स्ट्रोक- लक्षण, कारण और निवारण

CRITICAL ILLNESS MEDICLAIM


स्ट्रोक- लक्षण, कारण और निवारण

दुनिया भर में स्ट्रोक मौत का एक प्रमुख कारण है। अनियमित खानपान और जीवनशैली में बदलाव स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाता है। स्ट्रोक अस्थायी या स्थायी विकलांगता पैदा कर सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कितने समय तक बाधित होता है। आईए जानते हैं, स्ट्रोक क्या है, स्ट्रोक को कैसे रोका जाए, महिला में स्ट्रोक के कारण, इत्यादि।

स्ट्रोक क्या है ?

स्ट्रोक एक आपातकालीन स्थिति है जहां मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह या तो कम हो जाता है, अवरुद्ध हो जाता है या रक्त वाहिका फट जाती है। स्ट्रोक के दौरान, मस्तिष्क में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है । जो समय के साथ दीर्घकालिक क्षति का कारण बन सकती है। स्ट्रोक में लोगों को तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। जल्दी से कार्य करना मस्तिष्क क्षति को सीमित कर सकता है या मृत्यु को रोक सकता है। 

स्ट्रोक के प्रकार

मुख्य रूप से स्ट्रोक के चार प्रकार हैं – 

  • इस्केमिक 
  • इंट्रासेरेब्रल हेमरेज
  • सबराचोनोइड हेमोरेज
  • मिनी-स्ट्रोक

स्ट्रोक के लक्षण

आपका शरीर आपको और आपके आस-पास के लोगों को स्ट्रोक की चेतावनी संकेत दे सकता है, कि आपको दौरा पड़ रहा है। आमतौर पर नीचे दिए गये स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण हैं।

  • अचानक भ्रम 
  • अचानक सुन्नता या कमजोरी 
  • अचानक गंभीर सिरदर्द 
  • अचानक दृष्टि समस्याएं 
  • चलने में अचानक परेशानी 
  • चक्कर आना और संतुलन बिगड़ना

स्ट्रोक के कारण 

स्ट्रोक के कारण और रोकथाम निम्नलिखित है:-

  • उच्च रक्तचाप - यह स्ट्रोक के लिए प्रमुख कारक है।
  • मधुमेह - रक्त में अतिरिक्त शुगर धमनी की दीवारों पर फैट जमा कर देती है । जिससे रक्त के थक्कों की संभावना बढ़ जाती है।
  • हृदय रोग - रक्त के थक्के स्ट्रोक का कारण बन सकता है। दिल की विफलता, दोष या संक्रमण भी कारक हो सकते हैं।
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल - यह रक्त वाहिकाओं के अंदर फैट जमा कर देता है जिससे रुकावट हो सकती है।
  • जीवनशैली- स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाने वाली जीवनशैली जैसे धूम्रपान, सेकेंड हैंड स्मोक एक्सपोज़र, भौतिक निष्क्रियता, अत्यधिक शराब पीना, मोटापा, अवैध दवा का उपयोग, अस्वास्थ्यकारी आहार भी शामिल हैं।

स्ट्रोक के उपचार

सभी उम्र और लिंग के लोगों को स्ट्रोक हो सकता है। जानिए आवश्यक उपचार:

  • समय पर डाइयग्नोसिस व ट्रीटमेंट लें।
  • स्वस्थ रहने की आदतों का पालन करें और अपनी अन्य चिकित्सा स्थितियों को नियंत्रित करें।
  • धूम्रपान व शराब छोड़े, स्वस्थ आहार लें, वसा और कोलेस्ट्रॉल का सेवन कम कर दें।
  • एक स्वस्थ वजन प्राप्त करें ।

‘एक्ट फास्ट’ (Act FAST)

जब स्ट्रोक होता है तब इससे बचने के लिए ‘एक्ट फास्ट’ महत्वपूर्ण है। 

F, A, S और T अक्षर महत्वपूर्ण अनुस्मारक हैं यदि आपको लगता है कि किसी को स्ट्रोक हो रहा है तो इसका पालन करें।

F फॉर फेस: व्यक्ति को मुस्कुराने के लिए कहें। यदि चेहरा एक तरफ गिरता है, तो यह स्ट्रोक का संकेत है।

A फॉर आर्म्स: व्यक्ति को अपनी दोनों बाहों को ऊपर उठाने के लिए कहें। यदि कोई नीचे गिरता है, तो यह स्ट्रोक का संकेत है।

S फॉर स्पीच: व्यक्ति को एक साधारण वाक्यांश दोहराने के लिए कहें। यदि भाषण धीमा, धीमा या असामान्य है, तो यह एक स्ट्रोक का संकेत है।

T फॉर टाइम: यदि आपको इनमें से कोई भी संकेत दिखाई देता है, तो समय बर्बाद न करें जल्द ही व्यक्ति को हॉस्पिटल ले जाएं।

उपचार तथा सावधानी के साथ - साथ आपको एक बेहतरीन स्वास्थ्य बीमा भी लेना चाहिए। केयर हेल्थ इंश्योरेंस देता है आपको क्रिटिकल इलनेस मेडिक्लेम (Critical Illness Mediclaim) जिसमें स्ट्रोक जैसी स्थितियों के उपचार, देखभाल, और रिकवरी के लिए कवर दिया जाता है। आज ही क्रिटिकल इलनेस मेडिक्लेम खरीद कर स्वास्थ जीवन की ओर बढ़ें।

>> जानें: हीट स्ट्रोक क्या है?

डिस्क्लेमर: स्ट्रोक के दावों की पूर्ति पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन है।




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