खराब लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी हार्ट की बीमारी के प्रमुख कारणों में से एक है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, हाइपरटेंशन जैसी कई गंभीर बीमारियां पैदा होने लगती है। इसका सिधा कनेक्शन हृदय से जुड़ा होता है। अटैक आने से पहले किसी भी महिला या पूरुष को हार्ट द्वारा कई संकेत दिए जाते हैं जिससे उनको हार्ट अटैक के खतरे का पता लग सकता है। 

‘क्लीवलैंड क्लीनिक मेडिकल सेंटर (अमेरिका)’, के एक शोध में पाया गया है कि हार्ट अटैक से पहले छाती में दर्द होने के अलावा भी कई ऐसे संकेत हैं, जो सिर्फ महिलाओं में दिखाई पड़ते हैं। आइए जानते हैं, महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षण और उपचार क्या होते हैं।

महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण क्या है?

महिलाओं में दिल के रोग के लक्षण निम्नलिखित है:-

सांस लेने में परेशानी - हार्ट अटैक के मामले में सांस लेने में समस्या होना बहुत सामान्य लक्षण हैं। ऐसे में सांस फुलने और हांफने जैसी समस्या होती है।

पेट से संबंधित बीमारी होना - पेट संबंधित बीमारी या तेज पेट दर्द होने पर अक्सर लोग इसे फ्लू, सीने में जलन या फूड पॉइजनिंग समझते हैं, लेकिन यदि पेट या उसके आसपास के क्षेत्र में ज्यादा असामान्य दबाव महसूस हो रहा है तो आपको डॉक्टर से परामर्श करने की जरूरत है।

ठंडा पसीना आना - यह कई बार नोटिस किया गया है कि महिलाओं को हार्ट अटैक के दौरान ठंडा पसीना आता है। हांलाकि, ऐसा डिप्रेशन या एंग्जाइटी की वजह से भी हो सकता है। ऐसा होने पर डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

बिना कोई काम किए थकान महसूस होना -  बिनी कोई काम किए या आराम करने के बावजूद यदि आपको थकान लगती है तो ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं ।

बदन दर्द होना - सामान्यतः हार्ट अटैक के मामले में बाएं हाथ में या सीने में दर्द होता है, लेकिन महिलाओं में गर्दन में दर्द और जबड़ों में दर्द भी हो सकता है। यह दर्द लगातार या तेज हो सकता है।

सीने में दर्द - सीने में बाईं तरफ दर्द होना हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक है, लेकिन कुछ महिलाओं में यह दर्द सिर्फ बाईं तरफ के बदले पूर सीने में होता है।

महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण

यदि हम बात करें महिलाओं की, तो पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में तनाव और चिंता की भावना ज्याद होती है। जिसके कारण महिलाओं में हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण महिलाओं में मानसिक समस्याएं भी हो सकती है। आईए जानते हैं महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण क्या होते हैं और इसका खतरा किन चीजों से बढ़ता है:-

  • मोटापा
  • तनाव
  • डायबिटीज
  • किडनी फेलियोर
  • हाई कोलेस्ट्रॉल
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • धूम्रपान
  • चयापचय संबंधी रोग
  • तला हुआ भोजन, पैकेज्ड और प्रसंस्कृत भोजन

हार्ट अटैक आने की उम्र क्या है?

आज के समय में हार्ट अटैक का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। पहले हार्ट अटैक सिर्फ बीमार या बुजुर्ग लोगों को ही होता था, लेकिन अब यह पिछले कुछ समय से युवा वर्ग को भी चपेट में ले रहा है। बीतें सालों में कई सेलेब्रिटी की भी मौतें हार्ट अटैक से हुई हैं। जिनकी उम्र महज 40-45 वर्ष थी।

जानकारी के अनुसार महिलाओं में 18 से 55 साल की उम्र में हार्ट अटैक का रिस्क दूसरों की तुलना में ज्यादा होता है। महिलाओं में पहले से हार्ट अटैक के लक्षण दिखने लगते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में जरूरी है कि संकेत मिलते ही इसे प्राथमिकता दी जाए । समान्यतः हार्ट अटैक की संभावन पुरुषों के लिए 46 वर्ष या उससे ज्यादा, और महिलाओं के लिए 56 वर्ष या उससे ज्यादा होती है।

>> इसे भी पढ़ें: क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण और उपचार?

हार्ट अटैक से बचने के उपाय

हार्ट अटैक यानी दिल के दौरे से बचने के लिए हार्ट को हेल्दी रखना बहुत जरूरी है। यहां हम बात करेंगे दिल को सेहतमंद रखने के कुछ आसान उपायों के बारे में:-

  • अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखें।
  • पौष्टिक एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार का सेवन करें।
  • तनाव लेने से बचें।
  • वजन को बनाए रखें।
  • नियमित रूप से टहलने की कोशिश करें।
  • रोजाना 15 मिनट मेडिटेशन और योगासन करें।
  • यदि आपको डायबिटीज है तो शक्कर की मात्रा को संतुलित रखें।
  • ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें।
  • नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराएं।
  • धूम्रपान और शराब पीने से बचें।

सारांश:- खराब लाइफस्टाइल के कारण स्ट्रेस, डिप्रेशन, ऐंजायटी, मोटापा, डायबिटीज जैसी कई गंभीर बीमारियां शरीर में घर बनाती हैं, और हार्ट अटैक के लक्षणों को बढ़ावा देती है। लाइफस्टाइल में बदलाव कर के और नियमित एक्सरसाइज और योगा कर के हार्ट अटैक के लक्षणों को कम किया जा सकता है।

यह बात तो तय है कि बीमारी की रोकथाम निश्चित रूप से इलाज से बेहतर विकल्प होता है। यहां तक कि डॉक्टर भी जोखिम कारकों को नियंत्रित करने के लिए सलाह देते हैं। यदि हम बात करें हार्ट अटैक के उपचार की तो यह सबसे महंगे उपचारों में से एक है जो की इस पर निर्भर करता है की व्यक्ति किस हृदय की स्थिति से पीड़ित है। किसी भी बीमारी के लिए लक्षणों को ठीक करने और कंट्रोल करने में दवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कभी कभी स्थिती गंभीर होने पर सर्जरी की आवश्यक्ता भी हो सकती है।

यही कारण है कि हार्ट के मरीजों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि हेल्थ पॉलिसी उपचार के खर्चों को कवर करती है। हेल्थ इंश्योरेंस की वजह से आपके वित्त पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा दिया गया  ‘हार्ट हेल्थ इंश्योरेंस’ (Heart Health Insurance) वार्षिक हृदय स्वास्थ्य जांच की सुविधा भी प्रदान करता है। यदि आप भी ऐसे परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहते हैं, तो हेल्थ पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

डिस्क्लेमर: यदि हार्ट अटैक से जुड़े किसी लक्षणों के बारे में आपको संकेत मिलता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। हृदय रोग के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।




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