

देसी खांड के फायदे और नुकसान
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02 जून 2025
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हर साल स्वास्थ्य बीमा सेक्टर में धोखाधड़ी वाले क्लेम के लिए बहुत अधिक राशि का भुगतान किया जाता है। भारत में वित्तीय अपराध पर EY (कंसल्टेंसी फर्म) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, 2018 से बीमा धोखाधड़ी में 30% की वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इससे न केवल बीमा क्षेत्र प्रभावित होता है, बल्कि निर्दोष ग्राहकों पर भी असर पड़ता है। इसलिए क्लेम की धोखाधड़ी को कम करने के लिए, सह-भुगतान का विकल्प लाया गया। अधिकांश स्वास्थ्य बीमा प्रदाता सह-भुगतान सेवा के साथ स्वास्थ्य बीमा प्रदान करते हैं। आइए इसे और बेहतर तरीके से समझते हैं।
स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत बीमित व्यक्ति द्वारा वहन की जाने वाली क्लेम राशि का प्रतिशत है। और क्लेम की गई बाकी राशि का भुगतान बीमा कंपनी करती है. . इसलिए, आप कह सकते हैं कि यह एक स्वीकार्य क्लेम राशि है जिसका भुगतान बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति, दोनों अपने-अपने प्रतिशत के हिसाब से साझा आधार पर करते हैं। सह-भुगतान उपनियम, प्रतिशत के साथ, हमेशा बीमा पॉलिसी में उल्लिखित होते हैं और चिकित्सा सेवाओं पर लागू होते हैं।
उदाहरण:
निदिमा ने बेस्ट स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदी और 10% सह-भुगतान के लिए सहमत हो गई। उनका ₹1.5 लाख का क्लेम स्वीकृत होता है। इस मामले में, उन्हें 1.5 लाख का 10%, यानी ₹15000 सह-भुगतान के रूप में देने होंगे। बाकी 90% का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाएगा। निदिमा को कंपनी के साथ दर्ज किए गए हर क्लेम के लिए सह-भुगतान राशि का भुगतान करना होगा. ।
इस प्रकार, स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान स्वास्थ्य बीमा कंपनी के साथ की गई एक व्यवस्था है, जिसमें बीमित व्यक्ति को मेडिकल खर्चों के एक हिस्से का भुगतान करना होता है। शेष राशि का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा किया जाता है।
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केयर हेल्थ इंश्योरेंस विभिन्न हेल्थकेयर आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस तरह आप अपनी मेडिकल आवश्यकताओं के अनुसार अपने बीमा प्लान को तैयार कर सकते हैं।
पॉलिसी में सह-भुगतान उपनियम जोड़ने से स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को न केवल खर्चों का कुछ हिस्सा बचाने में मदद मिलती है, बल्कि कंपनी को नीचे बताए गए कुछ फायदे भी होते हैं।
स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान की अवधारणा से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि यह उपनियम क्यों है और आपको अपने मेडिकल बिलों में कितना योगदान देना होगा। आइए इसकी बुनियादी विशेषताओं के बारे में बात करते हैं:
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सह-भुगतान वाली पॉलिसी लेते समय आपको इन कुछ कारकों पर विचार करना चाहिए:
आमतौर पर भारत में, "सह-भुगतान बीमा" और "सह-बीमा" का मतलब एक ही समझा जाता है। हालांकि दोनों स्वास्थ्य बीमा प्लान में लागत को साझा किया जाता है, लेकिन सह-बीमा चिकित्सा सेवा की कुल लागत का एक प्रतिशत होता है, जिसे आप अपनी डिडक्टिबल को पूरा करने के बाद भुगतान करते हैं। दूसरी ओर, सह-भुगतान एक निश्चित राशि है जिसका भुगतान आप चिकित्सा सेवा के लिए करते हैं।
अगर आपने सह-भुगतान का विकल्प चुना है, तो यह आपके प्रीमियम पर असर डाल सकता है। अगर आपके बीमा में डिडक्टिबल राशि के साथ सह-भुगतान का प्रतिशत अधिक है, तो वास्तव में आपका बीमा प्रीमियम कम होगा। इसका कारण यह है कि उच्च सह-भुगतान के साथ, भुगतान का जोखिम बीमित और बीमा कंपनी के बीच लगभग समान रूप से विभाजित किया जाता है।
मान लीजिए कि A स्मार्ट सेलेक्ट बेनिफिट के साथ इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनते हैं। पहले पॉलिसी वर्ष के लिए उनका प्रीमियम ₹15,000 है।
अब, अगर A स्मार्ट सेलेक्ट बेनिफिट का विकल्प नहीं चुनता है और स्मार्ट सेलेक्ट हॉस्पिटल में सूचीबद्ध हॉस्पिटल्स के अलावा किसी अन्य हॉस्पिटल से इलाज कराने का विकल्प चुनता है, तो 20% सह-भुगतान लागू होगा। इसके अनुसार, पॉलिसी के पहले वर्ष का प्रीमियम ₹12,750 होगा, जो सामान्य प्रीमियम से 15% कम है।
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सह-भुगतान या को-पेमेंट एक ऐसा समझौता है जिसमें बीमित व्यक्ति और बीमा कंपनी, दोनों मिलकर खर्च उठाते हैं। इस व्यवस्था में, हर बार क्लेम करते हुए बीमित व्यक्ति को बीमारी के इलाज के मेडिकल खर्चों का एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करना होता है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के नियम और शर्तों के आधार पर को-पे राशि और प्रतिशत अलग-अलग हो सकते हैं। आमतौर पर, भारत में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में एक को-पे क्लॉज़ होता है, जो कुल मेडिकल खर्चों के 10% से 30% के बीच होता है, जिसमें बीमा प्रदाता शेष राशि का भुगतान करता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी विशेष बीमारी के इलाज के दौरान किया गया कुल मेडिकल खर्च ₹1 लाख है और पॉलिसी में सह-भुगतान उपनियम 20% है, तो बीमित व्यक्ति को ₹20,000 (₹1 लाख का 20%) का भुगतान करना होगा और बीमा कंपनी शेष ₹80,000 का भुगतान करेगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सह-भुगतान सभी चिकित्सा खर्चों के लिए लागू नहीं होता। कुछ पॉलिसी में केवल विशिष्ट उपचार या मेडिकल प्रोसीज़र के लिए सह-भुगतान उपनियम लागू हो सकता है। सह-भुगतान उपनियम और इसकी लागू होने की योग्यता को समझने के लिए पॉलिसी के नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना महत्वपूर्ण है।
मेडिकल इमरजेंसी कब आएगी, कोई नहीं बता सकता। ये कभी भी, किसी के साथ भी हो सकती है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, गलत खानपान और सोने के अनियमित समय की वजह से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। कम उम्र के लोग भी कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसलिए ये ज़रूरी हो गया है कि हम अपनी और अपनों की सेहत का ध्यान रखें और उनकी सुरक्षा के लिए कदम उठाएं। मेडिकल के खर्च लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए, आपको एक ऐसा स्वास्थ्य बीमा प्लान लेना चाहिए जो आपके मेडिकल बिलों को कवर करे और आपकी बचत को भी बनाए रखे। आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत टैक्स लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
सह-भुगतान और डिडक्टिबल, स्वास्थ्य बीमा प्लान की प्रमुख विशेषताएं हैं। पॉलिसीधारकों को स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान और डिडक्टिबल के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। केयर हेल्थ इंश्योरेंस के सुपर टॉप-अप बीमा प्लान में डिडक्टिबल एक प्रमुख विशेषता है। आइए इन्हें समझते हैं:
पहलू | डिडक्टिबल | सह भुगतान |
---|---|---|
परिभाषा | बीमा कंपनी द्वारा मेडिकल खर्चों को कवर किए जाने से पहले, बीमित व्यक्ति को एक निश्चित राशि का भुगतान करना होगा। | मेडिकल सर्विसेज़ का लाभ उठाते समय बीमित व्यक्ति को हर मेडिकल बिल का एक निश्चित प्रतिशत भुगतान करना होगा। |
भुगतान आवृत्ति | पॉलिसी की शर्तों के आधार पर, प्रति पॉलिसी अवधि में एक बार या फिर हर क्लेम पर भुगतान किया जाता है। | पॉलिसी की शर्तों के अनुसार, हर बार मेडिकल सेवाओं का लाभ उठाने पर भुगतान किया जाता है। |
उदाहरण | अगर डिडक्टिबल ₹10,000 है और क्लेम ₹50,000 है, तो बीमित व्यक्ति को ₹10,000 और बीमा कंपनी को ₹40,000 का भुगतान करना होगा | अगर सह-भुगतान 20% है, और मेडिकल बिल ₹10,000 है, तो बीमित व्यक्ति को ₹2,000 का भुगतान करना होगा। |
एप्लीकेशन पर | कुल क्लेम राशि पर लागू होता है; डिडक्टिबल पूरा होने के बाद बीमा कंपनी खर्चों को कवर करती है। | यह हर एक मेडिकल सेवा या बिल पर अलग-अलग लागू होता है, चाहे कुल क्लेम राशि कितनी भी हो। |
बीमा में भूमिका | अक्सर सुपर टॉप-अप प्लान में देखा जाता है, शुरुआती लागत की जिम्मेदारी बीमित व्यक्ति पर डालकर प्रीमियम की लागत को कम किया जाता है। | स्वास्थ्य बीमा प्लान में बीमा कंपनी और बीमित व्यक्ति के बीच खर्चों को बांटा जाना आम बात है। |
अगर बीमित व्यक्ति या उम्रदराज बीमित व्यक्ति (फ्लोटर प्लान के लिए) नई पॉलिसी लेते समय 61 (कुछ मामलों में, 71) या उससे अधिक उम्र का है, तो पॉलिसीधारक को अनिवार्य रूप से 20% (या कभी-कभी 10%) का सह-भुगतान करना होगा। कुल बीमा राशि के तहत बीमा कंपनी को केवल बकाया राशि का भुगतान करना होता है।
मान लीजिए कि बीमित व्यक्ति या उम्रदराज बीमित व्यक्ति (फ्लोटर प्लान के लिए) की आयु 61 वर्ष हो जाती है। तो, हम पॉलिसीधारक को बाद के रिन्यूअल पर एक विकल्प प्रदान करते हैं, जिसमें वे अतिरिक्त 20% सह-भगतान विकल्प चुन सकते हैं। पॉलिसीधारक को उनके प्रीमियम पर 20% की छूट मिलेगी।
भारत में कई तरह के मेडिकल बीमा प्लान हैं। आप अपनी ज़रूरत के अनुसार अपने लिए प्लान चुन सकते हैं। किसी पॉलिसी पर विचार करते समय, सह-भुगतान उपनियम को ध्यान में रखना और यह जानना कि स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान क्या होता है और इसका क्या महत्व है, आपको एक स्पष्ट विचार देगा और आपके भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा। हालांकि, सह-भुगतान उपनियम के बिना स्वास्थ्य बीमा प्लान खरीदना संभव है। लेकिन उस मामले में, आपको अधिक प्रीमियम का भुगतान करना होगा। यह बीमा प्रदाता और बीमित व्यक्ति के बीच क्लेम के जोखिम और देयता को विभाजित कर देता है, जिससे प्लान किफायती हो जाते हैं। इसलिए, आपको अपने विकल्पों को ध्यान में रखना होगा और उसके अनुसार मेडिकल बीमा पर विचार करना होगा। सह-भुगतान उपनियम के साथ केयर द्वारा पेश की जाने वाली स्वास्थ्य बीमा कवरेज का पता लगाएं, जिससे आपको अधिक कवरेज मिलेगा और देयता कम हो जाएगी।
हेल्थ इंश्योरेंस एक कवच है जो मेडिकल इमरजेंसी के मामले में आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षा प्रदान करता है।
सही स्वास्थ्य बीमा प्लान यह सुनिश्चित करता है कि मेडिकल इमरजेंसी के दौरान फाइनेंशियल संकट आपके लिए समस्या न बने।
देश में हेल्थकेयर की बढ़ती लागत के साथ, अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का विकल्प चुनना पूरी तरह से व्यक्ति और परिवार की सुरक्षा के लिए एक स्मार्ट निर्णय है।
अपने आस-पास के हॉस्पिटल्स की तलाश करें
स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान कैसे काम करता है यह जानने से पहले, आपको यह जानना चाहिए कि स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान क्या है। यह क्लेम राशि का वह न्यूनतम प्रतिशत है, जिसे पॉलिसीधारक के रूप में, आपको कुल हॉस्पिटल बिल में से वहन करना होता है। हॉस्पिटल में हॉस्पिटल इंश्योरेंस/TPA डेस्क आपको सह-भुगतान की राशि के बारे में बताएगा। हालांकि, अधिकतम राशि का भुगतान हमारे द्वारा किया जाएगा।
स्वास्थ्य बीमा में उपनियम के तहत, प्रत्येक क्लेम के लिए पॉलिसीधारक को 20-30% राशि का भुगतान करना होगा। यह हॉस्पिटल में भर्ती होने के खर्चों, हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले और छुट्टी मिलने के बाद के मेडिकल खर्चों, वैकल्पिक उपचार, एम्बुलेंस और घर पर उपचार पर लागू होता है। बीमित व्यक्ति के 71 वर्ष का होने तक पॉलिसी वर्ष में प्रति क्लेम 10% बढ़ जाएगा।
अगर आश्रित माता-पिता की आयु 61 वर्ष या उससे अधिक है, तो मेडिक्लेम पॉलिसी के तहत सह-भुगतान का प्रतिशत 20% होगा।
स्वीकार्य राशि क्लेम की कुल राशि है जिसे बीमित व्यक्ति और बीमा कंपनी द्वारा सह-भुगतान प्रतिशत के अनुसार आपस में बांटने के आधार पर वहन किया जाता है।
हां। केयर सुप्रीम एक कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान है जो रोगियों को सह-भुगतान या डिडक्टिबल का भुगतान किए बिना नेटवर्क हॉस्पिटल्स से कवर किए गए लाभ प्राप्त करने की सुविधा देता है।
अगर फैमिली फ्लोटर प्लान के मामले में स्वास्थ्य बीमा वाले व्यक्ति या परिवार के सबसे बड़े सदस्य की आयु 61 वर्ष या उससे अधिक है, तो वह 20% के स्वास्थ्य बीमा में सह-भुगतान के लिए जिम्मेदार होगा। हालांकि केयर फ्रीडम प्लान के मामले में, बीमित व्यक्ति द्वारा भुगतान की जाने वाली राशि 30% है।
हमारा सुझाव है कि चिकित्सा बीमा में सह-भुगतान के बारे में पढ़ें। आपको हॉस्पिटल इंश्योरेंस/TPA डेस्क से क्लेम सेटलमेंट के समय अपने सह-भुगतान दायित्व के बारे में पता चलेगा और आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक मैसेज भी प्राप्त होगा।
हां, यह कैशलेस हॉस्पिटल में भर्ती होने पर भी लगाया जाता है।
हां, सह-भुगतान उपनियम वाली पॉलिसी सस्ती होती हैं, क्योंकि क्लेम सेटलमेंट का दायित्व स्वास्थ्य बीमा प्रदाता और पॉलिसीधारकों के बीच विभाजित होता है।
**Dec'25 तक सेटल किए गए क्लेम की संख्या
^3-वर्ष की पॉलिसी पर 10% की छूट लागू होती है
^^फरवरी 2025 तक कैशलेस हेल्थकेयर प्रदाताओं की संख्या
केयर हेल्थ इंश्योरेंस के साथ बेस्ट वित्तीय सुरक्षा पाएं!
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सेवाएं: 8860402452
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